< 1 Cronache 14 >

1 Chiram, re di Tiro, mandò messaggeri a Davide con legno di cedro, muratori e falegnami per costruirgli una casa.
सोर के राजा हीराम ने दाऊद के पास दूत भेजे, और उसका भवन बनाने को देवदार की लकड़ी और राजमिस्त्री और बढ़ई भेजे।
2 Davide allora riconobbe che il Signore l'aveva confermato re su Israele e che il suo regno era molto esaltato a causa del suo popolo Israele.
तब दाऊद को निश्चय हो गया कि यहोवा ने उसे इस्राएल का राजा करके स्थिर किया है, क्योंकि उसकी प्रजा इस्राएल के निमित्त उसका राज्य अत्यन्त बढ़ गया था।
3 Davide prese altre mogli in Gerusalemme e generò figli e figlie.
यरूशलेम में दाऊद ने और स्त्रियों से विवाह कर लिया, और उनसे और बेटे-बेटियाँ उत्पन्न हुईं।
4 I figli che gli erano nati in Gerusalemme si chiamavano Sammua, Sobab, Natàn, Salomone,
उसकी जो सन्तान यरूशलेम में उत्पन्न हुई, उनके नाम ये हैं: शम्मू, शोबाब, नातान, सुलैमान;
5 Ibcar, Elisua, Elipelet,
यिभार, एलीशू, एलपेलेत;
6 Noga, Nefeg, Iafia,
नोगह, नेपेग, यापी, एलीशामा,
7 Elisamà, Beeliada ed Elifèlet.
बेल्यादा और एलीपेलेत।
8 Quando i Filistei seppero che Davide era stato unto re su tutto Israele, vennero tutti per impadronirsi di lui. Appena ne fu informato, Davide uscì loro incontro.
जब पलिश्तियों ने सुना कि पूरे इस्राएल का राजा होने के लिये दाऊद का अभिषेक हुआ, तब सब पलिश्तियों ने दाऊद की खोज में चढ़ाई की; यह सुनकर दाऊद उनका सामना करने को निकल गया।
9 I Filistei giunsero e si sparsero per la valle di Rèfaim.
पलिश्ती आए और रपाईम नामक तराई में धावा बोला।
10 Davide consultò Dio: «Se marcio contro i Filistei, li metterai nelle mie mani?». Il Signore rispose: «Marcia; li metterò nelle tue mani».
१०तब दाऊद ने परमेश्वर से पूछा, “क्या मैं पलिश्तियों पर चढ़ाई करूँ? और क्या तू उन्हें मेरे हाथ में कर देगा?” यहोवा ने उससे कहा, “चढ़ाई कर, क्योंकि मैं उन्हें तेरे हाथ में कर दूँगा।”
11 Quelli vennero a Baal-Perazìm e là Davide li sconfisse. Questi disse: «Dio ha aperto per mio mezzo una breccia fra i miei nemici, come una breccia prodotta dall'acqua»; per questo il luogo fu chiamato Baal-Perazìm.
११इसलिए जब वे बालपरासीम को आए, तब दाऊद ने उनको वहीं मार लिया; तब दाऊद ने कहा, “परमेश्वर मेरे द्वारा मेरे शत्रुओं पर जल की धारा के समान टूट पड़ा है।” इस कारण उस स्थान का नाम बालपरासीम रखा गया।
12 I Filistei vi abbandonarono i loro idoli e Davide ordinò: «Brucino tra le fiamme!».
१२वहाँ वे अपने देवताओं को छोड़ गए, और दाऊद की आज्ञा से वे आग लगाकर फूँक दिए गए।
13 Di nuovo i Filistei tornarono a invadere la valle.
१३फिर दूसरी बार पलिश्तियों ने उसी तराई में धावा बोला।
14 Davide consultò ancora Dio, che gli rispose: «Non seguirli; aggirali e raggiungili dalla parte di Becoim.
१४तब दाऊद ने परमेश्वर से फिर पूछा, और परमेश्वर ने उससे कहा, “उनका पीछा मत कर; उनसे मुड़कर तूत के वृक्षों के सामने से उन पर छापा मार।
15 Quando sentirai rumore di passi fra le cime degli alberi, allora uscirai a combattere, perché Dio ti precederà per colpire l'accampamento dei Filistei».
१५और जब तूत के वृक्षों की फुनगियों में से सेना के चलने की सी आहट तुझे सुन पड़े, तब यह जानकर युद्ध करने को निकल जाना कि परमेश्वर पलिश्तियों की सेना को मारने के लिये तेरे आगे जा रहा है।”
16 Davide fece come Dio gli aveva comandato. Sbaragliò l'esercito dei Filistei da Gàbaon fino a Ghezer.
१६परमेश्वर की इस आज्ञा के अनुसार दाऊद ने किया, और इस्राएलियों ने पलिश्तियों की सेना को गिबोन से लेकर गेजेर तक मार लिया।
17 La fama di Davide si diffuse in tutti i paesi, mentre il Signore lo rendeva terribile fra tutte le genti.
१७तब दाऊद की कीर्ति सब देशों में फैल गई, और यहोवा ने सब जातियों के मन में उसका भय भर दिया।

< 1 Cronache 14 >