< जकर्याह 2 >
1 १ फिर मैंने अपनी आँखें उठाई तो क्या देखा, कि हाथ में नापने की डोरी लिए हुए एक पुरुष है।
I lifted up mine eyes again, and looked, and behold, a man with a measuring-line in his hand.
2 २ तब मैंने उससे पूछा, “तू कहाँ जाता है?” उसने मुझसे कहा, “यरूशलेम को नापने जाता हूँ कि देखूँ उसकी चौड़ाई कितनी, और लम्बाई कितनी है।”
Then said I, Whither goest thou? And he said to me, To measure Jerusalem, to see what is the breadth thereof, and what is the length thereof.
3 ३ तब मैंने क्या देखा, कि जो दूत मुझसे बातें करता था वह चला गया, और दूसरा दूत उससे मिलने के लिये आकर,
And behold, the angel who talked with me went forth, and another angel went forth to meet him,
4 ४ उससे कहता है, “दौड़कर उस जवान से कह, ‘यरूशलेम मनुष्यों और घरेलू पशुओं की बहुतायत के मारे शहरपनाह के बाहर-बाहर भी बसेगी।
and said to him, Run, speak to that young man, saying: Jerusalem shall be inhabited without walls On account of the multitude of men and of cattle within her.
5 ५ और यहोवा की यह वाणी है, कि मैं आप उसके चारों ओर आग के समान शहरपनाह ठहरूँगा, और उसके बीच में तेजोमय होकर दिखाई दूँगा।’”
And I will be to her, saith Jehovah, A wall of fire round about, And glory will I be within her.
6 ६ यहोवा की यह वाणी है, “देखो, सुनो उत्तर के देश में से भाग जाओ, क्योंकि मैंने तुम को आकाश की चारों वायुओं के समान तितर-बितर किया है।
Ho! ho! flee ye out of the land of the North, saith Jehovah; For toward the four winds of heaven have I scattered you abroad, saith Jehovah.
7 ७ हे बाबेल जाति के संग रहनेवाली, सिय्योन को बचकर निकल भाग!
Ho, Zion, escape, Thou that dwellest with the daughter of Babylon!
8 ८ क्योंकि सेनाओं का यहोवा यह कहता है, उस तेज के प्रगट होने के बाद उसने मुझे उन जातियों के पास भेजा है जो तुम्हें लूटती थीं, क्योंकि जो तुम को छूता है, वह मेरी आँख की पुतली ही को छूता है।
For thus saith Jehovah of hosts: For glory hath he sent me to the nations which plundered you; (For he that toucheth you toucheth the apple of his eye.)
9 ९ देखो, मैं अपना हाथ उन पर उठाऊँगा, तब वे उन्हीं से लूटे जाएँगे जो उनके दास हुए थे। तब तुम जानोगे कि सेनाओं के यहोवा ने मुझे भेजा है।
For, behold, I will shake my hand over them, And they shall be a spoil to those that served them; And ye shall know that Jehovah of hosts hath sent me.
10 १० हे सिय्योन की बेटी, ऊँचे स्वर से गा और आनन्द कर, क्योंकि देख, मैं आकर तेरे बीच में निवास करूँगा, यहोवा की यही वाणी है।
Sing and rejoice, O daughter of Zion! For, behold, I will come, And I will dwell in the midst of thee, saith Jehovah;
11 ११ उस समय बहुत सी जातियाँ यहोवा से मिल जाएँगी, और मेरी प्रजा हो जाएँगी; और मैं तेरे बीच में वास करूँगा,
And many nations shall join themselves to Jehovah in that day, And shall be my people; And I will dwell in the midst of thee; And thou shalt know that Jehovah of hosts hath sent me to thee.
12 १२ और तू जानेगी कि सेनाओं के यहोवा ने मुझे तेरे पास भेज दिया है। और यहोवा यहूदा को पवित्र देश में अपना भागकर लेगा, और यरूशलेम को फिर अपना ठहराएगा।
And Jehovah will possess Judah as his portion in the holy land, And will again choose Jerusalem.
13 १३ “हे सब प्राणियों! यहोवा के सामने चुप रहो; क्योंकि वह जागकर अपने पवित्र निवास-स्थान से निकला है।”
Be silent, all flesh, before Jehovah! For he riseth up from his holy habitation.