< レビ記 19 >

1 主はモーセに言われた、
फिर ख़ुदावन्द ने मूसा से कहा,
2 「イスラエルの人々の全会衆に言いなさい、『あなたがたの神、主なるわたしは、聖であるから、あなたがたも聖でなければならない。
“बनी — इस्राईल की सारी जमा'अत से कह कि तुम पाक रहो; क्यूँकि मैं जो ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ पाक हूँ
3 あなたがたは、おのおのその母とその父とをおそれなければならない。またわたしの安息日を守らなければならない。わたしはあなたがたの神、主である。
तुम में से हर एक अपनी माँ और अपने बाप से डरता रहे, और तुम मेरे सबतों को मानना; मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।
4 むなしい神々に心を寄せてはならない。また自分のために神々を鋳て造ってはならない。わたしはあなたがたの神、主である。
तुम बुतों की तरफ़ रुजू' न होना, और न अपने लिए ढाले हुए मा'बूद बनाना; मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।
5 酬恩祭の犠牲を主にささげるときは、あなたがたが受け入れられるように、それをささげなければならない。
“और जब तुम ख़ुदावन्द के सामने सलामती के ज़बीहे पेश करो, तो उनको इस तरह पेश करना कि तुम मक़बूल हो।
6 それは、ささげた日と、その翌日とに食べ、三日目まで残ったものは、それを火で焼かなければならない。
और जिस दिन उसे पेश करो उस दिन और दूसरे दिन वह खाया जाए, और अगर तीसरे दिन तक कुछ बचा रह जाए तो वह आग में जला दिया जाए।
7 もし三日目に、少しでも食べるならば、それは忌むべきものとなって、あなたは受け入れられないであろう。
और अगर वह ज़रा भी तीसरे दिन खाया जाए, तो मकरूह ठहरेगा और मक़बूल न होगा;
8 それを食べる者は、主の聖なる物を汚すので、そのとがを負わなければならない。その人は民のうちから断たれるであろう。
बल्कि जो कोई उसे खाए उसका गुनाह उसी के सिर लगेगा, क्यूँकि उसने ख़ुदावन्द की पाक चीज़ को नजिस किया; इसलिए वह शख़्स अपने लोगों में से काट डाला जाएगा।
9 あなたがたの地の実のりを刈り入れるときは、畑のすみずみまで刈りつくしてはならない。またあなたの刈入れの落ち穂を拾ってはならない。
“और जब तुम अपनी ज़मीन की पैदावार की फ़स्ल काटो, तो अपने खेत के कोने — कोने तक पूरा — पूरा न काटना और न कटाई की गिरी — पड़ी बालों को चुन लेना।
10 あなたのぶどう畑の実を取りつくしてはならない。またあなたのぶどう畑に落ちた実を拾ってはならない。貧しい者と寄留者とのために、これを残しておかなければならない。わたしはあなたがたの神、主である。
और तू अपने अंगूरिस्तान का दाना — दाना न तोड़ लेना, और न अपने अंगूरिस्तान के गिरे हुए दानों को जमा' करना; उनको ग़रीबों और मुसाफ़िरों के लिए छोड़ देना। मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।
11 あなたがたは盗んではならない。欺いてはならない。互に偽ってはならない。
“तुम चोरी न करना और न दग़ा देना और न एक दूसरे से झूट बोलना।
12 わたしの名により偽り誓って、あなたがたの神の名を汚してはならない。わたしは主である。
और तुम मेरा नाम लेकर झूटी क़सम न खाना जिससे तू अपने ख़ुदा के नाम को नापाक ठहराए; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
13 あなたの隣人をしえたげてはならない。また、かすめてはならない。日雇人の賃銀を明くる朝まで、あなたのもとにとどめておいてはならない。
“तू अपने पड़ोसी पर न ज़ुल्म करना, न उसे लूटना। मज़दूर की मज़दूरी तेरे पास सारी रात सुबह तक रहने न पाए।
14 耳しいを、のろってはならない。目しいの前につまずく物を置いてはならない。あなたの神を恐れなければならない。わたしは主である。
तू बहरे को न कोसना, और न अन्धे के आगे ठोकर खिलाने की चीज़ को धरना, बल्कि अपने ख़ुदा से डरना। मैं ख़ुदावन्द हूँ।
15 さばきをするとき、不正を行ってはならない。貧しい者を片よってかばい、力ある者を曲げて助けてはならない。ただ正義をもって隣人をさばかなければならない。
“तुम फ़ैसले में नारास्ती न करना, न तो ग़रीब की रि'आयत करना और न बड़े आदमी का लिहाज़; बल्कि रास्ती के साथ अपने पड़ोसी का इन्साफ़ करना।
16 民のうちを行き巡って、人の悪口を言いふらしてはならない。あなたの隣人の血にかかわる偽証をしてはならない。わたしは主である。
तू अपनी क़ौम में इधर — उधर लुतरापन न करते फिरना, और न अपने पड़ोसी का ख़ून करने पर आमादा होना; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
17 あなたは心に兄弟を憎んではならない。あなたの隣人をねんごろにいさめて、彼のゆえに罪を身に負ってはならない。
तू अपने दिल में अपने भाई से बुग्ज़ न रखना; और अपने पड़ोसी को ज़रूर डाँटते भी रहना, ताकि उसकी वजह से तेरे सिर गुनाह न लगे।
18 あなたはあだを返してはならない。あなたの民の人々に恨みをいだいてはならない。あなた自身のようにあなたの隣人を愛さなければならない。わたしは主である。
तू इन्तक़ाम न लेना, और न अपनी क़ौम की नसल से कीना रखना, बल्कि अपने पड़ोसी से अपनी तरह मुहब्बत करना; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
19 あなたがたはわたしの定めを守らなければならない。あなたの家畜に異なった種をかけてはならない。あなたの畑に二種の種をまいてはならない。二種の糸の混ぜ織りの衣服を身につけてはならない。
“तू मेरी शरी'अतों को माननाः तू अपने चौपायों को ग़ैर जिन्स से भरवाने न देना, और अपने खेत में दो क़िस्म के बीज एक साथ न बोना, और न तुझ पर दो क़िस्म के मिले जुले तार का कपड़ा हो।
20 だれでも、人と婚約のある女奴隷で、まだあがなわれず、自由を与えられていない者と寝て交わったならば、彼らふたりは罰を受ける。しかし、殺されることはない。彼女は自由の女ではないからである。
“अगर कोई ऐसी 'औरत से सुहबत करे जो लौंडी और किसी शख़्स की मंगेतर हो, और न तो उसका फ़िदिया ही दिया गया हो और न वह आज़ाद की गई हो, तो उन दोनों की सज़ा मिले लेकिन वह जान से मारे न जाएँ इसलिए कि वह 'औरत आज़ाद न थी।
21 しかし、その男は愆祭を主に携えてこなければならない。すなわち、愆祭の雄羊を、会見の幕屋の入口に連れてこなければならない。
और वह आदमी अपने जुर्म की क़ुर्बानी के लिए ख़ेमा — ए — इजितमा'अ के दरवाज़े पर ख़ुदावन्द के सामने एक मेंढा लाए कि वह उसके जुर्म की क़ुर्बानी हो।
22 そして、祭司は彼の犯した罪のためにその愆祭の雄羊をもって、主の前に彼のために、あがないをするであろう。こうして彼の犯した罪はゆるされるであろう。
और काहिन उसके जुर्म की क़ुर्बानी के मेंढे से उसके लिए ख़ुदावन्द के सामने कफ़्फ़ारा दे, तब जो ख़ता उसने की है वह उसे मु'आफ़ की जाएगी।
23 あなたがたが、かの地にはいって、もろもろのくだものの木を植えるときは、その実はまだ割礼をうけないものと、見なさなければならない。すなわち、それは三年の間あなたがたには、割礼のないものであって、食べてはならない。
और जब तुम उस मुल्क में पहुँचकर क़िस्म — क़िस्म के फल के दरख़्त लगाओ तो तुम उनके फल को जैसे नामख़्तून समझना वह तुम्हारे लिए तीन बरस तक नामख़्तून के बराबर हों और खाए न जाएँ।
24 四年目には、そのすべての実を聖なる物とし、それをさんびの供え物として主にささげなければならない。
और चौथे साल उनका सारा फल ख़ुदावन्द की तम्जीद करने के लिए पाक होगा।
25 しかし五年目には、あなたがたはその実を食べることができるであろう。こうするならば、それはあなたがたのために、多くの実を結ぶであろう。わたしはあなたがたの神、主である。
तब पाँचवे साल से उनका फल खाना ताकि वह तुम्हारे लिए इफ़रात के साथ पैदा हों। मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।
26 あなたがたは何をも血のままで食べてはならない。また占いをしてはならない。魔法を行ってはならない。
“तुम किसी चीज़ को ख़ून के साथ न खाना। और न जादू मंतर करना, न शगुन निकालना।
27 あなたがたのびんの毛を切ってはならない。ひげの両端をそこなってはならない。
तुम अपने अपने सिर के गोशों को बाल काट कर गोल न बनाना, और न तू अपनी दाढ़ी के कोनों को बिगाड़ना।
28 死人のために身を傷つけてはならない。また身に入墨をしてはならない。わたしは主である。
तुम मुर्दों की वजह से अपने जिस्म को ज़ख़्मी न करना, और न अपने ऊपर कुछ गुदवाना। मैं ख़ुदावन्द हूँ।
29 あなたの娘に遊女のわざをさせて、これを汚してはならない。これはみだらな事が国に行われ、悪事が地に満ちないためである。
तू अपनी बेटी को कस्बी बना कर नापाक न होने देना, कहीं ऐसा न हो कि मुल्क में रण्डी बाज़ी फैल जाए और सारा मुल्क बदकारी से भर जाए।
30 あなたがたはわたしの安息日を守り、わたしの聖所を敬わなければならない。わたしは主である。
तुम मेरे सबतों को मानना और मेरे हैकल की ता'ज़ीम करना; मैं ख़ुदावन्द हूँ।
31 あなたがたは口寄せ、または占い師のもとにおもむいてはならない。彼らに問うて汚されてはならない。わたしはあなたがたの神、主である。
जो जिन्नात के यार हैं और जो जादूगर हैं, तुम उनके पास न जाना और न उनके तालिब होना कि वह तुम को नजिस बना दें। मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।
32 あなたは白髪の人の前では、起立しなければならない。また老人を敬い、あなたの神を恐れなければならない。わたしは主である。
“जिनके सिर के बाल सफ़ेद हैं, तुम उनके सामने उठ खड़े होना और बड़े — बूढ़े का अदब करना, और अपने ख़ुदा से डरना। मैं ख़ुदावन्द हूँ।
33 もし他国人があなたがたの国に寄留して共にいるならば、これをしえたげてはならない。
'और अगर कोई परदेसी तेरे साथ तुम्हारे मुल्क में क़याम करता हो तो तुम उसे आज़ार न पहुँचाना;
34 あなたがたと共にいる寄留の他国人を、あなたがたと同じ国に生れた者のようにし、あなた自身のようにこれを愛さなければならない。あなたがたもかつてエジプトの国で他国人であったからである。わたしはあなたがたの神、主である。
बल्कि जो परदेसी तुम्हारे साथ रहता हो उसे देसी की तरह समझना, बल्कि तू उससे अपनी तरह मुहब्बत करना; इसलिए कि तुम मुल्क — ए — मिस्र में परदेसी थे। मैं ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा हूँ।
35 あなたがたは、さばきにおいても、物差しにおいても、はかりにおいても、ますにおいても、不正を行ってはならない。
“तुम इन्साफ़, और पैमाइश, और वज़न, और पैमाने में नारास्ती न करना।
36 あなたがたは正しいてんびん、正しいおもり石、正しいエパ、正しいヒンを使わなければならない。わたしは、あなたがたをエジプトの国から導き出したあなたがたの神、主である。
ठीक तराजू, ठीक तौल बाट पूरा ऐफ़ा और पूरा हीन रखना। जो तुम को मुल्क — ए — मिस्र से निकाल कर लाया मैं ही हूँ, ख़ुदावन्द तुम्हारा ख़ुदा।
37 あなたがたはわたしのすべての定めと、わたしのすべてのおきてを守って、これを行わなければならない。わたしは主である』」。
इसलिए तुम मेरे सब आईन और सब अहकाम मानना और उन पर 'अमल करना; मैं ख़ुदावन्द हूँ।”

< レビ記 19 >