< 詩篇 11 >
1 われヱホバに依賴めり なんぢら何ぞわが霊魂にむかひて鳥のごとくなんぢの山にのがれよといふや
मेरा भरोसा ख़ुदावन्द पर है तुम क्यूँकर मेरी जान से कहते हो कि चिड़िया की तरह अपने पहाड़ पर उड़ जा?
2 視よあしきものは暗處にかくれ心なほきものを射んとて弓をはり絃に矢をつがふ
क्यूँकि देखो! शरीर कमान खींचते हैं वह तीर को चिल्ले पर रखते हैं ताकि अँधेरे में रास्त दिलों पर चलायें।
अगर बुनयाद ही उखाड़ दी जाये तो सादिक़ क्या कर सकता है।
4 ヱホバはその聖宮にいます ヱホバの寳座は天にありその目はひとのこを鑒 その眼瞼はかれらをこころみたまふ
ख़ुदावन्द अपनी पाक हैकल में है ख़ुदावन्द का तख़्त आसमान पर है। उसकी आँखें बनी आदम को देखती और उसकी पलकें उनको जाँचती हैं।
5 ヱホバは義者をこころむ そのみこころは惡きものと強暴をこのむ者とをにくみ
ख़ुदावन्द सादिक़ को परखता है लेकिन शरीर और ज़ुल्म को पसन्द करने वाले से उसकी रूह को नफ़रत है
6 羂をあしきもののうへに降したまはん火と硫磺ともゆる風とはかれらの酒杯にうくべきものなり
वह शरीरों पर फंदे बरसायेगा आग और गंधक और लू उनके प्याले का हिस्सा होगा।
7 ヱホバはただしき者にして義きことを愛したまへばなり 直きものはその聖顔をあふぎみん
क्यूँकि ख़ुदावन्द सादिक़ है वह सच्चाई को पसंद करता है रास्त बाज़ उसका दीदार हासिल करेंगे।