< जकर्याह 2 >

1 फिर मैंने अपनी आँखें उठाई तो क्या देखा, कि हाथ में नापने की डोरी लिए हुए एक पुरुष है।
Puis, je levai les yeux, et regardai; et je vis un homme ayant à la main un cordeau à mesurer.
2 तब मैंने उससे पूछा, “तू कहाँ जाता है?” उसने मुझसे कहा, “यरूशलेम को नापने जाता हूँ कि देखूँ उसकी चौड़ाई कितनी, और लम्बाई कितनी है।”
Et je dis: Où vas-tu? Et il me répondit: Je vais mesurer Jérusalem, pour voir quelle est sa largeur et quelle est sa longueur.
3 तब मैंने क्या देखा, कि जो दूत मुझसे बातें करता था वह चला गया, और दूसरा दूत उससे मिलने के लिये आकर,
Et voici, l'ange qui me parlait sortit, et un autre ange sortit au-devant de lui,
4 उससे कहता है, “दौड़कर उस जवान से कह, ‘यरूशलेम मनुष्यों और घरेलू पशुओं की बहुतायत के मारे शहरपनाह के बाहर-बाहर भी बसेगी।
Et lui dit: Cours, parle à ce jeune homme, et dis: Jérusalem demeurera sans murailles, tant il y aura d'hommes et de bêtes au milieu d'elle.
5 और यहोवा की यह वाणी है, कि मैं आप उसके चारों ओर आग के समान शहरपनाह ठहरूँगा, और उसके बीच में तेजोमय होकर दिखाई दूँगा।’”
Et je serai pour elle, dit l'Éternel, une muraille de feu qui l'entourera, et je serai sa gloire au milieu d'elle.
6 यहोवा की यह वाणी है, “देखो, सुनो उत्तर के देश में से भाग जाओ, क्योंकि मैंने तुम को आकाश की चारों वायुओं के समान तितर-बितर किया है।
Fuyez, fuyez hors du pays de l'Aquilon! dit l'Éternel; car je vous ai dispersés aux quatre vents des cieux, dit l'Éternel.
7 हे बाबेल जाति के संग रहनेवाली, सिय्योन को बचकर निकल भाग!
Sauve-toi, Sion, qui demeures chez la fille de Babylone!
8 क्योंकि सेनाओं का यहोवा यह कहता है, उस तेज के प्रगट होने के बाद उसने मुझे उन जातियों के पास भेजा है जो तुम्हें लूटती थीं, क्योंकि जो तुम को छूता है, वह मेरी आँख की पुतली ही को छूता है।
Car ainsi a dit l'Éternel des armées, qui m'a envoyé avec gloire vers les nations qui vous ont pillés: Qui vous touche, touche la prunelle de son œil.
9 देखो, मैं अपना हाथ उन पर उठाऊँगा, तब वे उन्हीं से लूटे जाएँगे जो उनके दास हुए थे। तब तुम जानोगे कि सेनाओं के यहोवा ने मुझे भेजा है।
Car voici, je vais lever ma main contre elles, et elles seront la proie de ceux qui leur étaient asservis, et vous connaîtrez que l'Éternel des armées m'a envoyé.
10 १० हे सिय्योन की बेटी, ऊँचे स्वर से गा और आनन्द कर, क्योंकि देख, मैं आकर तेरे बीच में निवास करूँगा, यहोवा की यही वाणी है।
Pousse des cris de joie, et réjouis-toi, fille de Sion! Car voici, je viens, et j'habiterai au milieu de toi, dit l'Éternel.
11 ११ उस समय बहुत सी जातियाँ यहोवा से मिल जाएँगी, और मेरी प्रजा हो जाएँगी; और मैं तेरे बीच में वास करूँगा,
Et plusieurs nations s'attacheront à l'Éternel en ce jour-là, et deviendront mon peuple; et j'habiterai au milieu de toi, et tu sauras que l'Éternel des armées m'a envoyé vers toi.
12 १२ और तू जानेगी कि सेनाओं के यहोवा ने मुझे तेरे पास भेज दिया है। और यहोवा यहूदा को पवित्र देश में अपना भागकर लेगा, और यरूशलेम को फिर अपना ठहराएगा।
Et l'Éternel possédera Juda pour son partage, dans la terre sainte, et il choisira encore Jérusalem.
13 १३ “हे सब प्राणियों! यहोवा के सामने चुप रहो; क्योंकि वह जागकर अपने पवित्र निवास-स्थान से निकला है।”
Que toute chair fasse silence devant l'Éternel; car il s'est réveillé de sa demeure sainte!

< जकर्याह 2 >