< 申命記 29 >
1 ヱホバ、モーセに命じモアブの地にてイスラエルの子孫と契約を結ばしめたまふその言は斯のごとし是はホレブにてかれらと結びし契約の外なる者なり
१इस्राएलियों से जो वाचा के बाँधने की आज्ञा यहोवा ने मूसा को मोआब के देश में दी उसके ये ही वचन हैं, और जो वाचा उसने उनसे होरेब पहाड़ पर बाँधी थी यह उससे अलग है।
2 モーセ、イスラエルの全家を呼あつめて之に言けるは汝らはヱホバがエジプトの地において汝らの目の前にてパロとその臣下とその全地とに爲たまひし一切の事を觀たり
२फिर मूसा ने सब इस्राएलियों को बुलाकर कहा, “जो कुछ यहोवा ने मिस्र देश में तुम्हारे देखते फ़िरौन और उसके सब कर्मचारियों, और उसके सारे देश से किया वह तुम ने देखा है;
3 即ち其大なる試煉と徴證と大なる奇跡とを汝目に觀たるなり
३वे बड़े-बड़े परीक्षा के काम, और चिन्ह, और बड़े-बड़े चमत्कार तेरी आँखों के सामने हुए;
4 然るにヱホバ今日にいたるまで汝らの心をして悟ることなく目をして見ることなく耳をして聞ことなからしめたまへり
४परन्तु यहोवा ने आज तक तुम को न तो समझने की बुद्धि, और न देखने की आँखें, और न सुनने के कान दिए हैं।
5 四十年の間われ汝らを導きて曠野を通りしが汝らの身の衣服は古びず汝の足の鞋は古びざりき
५मैं तो तुम को जंगल में चालीस वर्ष लिए फिरा; और न तुम्हारे तन पर वस्त्र पुराने हुए, और न तेरी जूतियाँ तेरे पैरों में पुरानी हुईं;
6 汝らはまたパンをも食はず葡萄酒をも濃酒をも飮ざりき斯ありて汝らは我が汝らの神ヱホバなることを知り
६रोटी जो तुम नहीं खाने पाए, और दाखमधु और मदिरा जो तुम नहीं पीने पाए, वह इसलिए हुआ कि तुम जानो कि मैं यहोवा तुम्हारा परमेश्वर हूँ।
7 汝らこの處に來りし時ヘシボンの王シホンおよびバシヤンの王オグ我らを迎へて戰ひしが我らこれを打敗りて
७और जब तुम इस स्थान पर आए, तब हेशबोन का राजा सीहोन और बाशान का राजा ओग, ये दोनों युद्ध के लिये हमारा सामना करने को निकल आए, और हमने उनको जीतकर उनका देश ले लिया;
8 その地を取りこれをルベン人とガド人とマナセの半支派とに與へて產業となさしめたり
८और रूबेनियों, गादियों, और मनश्शे के आधे गोत्र के लोगों को निज भाग करके दे दिया।
9 然ば汝らこの契約の言を守りてこれを行ふべし然れば汝らの凡て爲ところに祥あらん
९इसलिए इस वाचा की बातों का पालन करो, ताकि जो कुछ करो वह सफल हो।
10 汝らみな今日なんぢらの神ヱホバの前に立つ即ち汝らの首領等なんぢらの支派なんぢらの長老等および汝らの牧司等などイスラエルの一切の人
१०“आज क्या वृद्ध लोग, क्या सरदार, तुम्हारे मुख्य-मुख्य पुरुष, क्या गोत्र-गोत्र के तुम सब इस्राएली पुरुष,
11 汝らの小き者等汝らの妻ならびに汝らの營の中にをる客旅など凡て汝のために薪を割る者より水を汲む者にいたるまで皆ヱホバの前に立て
११क्या तुम्हारे बाल-बच्चे और स्त्रियाँ, क्या लकड़हारे, क्या पानी भरनेवाले, क्या तेरी छावनी में रहनेवाले परदेशी, तुम सब के सब अपने परमेश्वर यहोवा के सामने इसलिए खड़े हुए हो,
12 汝の神ヱホバの契約に入んとし又汝の神ヱホバの汝にむかひて今日なしたまふところの誓に入んとす
१२कि जो वाचा तेरा परमेश्वर यहोवा आज तुझ से बाँधता है, और जो शपथ वह आज तुझको खिलाता है, उसमें तू सहभागी हो जाए;
13 然ばヱホバさきに汝に言しごとくまた汝の先祖アブラハム、イサク、ヤコブに誓ひしごとく今日なんぢを立て己の民となし己みづから汝の神となりたまはん
१३इसलिए कि उस वचन के अनुसार जो उसने तुझको दिया, और उस शपथ के अनुसार जो उसने अब्राहम, इसहाक, और याकूब, तेरे पूर्वजों से खाई थी, वह आज तुझको अपनी प्रजा ठहराए, और आप तेरा परमेश्वर ठहरे।
14 我はただ汝らと而已此契約と誓とを結ぶにあらず
१४फिर मैं इस वाचा और इस शपथ में केवल तुम को नहीं,
15 今日此にてわれらの神ヱホバの前に我らとともにたちをる者ならびに今日われらとともに此にたち居ざる者ともこれを結ぶなり
१५परन्तु उनको भी, जो आज हमारे संग यहाँ हमारे परमेश्वर यहोवा के सामने खड़े हैं, और जो आज यहाँ हमारे संग नहीं हैं, सहभागी करता हूँ।
16 我らは如何にエジプトの地に住をりしか如何に國々を通り來りしか汝らこれを知り
१६तुम जानते हो कि जब हम मिस्र देश में रहते थे, और जब मार्ग में की जातियों के बीचों बीच होकर आ रहे थे,
17 汝らはまた木石金銀にて造れる憎むべき物および偶像のその國々にあるを見たり
१७तब तुम ने उनकी कैसी-कैसी घिनौनी वस्तुएँ, और काठ, पत्थर, चाँदी, सोने की कैसी मूरतें देखीं।
18 然ば汝らの中に今日その心に我らの神ヱホバを離れて其等の國々の神に往て事ふる男女宗族支派などあるべからず又なんぢらの中に葶藶または茵蔯を生ずる根あるべからず
१८इसलिए ऐसा न हो, कि तुम लोगों में ऐसा कोई पुरुष, या स्त्री, या कुल, या गोत्र के लोग हों जिनका मन आज हमारे परमेश्वर यहोवा से फिर जाए, और वे जाकर उन जातियों के देवताओं की उपासना करें; फिर ऐसा न हो कि तुम्हारे मध्य ऐसी कोई जड़ हो, जिससे विष या कड़वा फल निकले,
19 斯る人はこの呪詛の言を聞もその心に自ら幸福なりと思ひて言ん我はわが心を剛愎にして事をなすも尚平安なり終には酔飽る者をもて渇ける者を除くにいたらんと
१९और ऐसा मनुष्य इस श्राप के वचन सुनकर अपने को आशीर्वाद के योग्य माने, और यह सोचे कि चाहे मैं अपने मन के हठ पर चलूँ, और तृप्त होकर प्यास को मिटा डालूँ, तो भी मेरा कुशल होगा।
20 是のごとき人はヱホバかならず之を赦したまはじ還てヱホバの忿怒と嫉妬の火これが上に燃えまたこの書にしるしたる災禍みなその身に加はらんヱホバつひにその人の名を天が下より抹さりたまふべし
२०यहोवा उसका पाप क्षमा नहीं करेगा, वरन् यहोवा के कोप और जलन का धुआँ उसको छा लेगा, और जितने श्राप इस पुस्तक में लिखे हैं वे सब उस पर आ पड़ेंगे, और यहोवा उसका नाम धरती पर से मिटा देगा।
21 ヱホバすなはちイスラエルの諸の支派の中よりその人を分ちてこれに災禍を下しこの律法の書にしるしたる契約中の諸の呪詛のごとくしたまはん
२१और व्यवस्था की इस पुस्तक में जिस वाचा की चर्चा है उसके सब श्रापों के अनुसार यहोवा उसको इस्राएल के सब गोत्रों में से हानि के लिये अलग करेगा।
22 汝等の後に起る汝らの子孫の代の人および遠き國より來る客旅この地の災禍を見またヱホバがこの地に流行せたまふ疾病を見て言ところあらん
२२और आनेवाली पीढ़ियों में तुम्हारे वंश के लोग जो तुम्हारे बाद उत्पन्न होंगे, और परदेशी मनुष्य भी जो दूर देश से आएँगे, वे उस देश की विपत्तियाँ और उसमें यहोवा के फैलाए हुए रोग को देखकर,
23 即ち彼ら見るにその全地は硫黄となり鹽となり且燒土となりて種も蒔れず產する所もなく何の草もその上に生せずして彼の昔ヱホバがその震怒と忿恨とをもて毀ちたましソドム、ゴモラ、アデマ、ゼポイムの毀たれたると同じかるべければ
२३और यह भी देखकर कि इसकी सब भूमि गन्धक और लोन से भर गई है, और यहाँ तक जल गई है कि इसमें न कुछ बोया जाता, और न कुछ जम सकता, और न घास उगती है, वरन् सदोम और गमोरा, अदमा और सबोयीम के समान हो गया है जिन्हें यहोवा ने अपने कोप और जलजलाहट में उलट दिया था;
24 彼らも國々の人もみな言んヱホバ何とて斯この地になしたるやこの烈しき大なる震怒は何事ぞやと
२४और सब जातियों के लोग पूछेंगे, ‘यहोवा ने इस देश से ऐसा क्यों किया? और इस बड़े कोप के भड़कने का क्या कारण है?’
25 その時人應へて曰ん彼らはその先祖たちの神ヱホバがエジプトの地より彼らを導きいだして彼らと結びたるその契約を棄て
२५तब लोग यह उत्तर देंगे, ‘उनके पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा ने जो वाचा उनके साथ मिस्र देश से निकालने के समय बाँधी थी उसको उन्होंने तोड़ा है।
26 往て己の識ずまた授らざる他の神々に事へてこれを拝みたるが故なり
२६और पराए देवताओं की उपासना की है जिन्हें वे पहले नहीं जानते थे, और यहोवा ने उनको नहीं दिया था;
27 是をもてヱホバこの地にむかひて震怒を發しこの書にしるしたる諸の災禍をこれに下し
२७इसलिए यहोवा का कोप इस देश पर भड़क उठा है, कि पुस्तक में लिखे हुए सब श्राप इस पर आ पड़ें;
28 而してヱホバ震怒と忿恨と大なる憤怨をもて彼らをこの地より抜とりてこれを他の國に投やれりその状今日のごとし
२८और यहोवा ने कोप, और जलजलाहट, और बड़ा ही क्रोध करके उन्हें उनके देश में से उखाड़कर दूसरे देश में फेंक दिया, जैसा कि आज प्रगट है।’
29 隠微たる事は我らの神ヱホバに屬する者なりまた顯露されたる事は我らと我らの子孫に屬し我らをしてこの律法の諸の言を行はしむる者なり
२९“गुप्त बातें हमारे परमेश्वर यहोवा के वश में हैं; परन्तु जो प्रगट की गई हैं वे सदा के लिये हमारे और हमारे वंश के वश में रहेंगी, इसलिए कि इस व्यवस्था की सब बातें पूरी की जाएँ।