< Yesaya 48 >

1 Dengarlah, hai keturunan Yakub, keturunan Yehuda yang memakai nama Israel, katamu engkau mengakui Allah Israel, dan bersumpah atas nama TUHAN. Tetapi kata-katamu itu tidak tulus.
हे याकूब के घराने, यह बात सुन, तुम जो इस्राएली कहलाते और यहूदा के सोतों के जल से उत्पन्न हुए हो; जो यहोवा के नाम की शपथ खाते हो और इस्राएल के परमेश्वर की चर्चा तो करते हो, परन्तु सच्चाई और धार्मिकता से नहीं करते।
2 Sekalipun begitu, engkau mengakui dengan bangga bahwa engkau penduduk kota suci; dan bahwa engkau bersandar pada Allah Israel yang disebut TUHAN Yang Mahakuasa.
क्योंकि वे अपने को पवित्र नगर के बताते हैं, और इस्राएल के परमेश्वर पर, जिसका नाम सेनाओं का यहोवा है भरोसा करते हैं।
3 TUHAN berkata, "Dengarlah, hai Israel! Apa yang terjadi dahulu, sudah lama Kuberitahukan; apa yang Kukatakan, tiba-tiba Kulaksanakan dan Kujadikan kenyataan.
“होनेवाली बातों को तो मैंने प्राचीनकाल ही से बताया है, और उनकी चर्चा मेरे मुँह से निकली, मैंने अचानक उन्हें प्रगट किया और वे बातें सचमुच हुईं।
4 Aku tahu bahwa engkau tegar hati, keras kepala dan berkepala batu.
मैं जानता था कि तू हठीला है और तेरी गर्दन लोहे की नस और तेरा माथा पीतल का है।
5 Maka sejak dahulu sudah Kuramalkan; sebelum terjadi, sudah Kuberitahukan, supaya engkau jangan berkata, bahwa itu perbuatan patung-patung berhalamu.
इस कारण मैंने इन बातों को प्राचीनकाल ही से तुझे बताया उनके होने से पहले ही मैंने तुझे बता दिया, ऐसा न हो कि तू यह कह पाए कि यह मेरे देवता का काम है, मेरी खोदी और ढली हुई मूर्तियों की आज्ञा से यह हुआ।
6 Semua nubuat-Ku yang kaudengar sudah terjadi; engkau harus mengakui bahwa perkataan-Ku itu benar. Sekarang Aku memberitahukan hal-hal yang baru, rahasia-rahasia yang belum kauketahui.
“तूने सुना है, अब इन सब बातों पर ध्यान कर; और देखो, क्या तुम उसका प्रचार न करोगे? अब से मैं तुझे नई-नई बातें और ऐसी गुप्त बातें सुनाऊँगा जिन्हें तू नहीं जानता।
7 Baru sekarang Aku menjadikannya, dan bukan dahulu; belum pernah engkau mendengar tentang hal itu, supaya engkau tak dapat berkata, bahwa engkau mengetahui segalanya.
वे अभी-अभी रची गई हैं, प्राचीनकाल से नहीं; परन्तु आज से पहले तूने उन्हें सुना भी न था, ऐसा न हो कि तू कहे कि देख मैं तो इन्हें जानता था।
8 Aku tahu engkau tak dapat dipercaya, sejak dahulu engkau terkenal sebagai pendurhaka. Sebab itulah engkau tak mengetahuinya, tidak satu kata pun sampai ke telingamu.
हाँ! निश्चय तूने उन्हें न तो सुना, न जाना, न इससे पहले तेरे कान ही खुले थे। क्योंकि मैं जानता था कि तू निश्चय विश्वासघात करेगा, और गर्भ ही से तेरा नाम अपराधी पड़ा है।
9 Aku menahan kemarahan-Ku supaya nama-Ku dimasyhurkan. Aku menahannya bagimu, supaya engkau tidak dibinasakan.
“अपने ही नाम के निमित्त मैं क्रोध करने में विलम्ब करता हूँ, और अपनी महिमा के निमित्त अपने आपको रोक रखता हूँ, ऐसा न हो कि मैं तुझे काट डालूँ।
10 Aku menguji engkau dalam api penderitaan, seperti perak dimurnikan dalam dapur api.
१०देख, मैंने तुझे निर्मल तो किया, परन्तु, चाँदी के समान नहीं; मैंने दुःख की भट्ठी में परखकर तुझे चुन लिया है।
11 Itu Kulakukan demi diri-Ku sendiri, sebab Aku tidak membiarkan nama-Ku dicemarkan; kemuliaan-Ku tidak Kubagi dengan siapa pun."
११अपने निमित्त, हाँ अपने ही निमित्त मैंने यह किया है, मेरा नाम क्यों अपवित्र ठहरे? अपनी महिमा मैं दूसरे को नहीं दूँगा।
12 TUHAN berkata, "Dengarlah Israel, umat yang Kupanggil, Aku tetap Allahmu. Akulah yang pertama, dan Aku pula yang terakhir.
१२“हे याकूब, हे मेरे बुलाए हुए इस्राएल, मेरी ओर कान लगाकर सुन! मैं वही हूँ, मैं ही आदि और मैं ही अन्त हूँ।
13 Tangan-Ku meletakkan dasar bumi dan membentangkan cakrawala. Apabila Kupanggil namanya, mereka segera datang.
१३निश्चय मेरे ही हाथ ने पृथ्वी की नींव डाली, और मेरे ही दाहिने हाथ ने आकाश फैलाया; जब मैं उनको बुलाता हूँ, वे एक साथ उपस्थित हो जाते हैं।”
14 Berkumpullah kamu semua dan dengarlah! Di antara dewa-dewa tak ada yang meramalkan bahwa orang pilihan-Ku akan menyerang Babel; ia akan melakukan apa yang Kukehendaki.
१४“तुम सब के सब इकट्ठे होकर सुनो! उनमें से किसने कभी इन बातों का समाचार दिया? यहोवा उससे प्रेम रखता है: वह बाबेल पर अपनी इच्छा पूरी करेगा, और कसदियों पर उसका हाथ पड़ेगा।
15 Akulah yang mengatakannya dan yang memanggil dia, yang membimbing dia, sehingga ia berhasil.
१५मैंने, हाँ मैंने ही ने कहा और उसको बुलाया है, मैं उसको ले आया हूँ, और उसका काम सफल होगा।
16 Datanglah dekat pada-Ku dan dengarlah, sejak dahulu Aku bicara dengan terus terang; dan perkataan-Ku selalu Kujadikan kenyataan."
१६मेरे निकट आकर इस बात को सुनो आदि से लेकर अब तक मैंने कोई भी बात गुप्त में नहीं कही; जब से वह हुआ तब से मैं वहाँ हूँ।” और अब प्रभु यहोवा ने और उसकी आत्मा ने मुझे भेज दिया है।
17 Kata Allah kudus Israel, Penyelamatmu, "Akulah TUHAN Allahmu, yang mengajar engkau apa yang berguna bagimu, dan membimbing engkau di jalan yang harus kautempuh.
१७यहोवा जो तेरा छुड़ानेवाला और इस्राएल का पवित्र है, वह यह कहता है: “मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ जो तुझे तेरे लाभ के लिये शिक्षा देता हूँ, और जिस मार्ग से तुझे जाना है उसी मार्ग पर तुझे ले चलता हूँ।
18 Sekiranya engkau memperhatikan perintah-perintah-Ku, maka kesejahteraanmu seperti sungai yang tak pernah kering, dan kemujuranmu seperti ombak di laut yang tak pernah berhenti.
१८भला होता कि तूने मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुना होता! तब तेरी शान्ति नदी के समान और तेरी धार्मिकता समुद्र की लहरों के समान होता;
19 Keturunanmu akan sebanyak butir-butir pasir; Aku menjamin mereka tak akan dibinasakan."
१९तेरा वंश रेतकणों के तुल्य होता, और तेरी निज सन्तान उसके कणों के समान होती; उनका नाम मेरे सम्मुख से न कभी काटा और न मिटाया जाता।”
20 Pergilah dan larilah dari Babel, siarkanlah berita ini ke mana-mana. Beritakanlah dengan sorak gembira: "TUHAN sudah menyelamatkan Israel, hamba-Nya!
२०बाबेल में से निकल जाओ, कसदियों के बीच में से भाग जाओ; जयजयकार करते हुए इस बात का प्रचार करके सुनाओ, पृथ्वी की छोर तक इसकी चर्चा फैलाओ; कहते जाओ: “यहोवा ने अपने दास याकूब को छुड़ा लिया है!”
21 Waktu Ia membimbing mereka melalui padang yang tandus, mereka tak menderita haus. TUHAN membelah gunung batu dan mengalirkan air, dari batu Ia memancurkan air bagi mereka.
२१जब वह उन्हें निर्जल देशों में ले गया, तब वे प्यासे न हुए; उसने उनके लिये चट्टान में से पानी निकाला; उसने चट्टान को चीरा और जल बह निकला।
22 Tidak ada keselamatan bagi orang jahat," demikianlah kata TUHAN.
२२“दुष्टों के लिये कुछ शान्ति नहीं,” यहोवा का यही वचन है।

< Yesaya 48 >