< 詩篇 121 >
1 都もうでの歌 わたしは山にむかって目をあげる。わが助けは、どこから来るであろうか。
मैं अपनी आँखें पहाड़ों की तरफ उठाऊगा; मेरी मदद कहाँ से आएगी?
मेरी मदद ख़ुदावन्द से है, जिसने आसमान और ज़मीन को बनाया।
3 主はあなたの足の動かされるのをゆるされない。あなたを守る者はまどろむことがない。
वह तेरे पाँव को फिसलने न देगा; तेरा मुहाफ़िज़ ऊँघने का नहीं।
4 見よ、イスラエルを守る者はまどろむこともなく、眠ることもない。
देख! इस्राईल का मुहाफ़िज़, न ऊँघेगा, न सोएगा।
5 主はあなたを守る者、主はあなたの右の手をおおう陰である。
ख़ुदावन्द तेरा मुहाफ़िज़ है; ख़ुदावन्द तेरे दहने हाथ पर तेरा सायबान है।
6 昼は太陽があなたを撃つことなく、夜は月があなたを撃つことはない。
न आफ़ताब दिन को तुझे नुक़सान पहुँचाएगा, न माहताब रात को।
7 主はあなたを守って、すべての災を免れさせ、またあなたの命を守られる。
ख़ुदावन्द हर बला से तुझे महफूज़ रख्खेगा, वह तेरी जान को महफूज़ रख्खेगा।
8 主は今からとこしえに至るまで、あなたの出ると入るとを守られるであろう。
ख़ुदावन्द तेरी आमद — ओ — रफ़्त में, अब से हमेशा तक तेरी हिफ़ाज़त करेगा।