< जकर्याह 9 >
1 १ हद्राक देश के विषय में यहोवा का कहा हुआ भारी वचन जो दमिश्क पर भी पड़ेगा। क्योंकि यहोवा की दृष्टि मनुष्यजाति की, और इस्राएल के सब गोत्रों की ओर लगी है;
Carga de la palabra del SEÑOR contra tierra de Hadrac, y de Damasco su reposo; porque al SEÑOR están vueltos los ojos de los hombres, y de todas las tribus de Israel.
2 २ हमात की ओर जो दमिश्क के निकट है, और सोर और सीदोन की ओर, ये तो बहुत ही बुद्धिमान हैं।
Y también Hamat fenecerá en ella; Tiro y Sidón, aunque muy sabia sea.
3 ३ सोर ने अपने लिये एक गढ़ बनाया, और धूल के किनकों के समान चाँदी, और सड़कों की कीच के समान उत्तम सोना बटोर रखा है।
Porque Tiro se edificó fortaleza, y amontonó plata como polvo, y oro como lodo de las calles,
4 ४ देखो, परमेश्वर उसको औरों के अधिकार में कर देगा, और उसके घमण्ड को तोड़कर समुद्र में डाल देगा; और वह नगर आग का कौर हो जाएगा।
he aquí, el Señor la empobrecerá, y herirá en el mar su fortaleza, y ella será consumida de fuego.
5 ५ यह देखकर अश्कलोन डरेगा; गाज़ा को दुःख होगा, और एक्रोन भी डरेगा, क्योंकि उसकी आशा टूटेगी; और गाज़ा में फिर राजा न रहेगा और अश्कलोन फिर बसी न रहेगी।
Ascalón verá, y temerá; Gaza también, y se dolerá en gran manera; asimismo Ecrón, porque su esperanza será confundida; y de Gaza perecerá el rey, y Ascalón no será habitada.
6 ६ अश्दोद में अनजाने लोग बसेंगे; इसी प्रकार मैं पलिश्तियों के गर्व को तोड़ूँगा।
Y habitará en Asdod un extranjero, y yo talaré la soberbia de los palestinos;
7 ७ मैं उसके मुँह में से आहेर का लहू और घिनौनी वस्तुएँ निकाल दूँगा, तब उनमें से जो बचा रहेगा, वह हमारे परमेश्वर का जन होगा, और यहूदा में अधिपति सा होगा; और एक्रोन के लोग यबूसियों के समान बनेंगे।
y quitaré su sangre de su boca, y sus abominaciones de sus dientes, y quedarán de ellos también para nuestro Dios, y serán como capitanes en Judá, y Ecrón como el jebuseo.
8 ८ तब मैं उस सेना के कारण जो पास से होकर जाएगी और फिर लौट आएगी, अपने भवन के आस-पास छावनी किए रहूँगा, और कोई सतानेवाला फिर उनके पास से होकर न जाएगा, क्योंकि मैं ये बातें अब भी देखता हूँ।
Y seré defensa y amparo firme a mi Casa, del que va y del que viene; y no pasará más sobre ellos angustiador; porque ahora miré con mis ojos.
9 ९ हे सिय्योन बहुत ही मगन हो। हे यरूशलेम जयजयकार कर! क्योंकि तेरा राजा तेरे पास आएगा; वह धर्मी और उद्धार पाया हुआ है, वह दीन है, और गदहे पर वरन् गदही के बच्चे पर चढ़ा हुआ आएगा।
Alégrate mucho, hija de Sion; da voces de júbilo, hija de Jerusalén; he aquí, tu Rey vendrá a ti, Justo y Salvador, humilde, y cabalgando sobre un asno, así sobre un pollino hijo de asna.
10 १० मैं एप्रैम के रथ और यरूशलेम के घोड़े नष्ट करूँगा; और युद्ध के धनुष तोड़ डाले जाएँगे, और वह अन्यजातियों से शान्ति की बातें कहेगा; वह समुद्र से समुद्र तक और महानद से पृथ्वी के दूर-दूर के देशों तक प्रभुता करेगा।
Y de Efraín talaré los carros, y los caballos de Jerusalén; y los arcos de guerra serán quebrados; y hablará paz a los gentiles; y su Señorío será de mar a mar, y desde el río hasta los fines de la tierra.
11 ११ तू भी सुन, क्योंकि मेरी वाचा के लहू के कारण, मैंने तेरे बन्दियों को बिना जल के गड्ढे में से उबार लिया है।
Y tú también por la sangre de tu pacto; yo he sacado tus presos del aljibe en que no hay agua.
12 १२ हे आशा धरे हुए बन्दियों! गढ़ की ओर फिरो; मैं आज ही बताता हूँ कि मैं तुम को बदले में दुगना सुख दूँगा।
Tornaos a la fortaleza, oh presos de esperanza; hoy también os anuncio que os daré doblado.
13 १३ क्योंकि मैंने धनुष के समान यहूदा को चढ़ाकर उस पर तीर के समान एप्रैम को लगाया है। मैं सिय्योन के निवासियों को यूनान के निवासियों के विरुद्ध उभारूँगा, और उन्हें वीर की तलवार सा कर दूँगा।
Porque he entesado para mí a Judá como arco, e hice a Efraín su flecha, y despertaré tus hijos, oh Sion, contra tus hijos, oh Grecia, y te pondré como espada de valiente.
14 १४ तब यहोवा उनके ऊपर दिखाई देगा, और उसका तीर बिजली के समान छूटेगा; और परमेश्वर यहोवा नरसिंगा फूँककर दक्षिण देश की सी आँधी में होकर चलेगा।
Y el SEÑOR será visto sobre ellos, y su dardo saldrá como relámpago; y el Señor DIOS tocará trompeta, e irá como torbellinos del austro.
15 १५ सेनाओं का यहोवा ढाल से उन्हें बचाएगा, और वे अपने शत्रुओं का नाश करेंगे, और उनके गोफन के पत्थरों पर पाँव रखेंगे; और वे पीकर ऐसा कोलाहल करेंगे जैसा लोग दाखमधु पीकर करते हैं; और वे कटोरे के समान या वेदी के कोने के समान भरे जाएँगे।
El SEÑOR de los ejércitos los amparará, y ellos devorarán, y los sujetarán a las piedras de la honda, y beberán y harán estrépito como tomados del vino; y se llenarán como cuenco, o como los lados del altar.
16 १६ उस समय उनका परमेश्वर यहोवा उनको अपनी प्रजारूपी भेड़-बकरियाँ जानकर उनका उद्धार करेगा; और वे मुकुटमणि ठहर के, उसकी भूमि से बहुत ऊँचे पर चमकते रहेंगे।
Y los salvará en aquel día el SEÑOR su Dios como a rebaño de su pueblo; porque serán engrandecidos en su tierra como piedras preciosas de corona.
17 १७ उसका क्या ही कुशल, और क्या ही शोभा उसकी होगी! उसके जवान लोग अन्न खाकर, और कुमारियाँ नया दाखमधु पीकर हष्ट-पुष्ट हो जाएँगी।
Porque ¡cuánta es su bondad, y cuánta su hermosura! El trigo alegrará a los jóvenes, y el vino a las doncellas.