< サムエル記Ⅱ 1 >
1 サウルの死し後ダビデ、アマレク人を撃てかへりチクラグに二日とどまりけるが
शाऊल की मृत्यु हो चुकी थी और दावीद को अमालेकियों का संहार कर लौटे हुए दो दिन व्यतीत हो चुके थे.
2 第三日に及びて一個の人其衣を裂き頭に土をかむりて陣營より即ちサウルの所より來りダビデの許にいたり地にふして拝せり
तीसरे दिन शाऊल के शिविर से एक व्यक्ति वहां आया उसके वस्त्र फटे हुए थे और उसके केशों में धूल समाई हुई थी. जब वह दावीद के निकट पहुंचा, उसने दंडवत हो उनका अभिवादन किया.
3 ダビデかれにいひけるは汝いづくより來れるやかれダビデにいひけるはイスラエルの陣營より逃れきたれり
दावीद ने उससे प्रश्न किया, “कहां से आ रहे हो?” उसने उत्तर दिया, “मैं इस्राएली सेना के शिविर से बच निकल भागकर यहां पहुंचा हूं.”
4 ダビデかれにいひけるは事いかん請ふ我につげよかれこたへけるは民戰に敗れて逃げ民おほく仆れて死りまたサウルと其子ヨナタンも死り
दावीद ने उससे आगे पूछा, “मुझे बताओ वहां स्थिति क्या है?” उसने उत्तर दिया, “इस्राएली सेना पीठ दिखाकर भागी है. अनेक सैनिक घायल हुए, और अनेक मारे गए हैं. शाऊल और उनके पुत्र योनातन भी युद्ध में मारे गये.”
5 ダビデ其おのれにつぐる少者にいひけるは汝いかにしてサウルと其子ヨナタンの死たるをしるや
दावीद ने उस संदेशवाहक युवक से प्रश्न किया, “तुम्हें यह कैसे ज्ञात हुआ कि शाऊल और योनातन की मृत्यु हो चुकी है?”
6 ダビデにつぐる少者いひけるは我はからずもギルボア山にのぼり見しにサウル其槍に倚かかりをりて戰車と騎兵かれにせめよらんとせり
उस सूचना देनेवाले युवक ने उन्हें बताया, “संयोगवश में उस समय गिलबोआ पर्वत पर ही था. वहां मैंने देखा कि शाऊल अपने भाले पर झुके हुए थे, घुड़सवार और रथ उनकी ओर बढ़े चले आ रहे थे,
7 彼うしろにふりむきて我を見我をよびたれば我こたへて我ここにありといふ
उन्होंने मुड़कर मेरी ओर देखा और मुझे पुकारा, मैंने उनसे कहा, ‘आज्ञा दीजिए?’
8 かれ我に汝は誰なるやといひければ我かれにこたへて我はアマレク人なりといふ
“उन्होंने ही मुझसे पूछा, ‘कौन हो तुम?’ “मैंने उन्हें उत्तर दिया, ‘मैं अमालेकी हूं.’
9 かれまた我にいひけるはわが身いたく攣ば請ふ我うへにのりて我をころせわが生命なほわれの中にまつたければなりと
“उन्होंने मुझसे कहा, ‘मेरे निकट आकर मुझे इस पीड़ा से मुक्त कर दो. मेरी मृत्यु की पीड़ा असहनीय हो रही है, परंतु मेरे प्राण निकल नहीं रहे.’
10 我すなはちかれの上にのりてかれを殺したり其は我かれが旣に仆て生ることをえざるをしりたればなりしかして我その首にありし冕とその腕にありし釧を取りてこれをわが主に携へきたれり
“तब मैं उनके निकट गया और उन पर वार कर उनकी हत्या कर दी, क्योंकि यह स्पष्ट ही थी कि भाले पर गिरने के बाद उनका जीवित रहना असंभव था. फिर मैंने उनका मुकुट उनके सिर से उठाया, उनकी बांह से उनका कंगन निकाला, और अपने स्वामी के लिए उन्हें ले आया हूं.”
11 是においてダビデおのれの衣を執てこれを裂けりまた彼とともにある者も皆しかせり
तब दावीद ने अपने कपड़ों को पकड़कर उन्हें फाड़ दिया, और यही उनके सभी साथियों ने भी किया.
12 彼等サウルのためまた其子ヨナタンのためまたヱホバの民のためイスラエルの家のために哭きかなしみて晩まで食を斷り其は彼ら劍にたふれたればなり
शाऊल, उनके पुत्र योनातन और तलवार से घात किए गए याहवेह की प्रजा और इस्राएल वंश के लिए वे सांझ तक विलाप करते रहे और उन्होंने उपवास किया.
13 ダビデおのれに告し少者にいひけるは汝は何處の者なるやかれこたへけるは我は他國の人すなはちアマレク人なりと
दावीद ने उस युवक से जो समाचार लाया था पूछा, “कहां के हो तुम?” और उसने उन्हें उत्तर दिया था, “मैं एक विदेशी की संतान हूं, एक अमालेकी.”
14 ダビデかれにいひけるは汝なんぞ手をのばしてヱホバの膏そそぎし者をころすことを畏ざりしやと
दावीद ने इस युवक से प्रश्न किया, “याहवेह के अभिषिक्त पर हाथ उठाते हुए तुम्हें भय क्यों न लगा?”
15 ダビデ一人の少者をよびていひけるは近よりてかれをころせとすなはちかれをうちければ死り
दावीद ने अपने एक युवा साथी को बुलाकर उससे कहा, “जाकर उसे समाप्त कर दो.” तब उस साथी ने अमालेकी पर वार किया और उसकी मृत्यु हो गई.
16 ダビデかれにいひけるは汝の血は汝の首に歸せよ其は汝口づから我ヱホバのあぶらそそぎし者をころせりといひて己にむかひて證をたつればなり
दावीद ने कहा, “तुम्हारा रक्त-दोष तुम्हारे ही सिर पर है, क्योंकि स्वयं तुमने यह कहते हुए अपने मुख से अपने ही विरुद्ध गवाही दी है, ‘मैंने याहवेह के अभिषिक्त की हत्या की है.’”
दावीद ने शाऊल और उनके पुत्र योनातन के लिए यह शोक गीत गाया,
18 ダビデ命じてこれをユダの族にをしへしむ即ち弓の歌是なり是はヤシル書に記さる
और उन्होंने यह आदेश प्रसारित किया, कि यह गीत सारे यहूदियावासियों को सिखाया जाए (यह गीत याशर के ग्रंथ में अंकित है):
19 イスラエルよ汝の榮耀は汝の崇邱に殺さる嗚呼勇士は仆れたるかな
“इस्राएल, तुम्हारा गौरव तुम्हारे ही उच्च स्थानों पर घात किया गया है. कैसे पराक्रमी गिर पड़े हैं!
20 此事をガテに告るなかれアシケロンの邑に傳るなかれ恐くはペリシテ人の女等喜ばん恐くは割禮を受ざる者の女等樂み祝はん
“इसका उल्लेख गाथ में न किया जाए, इसका उल्लेख अश्कलोन की गलियों में भी न किया जाए, ऐसा न हो कि फिलिस्तीनियों की पुत्रियां इस पर उल्लास मनाने लगें, ऐसा न हो कि अख़तनितों की पुत्रियां हर्षित होने लगें.
21 ギルボアの山よ願は汝の上に雨露降ることあらざれ亦供物の田園もあらざれ其は彼處に勇士の干棄らるればなり即ちサウルの干膏を沃がずして彼處に棄らる
“गिलबोआ के पर्वतों, तुम पर न तो ओस पड़े, और न बारिश, तुम पर उपजाऊ खेत भी न हों. क्योंकि इसी स्थान पर शूर योद्धा की ढाल दूषित की गई, शाऊल की ढाल बिना तेल लगाए रह गई.
22 殺せし者の血をのまずしてヨナタンの弓は退かず勇士の脂を食ずしてサウルの劍は空く歸らず
“घात किए हुओं के रक्त से, शूरवीरों की चर्बी से, योनातन का धनुष कभी खाली न लौटा, वैसे ही शाऊल की तलवार का वार कभी विफल नहीं हुआ.
23 サウルとヨナタンは愛らしく樂げにして生死ともに離れず二人は鷲よりも捷く獅子よりも強かりき
शाऊल और योनातन अपने जीवनकाल में प्रिय और आकर्षक थे, मृत्यु में भी वे विभक्त नहीं हुए. उनमें गरुड़ों सदृश तेज गति, और सिंहों सदृश बल था.
24 イスラエルの女等よサウルのために哀けサウルは絳き衣をもて汝等を華麗に粧ひ金の飾を汝等の衣に着たり
“इस्राएल की पुत्रियो, शाऊल के लिए विलाप करो, जिन्होंने तुम्हें भव्य बैंगनी वस्त्र पहनाए, जिन्होंने वस्त्रों के अलावा तुम्हें सोने के आभूषण भी दिए.
25 嗚呼勇士は戰の中に仆たるかなヨナタン汝の崇邱に殺されぬ
“शूर कैसे घात किए गए युद्ध में! तुम्हारे उच्च स्थल पर योनातन मृत पड़ा है.
26 兄弟ヨナタンよ我汝のために悲慟む汝は大に我に樂き者なりき汝の我をいつくしめる愛は尋常ならず婦の愛にも勝りたり
योनातन, मेरे भाई, तुम्हारे लिए मैं शोकाकुल हूं; तुम मुझे अत्यंत प्रिय थे. मेरे लिए तुम्हारा प्रेम, नारी के प्रेम से कहीं अधिक मधुर था.
“कैसे शूर मिट गए! कैसे युद्ध के हथियार नष्ट हो गए!”