< सपन्याह 3 >

1 हाय बलवा करनेवाली और अशुद्ध और अंधेर से भरी हुई नगरी!
ধিক সেই বিদ্রোহী যিরূশালেম শহরকে! সেই হিংস্র শহর কলুষিত হয়েছে!
2 उसने मेरी नहीं सुनी, उसने ताड़ना से भी नहीं माना, उसने यहोवा पर भरोसा नहीं रखा, वह अपने परमेश्वर के समीप नहीं आई।
সে ঈশ্বরের কথা শোনেনি, সদাপ্রভুর শাসনও গ্রহণ করে নি৷ সে সদাপ্রভুর উপর আস্থা রাখেনি, তারা ঈশ্বরের কাছে যায়নি৷
3 उसके हाकिम गरजनेवाले सिंह ठहरे; उसके न्यायी साँझ को आहेर करनेवाले भेड़िए हैं जो सवेरे के लिये कुछ नहीं छोड़ते।
তার রাজপুত্ররা যেন গর্জনকারী সিংহ আর শাসনকর্তারা সন্ধ্যাবেলার নেকড়ে বাঘ; যারা সকালের জন্য কিছুই ফেলে রাখে না৷
4 उसके भविष्यद्वक्ता व्यर्थ बकनेवाले और विश्वासघाती हैं, उसके याजकों ने पवित्रस्थान को अशुद्ध किया और व्यवस्था में खींच-खांच की है।
তার ভাববাদীরা উদ্ধত ও রাষ্ট্রদ্রোহী৷ তার যাজকেরা পবিত্রকে অপবিত্র করে এবং ব্যবস্থার বিরুদ্ধে কাজ করে৷
5 यहोवा जो उसके बीच में है, वह धर्मी है, वह कुटिलता न करेगा; वह अपना न्याय प्रति भोर प्रगट करता है और चूकता नहीं; परन्तु कुटिल जन को लज्जा आती ही नहीं।
তার মধ্যে সদাপ্রভু ধার্মিক; তিনি কোন অন্যায় করেন না৷ প্ রত্যেক সকালে তিনি ন্যায়বিচার করেন; যা আলোতে গোপন থাকবে না৷ তবুও অন্যায়কারীদের লজ্জা নেই৷
6 मैंने अन्यजातियों को यहाँ तक नाश किया, कि उनके कोनेवाले गुम्मट उजड़ गए; मैंने उनकी सड़कों को यहाँ तक सूनी किया, कि कोई उन पर नहीं चलता; उनके नगर यहाँ तक नाश हुए कि उनमें कोई मनुष्य वरन् कोई भी प्राणी नहीं रहा।
“আমি জাতিদের শেষ করে দিয়েছি; তাদের দুর্গগুলো ধ্বংস হয়ে গেছে৷ আমি তাদের রাস্তাগুলো ধ্বংস করেছি; কোনো মানুষ সেখান দিয়ে আর যায় না৷ তাদের সব শহর ধ্বংস হয়ে গেছে; সেখানে কেউ নেই, কেউ থাকে না৷
7 मैंने कहा, “अब तू मेरा भय मानेगी, और मेरी ताड़ना अंगीकार करेगी जिससे उसका निवास-स्थान उस सब के अनुसार जो मैंने ठहराया था, नष्ट न हो। परन्तु वे सब प्रकार के बुरे-बुरे काम यत्न से करने लगे।”
আমি বললাম, ‘তুমি নিশ্চয়ই আমাকে ভয় করবে এবং আমার সংশোধন মানবে৷’ তাহলে তার থাকবার জায়গায় নষ্ট করা হবে না, যা আমি তোমাদের জন্য পরিকল্পনা করেছি কিন্তু তারা আগ্রহের সঙ্গে প্রত্যেক সকালে খারাপ কাজ করতে শুরু করল৷
8 इस कारण यहोवा की यह वाणी है, “जब तक मैं नाश करने को न उठूँ, तब तक तुम मेरी बाट जोहते रहो। मैंने यह ठाना है कि जाति-जाति के और राज्य-राज्य के लोगों को मैं इकट्ठा करूँ, कि उन पर अपने क्रोध की आग पूरी रीति से भड़काऊँ; क्योंकि सारी पृथ्वी मेरी जलन की आग से भस्म हो जाएगी।
তাই তুমি আমার জন্য অপেক্ষা কর৷” এটা সদাপ্রভু বলেন, “যতদিন না ধ্বংসের জন্য উঠে দাঁড়াই৷ আমি ঠিক করেছি যে, জাতিদের আমি জড়ো করব, রাজ্যগুলো একত্র করব এবং তাদের উপর আমার রাগ ঢেলে দেব, আমার সব জ্বলন্ত রাগ ঢেলে দেব৷ আমার অন্তরের জ্বালার আগুনে সমস্ত দেশ পুড়ে যাবে৷
9 “उस समय मैं देश-देश के लोगों से एक नई और शुद्ध भाषा बुलवाऊँगा, कि वे सब के सब यहोवा से प्रार्थना करें, और एक मन से कंधे से कंधा मिलाए हुए उसकी सेवा करें।
কিন্তু তারপর আমি লোকেদের ঠোঁট শুচি করব, সদাপ্রভুর নামে তাদের ডাকবো যাতে কাঁধে কাঁধ মিলিয়ে আমার সেবা করতে পারে৷
10 १० कूश के नदी के पार से मुझसे विनती करनेवाले यहाँ तक कि मेरी तितर-बितर की हुई प्रजा मेरे पास भेंट लेकर आएँगी।
১০কূশ দেশের নদীগুলোর ওপার থেকে আমার আরাধনাকারীরা, আমার ছড়িয়ে পড়া লোকেরা আমার জন্য উপহারের নিয়ে আসবে৷
11 ११ “उस दिन, तू अपने सब बड़े से बड़े कामों से जिन्हें करके तू मुझसे फिर गई थी, फिर लज्जित न होगी। उस समय मैं तेरे बीच से उन्हें दूर करूँगा जो अपने अहंकार में आनन्द करते है, और तू मेरे पवित्र पर्वत पर फिर कभी अभिमान न करेगी।
১১সেই দিন তোমার কাজের জন্য আমায় লজ্জায় ফেলো না আমার প্রতি যে সব অন্যায় করেছ তার জন্য তুমি সেই দিন লজ্জিত হবে না, কারণ এই শহর থেকে আমি সব অহঙ্কারী ও গর্বিত তাদের লোকদের বের করে দেব৷ আমার পবিত্র পাহাড়ের উপরে তুমি আর কখনও গর্ব করবে না৷
12 १२ क्योंकि मैं तेरे बीच में दीन और कंगाल लोगों का एक दल बचा रखूँगा, और वे यहोवा के नाम की शरण लेंगे।
১২কিন্তু আমি তোমাদের মধ্যে যারা নম্র ও দরিদ্র তাদের বাকি রাখবো এবং তারা সদাপ্রভুর নামে আশ্রয় নেবে৷
13 १३ इस्राएल के बचे हुए लोग न तो कुटिलता करेंगे और न झूठ बोलेंगे, और न उनके मुँह से छल की बातें निकलेंगी। वे चरेंगे और विश्राम करेंगे, और कोई उनको डरानेवाला न होगा।”
১৩ইস্রায়েলের সেই বাকি লোকেরা অন্যায় করবে না; তারা মিথ্যা কথা বলবে না এবং তাদের মুখে ছলনার জিভ খুঁজে পাওয়া যাবে না৷ তারা খাবে এবং শোবে, কেউ তাদের ভয় দেখাবে না৷”
14 १४ हे सिय्योन की बेटी, ऊँचे स्वर से गा; हे इस्राएल, जयजयकार कर! हे यरूशलेम अपने सम्पूर्ण मन से आनन्द कर, और प्रसन्न हो!
১৪গান গাও, সিয়োন কন্যা, আনন্দ উল্লাস কর, ইস্রায়েল, যিরূশালেমের লোকেরা, খুশী হও ও তোমার সমস্ত অন্তর দিয়ে আনন্দ কর৷
15 १५ यहोवा ने तेरा दण्ड दूर कर दिया और तेरे शत्रुओं को दूर कर दिया है। इस्राएल का राजा यहोवा तेरे बीच में है, इसलिए तू फिर विपत्ति न भोगेगी।
১৫সদাপ্রভু তোমার শাস্তি দূর করেছেন, তিনি তোমার শত্রুকে তাড়িয়ে দিয়েছেন৷ তোমার মধ্যে ইস্রায়েলের রাজা সদাপ্রভু আছেন; আর কখনও অমঙ্গলের ভয় করবে না৷
16 १६ उस दिन यरूशलेम से यह कहा जाएगा, “हे सिय्योन मत डर, तेरे हाथ ढीले न पड़ने पाएँ।
১৬ঐ দিন তারা যিরুশালেমকে বলবে, “তুমি ভয় কোরো না, সিয়োন, তোমার হাত ভয়ে পিছিয়ে না আসুক৷
17 १७ तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे बीच में है, वह उद्धार करने में पराक्रमी है; वह तेरे कारण आनन्द से मगन होगा, वह अपने प्रेम के मारे चुप रहेगा; फिर ऊँचे स्वर से गाता हुआ तेरे कारण मगन होगा।
১৭সদাপ্রভু তোমার ঈশ্বর তোমার মধ্যে আছেন, যিনি শক্তিশালী তিনি তোমাকে উদ্ধার করবেন৷ তিনি তোমার বিষয় নিয়ে আনন্দের অনুষ্টান করবেন, আর তাঁর ভালবাসার মাধ্যমে তোমায় নতুন করে গড়ে তুলবেন৷ তিনি তোমার বিষয় নিয়ে আনন্দে গান করবেন৷
18 १८ “जो लोग नियत पर्वों में सम्मिलित न होने के कारण खेदित रहते हैं, उनको मैं इकट्ठा करूँगा, क्योंकि वे तेरे हैं; और उसकी नामधराई उनको बोझ जान पड़ती है।
১৮লোকজন যেমন উত্সবে করে৷ আমি তোমাদের লজ্জা ও ধ্বংসের ভয় দূরে সরিয়ে দেব৷ ৷
19 १९ उस समय मैं उन सभी से जो तुझे दुःख देते हैं, उचित बर्ताव करूँगा। और मैं लँगड़ों को चंगा करूँगा, और बरबस निकाले हुओं को इकट्ठा करूँगा, और जिनकी लज्जा की चर्चा सारी पृथ्वी पर फैली है, उनकी प्रशंसा और कीर्ति सब कहीं फैलाऊँगा।
১৯দেখ, তোমার অত্যাচারীদের সঙ্গে ঐ দিনের আমি সেরকম ব্যবহার করবো আমি খোঁড়াদের উদ্ধার করব, আমি তাদেরকে জড়ো করব যাদের তাড়িয়ে দেওয়া হয়েছে৷ আমি লজ্জার বদলে তাদের মহিমা দান করব৷
20 २० उसी समय मैं तुम्हें ले जाऊँगा, और उसी समय मैं तुम्हें इकट्ठा करूँगा; और जब मैं तुम्हारे सामने तुम्हारी समृद्धि को लौटा लाऊँगा, तब पृथ्वी की सारी जातियों के बीच में तुम्हारी कीर्ति और प्रशंसा फैला दूँगा,” यहोवा का यही वचन है।
২০সেই দিনের আমি তোমাদের নিয়ে এসে জড়ো করব, সেই দিনের যখন আমি তোমাদের একসঙ্গে সমবেত করবো পৃথিবীর সমস্ত জাতির মধ্যে আমি তোমাদের একটি নাম ও গৌরব দেব তখন তোমরা তা নিজের চোখে দেখতে পাবে,” সদাপ্রভু এই কথা বলেন!

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