< जकर्याह 11 >
1 १ हे लबानोन, आग को रास्ता दे कि वह आकर तेरे देवदारों को भस्म करे!
Abre, ó Libano, as tuas portas para que o fogo consuma os cedros.
2 २ हे सनोवर वृक्षों, हाय, हाय, करो! क्योंकि देवदार गिर गया है और बड़े से बड़े वृक्ष नष्ट हो गए हैं! हे बाशान के बांजवृक्षों, हाय, हाय, करो! क्योंकि अगम्य वन काटा गया है!
Uivae, ó faias, porque os teus cedros cairam, porque estas excellentes arvores são destruidas; uivae, ó carvalhos de Basan, porque o bosque forte é derribado.
3 ३ चरवाहों के हाहाकार का शब्द हो रहा है, क्योंकि उनका वैभव नष्ट हो गया है! जवान सिंहों का गरजना सुनाई देता है, क्योंकि यरदन के किनारे का घना वन नाश किया गया है!
Voz de uivo dos pastores se ouviu, porque a sua gloria é destruida: voz de bramido dos filhos de leões, porque foi destruida a soberba do Jordão.
4 ४ मेरे परमेश्वर यहोवा ने यह आज्ञा दी: “घात होनेवाली भेड़-बकरियों का चरवाहा हो जा।
Assim diz o Senhor meu Deus: Apascenta as ovelhas da matança,
5 ५ उनके मोल लेनेवाले उन्हें घात करने पर भी अपने को दोषी नहीं जानते, और उनके बेचनेवाले कहते हैं, ‘यहोवा धन्य है, हम धनी हो गए हैं;’ और उनके चरवाहे उन पर कुछ दया नहीं करते।
Cujos possuidores as matam, e não se teem por culpados; e cujos vendedores dizem: Louvado seja o Senhor, porque hei enriquecido, e os seus pastores não teem piedade d'ellas.
6 ६ यहोवा की यह वाणी है, मैं इस देश के रहनेवालों पर फिर दया न करूँगा। देखो, मैं मनुष्यों को एक दूसरे के हाथ में, और उनके राजा के हाथ में पकड़वा दूँगा; और वे इस देश को नाश करेंगे, और मैं उसके रहनेवालों को उनके वश से न छुड़ाऊँगा।”
Certamente não terei piedade mais dos moradores d'esta terra, diz o Senhor, mas, eis que entregarei os homens cada um na mão do seu companheiro e na mão do seu rei, e esmiuçarão a terra, e eu não os livrarei da sua mão.
7 ७ इसलिए मैं घात होनेवाली भेड़-बकरियों को और विशेष करके उनमें से जो दीन थीं उनको चराने लगा। और मैंने दो लाठियाँ लीं; एक का नाम मैंने अनुग्रह रखा, और दूसरी का नाम एकता। इनको लिये हुए मैं उन भेड़-बकरियों को चराने लगा।
E eu apascentei as ovelhas da matança, porquanto são ovelhas coitadas; e tomei para mim duas varas, a uma das quaes chamei Suavidade, e á outra chamei Conjuntadores, e apascentei as ovelhas.
8 ८ मैंने उनके तीनों चरवाहों को एक महीने में नष्ट कर दिया, परन्तु मैं उनके कारण अधीर था, और वे मुझसे घृणा करती थीं।
E destrui os teus pastores n'um mesmo mez, porque se angustiou d'elles a minha alma, e tambem a sua alma teve fastio de mim.
9 ९ तब मैंने उनसे कहा, “मैं तुम को न चराऊँगा। तुम में से जो मरे वह मरे, और जो नष्ट हो वह नष्ट हो, और जो बची रहें वे एक दूसरे का माँस खाएँ।”
E eu disse: Não vos apascentarei mais: o que morrer morra, e o que fôr destruido seja, e as que restarem comam cada uma a carne da sua companheira.
10 १० और मैंने अपनी वह लाठी तोड़ डाली, जिसका नाम अनुग्रह था, कि जो वाचा मैंने सब अन्यजातियों के साथ बाँधी थी उसे तोड़ूँ।
E tomei a minha vara Suavidade, e a quebrei, para desfazer o meu concerto, que tinha estabelecido com todos estes povos.
11 ११ वह उसी दिन तोड़ी गई, और इससे दीन भेड़-बकरियाँ जो मुझे ताकती थीं, उन्होंने जान लिया कि यह यहोवा का वचन है।
E foi desfeito n'aquelle dia, e conheceram assim os pobres do rebanho que me aguardavam que isto era palavra do Senhor.
12 १२ तब मैंने उनसे कहा, “यदि तुम को अच्छा लगे तो मेरी मजदूरी दो, और नहीं तो मत दो।” तब उन्होंने मेरी मजदूरी में चाँदी के तीस टुकड़े तौल दिए।
Porque eu lhes tinha dito: Se parece bem aos vossos olhos, dae-me a minha soldada, e, se não, deixae-vos d'isso. E pesaram a minha soldada, trinta moedas de prata.
13 १३ तब यहोवा ने मुझसे कहा, “इन्हें कुम्हार के आगे फेंक दे,” यह क्या ही भारी दाम है जो उन्होंने मेरा ठहराया है? तब मैंने चाँदी के उन तीस टुकड़ों को लेकर यहोवा के घर में कुम्हार के आगे फेंक दिया।
O Senhor pois me disse: Arroja-a ao oleiro, bello preço em que fui apreçado por elles. E tomei as trinta moedas de prata, e as arrojei, na casa do Senhor, ao oleiro.
14 १४ तब मैंने अपनी दूसरी लाठी जिसका नाम एकता था, इसलिए तोड़ डाली कि मैं उस भाईचारे के नाते को तोड़ डालूँ जो यहूदा और इस्राएल के बीच में है।
Então quebrei a minha segunda vara Conjuntadores, para romper a irmandade entre Judah e Israel.
15 १५ तब यहोवा ने मुझसे कहा, “अब तू मूर्ख चरवाहे के हथियार ले ले।
E o Senhor me disse: Toma ainda para ti o instrumento de um pastor insensato.
16 १६ क्योंकि मैं इस देश में एक ऐसा चरवाहा ठहराऊँगा, जो खोई हुई को न ढूँढ़ेगा, न तितर-बितर को इकट्ठी करेगा, न घायलों को चंगा करेगा, न जो भली चंगी हैं उनका पालन-पोषण करेगा, वरन् मोटियों का माँस खाएगा और उनके खुरों को फाड़ डालेगा।
Porque, eis que levantarei um pastor na terra, que não visitará as perdidas, não buscará a desgarrada, e não sarará a quebrada, nem apascentará a sã; mas comerá a carne da gorda, e lhe despedaçará as unhas.
17 १७ हाय उस निकम्मे चरवाहे पर जो भेड़-बकरियों को छोड़ जाता है! उसकी बाँह और दाहिनी आँख दोनों पर तलवार लगेगी, तब उसकी बाँह सूख जाएगी और उसकी दाहिनी आँख फूट जाएगी।”
Ai do pastor de nada, que abandona o rebanho; a espada cairá sobre o seu braço e sobre o seu olho direito; o seu braço sem falta se seccará, e o seu olho direito sem falta se escurecerá.