< ヨブ 記 20 >
तब नआमथवासी ज़ोफर ने कहना प्रारंभ किया:
2 これに因てわれ答をなすの思念を起し心しきりに之がために急る
“मेरे विचारों ने मुझे प्रत्युत्तर के लिए प्रेरित किया क्योंकि मेरा अंतर्मन उत्तेजित हो गया था.
3 我を辱しむる警語を我聞ざるを得ず 然しながらわが了知の性われをして答ふることを得せしむ
मैंने उस झिड़की की ओर ध्यान दिया, जो मेरा अपमान कर रही थी इसका भाव समझकर ही मैंने प्रत्युत्तर का निश्चय किया है.
“क्या आरंभ से तुम्हें इसकी वास्तविकता मालूम थी, उस अवसर से जब पृथ्वी पर मनुष्य की सृष्टि हुई थी,
5 惡き人の勝誇は暫時にして邪曲なる者の歡樂は時の間のみ
अल्पकालिक ही होता है, दुर्वृत्त का उल्लास तथा क्षणिक होता है पापिष्ठ का आनंद.
भले ही उसका नाम आकाश तुल्य ऊंचा हो तथा उसका सिर मेघों तक जा पहुंचा हो,
7 終には己の糞のごとくに永く亡絶べし 彼を見識る者は言ん彼は何處にありやと
वह कूड़े समान पूर्णतः मिट जाता है; जिन्होंने उसे देखा था, वे पूछते रह जाएंगे, ‘कहां है वह?’
8 彼は夢の如く過さりて復見るべからず 夜の幻のごとく追はらはれん
वह तो स्वप्न समान टूट जाता है, तब उसे खोजने पर भी पाया नहीं जा सकता, रात्रि के दर्शन समान उसकी स्मृति मिट जाती है.
9 彼を見たる目かさねてかれを見ることあらず 彼の住たる處も再びかれを見ること無らん
जिन नेत्रों ने उसे देखा था, उनके लिए अब वह अदृश्य है; न ही वह स्थान, जिसके सामने वह बना रहता था.
10 その子等は貧しき者に寛待を求めん 彼もまたその取し貨財を手づから償さん
उसके पुत्रों की कृपा दीनों पर बनी रहती है तथा वह अपने हाथों से अपनी संपत्ति लौटाता है.
11 その骨に少壯氣勢充り 然れどもその氣勢もまた塵の中に彼とおなじく臥ん
उसकी हड्डियां उसके यौवन से भरी हैं किंतु यह शौर्य उसी के साथ धूल में जा मिलता है.
“यद्यपि उसके मुख को अनिष्ट का स्वाद लग चुका है और वह इसे अपनी जीभ के नीचे छिपाए रखता है,
यद्यपि वह इसकी आकांक्षा करता रहता है, वह अपने मुख में इसे छिपाए रखता है,
14 然どその食物膓の中にて變り 腹の内にて蝮の毒とならん
फिर भी उसका भोजन उसके पेट में उथल-पुथल करता है; वह वहां नाग के विष में परिणत हो जाता है.
15 かれ貨財を呑たれども復之を吐いださん 神これを彼の腹より推いだしたまふべし
उसने तो धन-संपत्ति निगल रखी है, किंतु उसे उगलना ही होगा; परमेश्वर ही उन्हें उसके पेट से बाहर निकाल देंगे.
वह तो नागों के विष को चूस लेता है; सर्प की जीभ उसका संहार कर देती है.
वह नदियों की ओर दृष्टि नहीं कर पाएगा, उन नदियों की ओर, जिनमें दूध एवं दही बह रहे हैं.
18 その勞苦て獲たる物は之を償して自ら食はず 又それを求めたる所有よりは快樂を得じ
वह अपनी उपलब्धियों को लौटाने लगा है, इसका उपभोग करना उसके लिए संभव नहीं है; व्यापार में मिले लाभ का वह आनंद न ले सकेगा.
19 是は彼貧しき者を虐遇げて之を棄たればなり 假令家を奪ひとるとも之を改め作ることを得ざらん
क्योंकि उसने कंगालों पर अत्याचार किए हैं तथा उनका त्याग कर दिया है; उसने वह घर हड़प लिया है, जिसका निर्माण उसने नहीं किया है.
20 かれはその腹に飽ことを知ざるが故に自己の深く喜ぶ物をも保つこと能はじ
“इसलिये कि उसका मन विचलित था; वह अपनी अभिलाषित वस्तुओं को अपने अधिकार में न रख सका.
21 かれが遺して食はざる物とては一も無し 是によりてその福祉は永く保たじ
खाने के लिये कुछ भी शेष न रह गया; तब अब उसकी समृद्धि अल्पकालीन ही रह गई है.
22 その繁榮の眞盛において彼は艱難に迫られ 乏しき者すべて手をこれが上に置ん
जब वह परिपूर्णता की स्थिति में होगा तब भी वह संतुष्ट न रह सकेगा; हर एक व्यक्ति, जो इस समय यातना की स्थिति में होगा, उसके विरुद्ध उठ खड़ा होगा.
23 かれ腹を充さんとすれば神烈しき震怒をその上に下し その食する時にこれをその上に降したまふ
जब वह पेट भरके खा चुका होगा, परमेश्वर अपने प्रचंड कोप को उस पर उंडेल देंगे, तभी यह कोप की वृष्टि उस पर बरस पड़ेगी.
संभव है कि वह लौह शस्त्र के प्रहार से बच निकले किंतु कांस्यबाण तो उसे बेध ही देगा.
25 是に於て之をその身より拔ば閃く鏃その膽より出きたりて畏懼これに臨む
यह बाण उसकी देह में से खींचा जाएगा, और यह उसकी पीठ की ओर से बाहर आएगा, उसकी चमकदार नोक उसके पित्त से सनी हुई है. वह आतंक से भयभीत है.
26 各種の黑暗これが寳物ををほろぼすために蓄へらる 又人の吹おこせしに非る火かれを焚き その天幕に遺りをる者をも焚ん
घोर अंधकार उसकी संपत्ति की प्रतीक्षा में है. अग्नि ही उसे चट कर जाएगी. यह अग्नि उसके तंबू के बचे हुओं को भस्म कर जाएगी.
स्वर्ग ही उसके पाप को उजागर करेगा; पृथ्वी भी उसके विरुद्ध खड़ी होगी.
उसके वंश का विस्तार समाप्त हो जाएगा, परमेश्वर के कोप-दिवस पर उसकी संपत्ति नाश हो जाएगी.
29 是すなはち惡き人が神より受る分 神のこれに定めたまへる數なり
यही होगा परमेश्वर द्वारा नियत दुर्वृत्त का भाग, हां, वह उत्तराधिकार, जो उसे याहवेह द्वारा दिया गया है.”