< जकर्याह 10 >

1 बरसात के अन्त में यहोवा से वर्षा माँगो, यहोवा से जो बिजली चमकाता है, और वह उनको वर्षा देगा और हर एक के खेत में हरियाली उपजाएगा।
Erbittet vom HERRN Regen zur Zeit des Spätregens! Der HERR macht Blitze und wird euch Regengüsse geben für jedes Gewächs auf dem Felde!
2 क्योंकि गृहदेवता अनर्थ बात कहते और भावी कहनेवाले झूठा दर्शन देखते और झूठे स्वप्न सुनाते, और व्यर्थ शान्ति देते हैं। इस कारण लोग भेड़-बकरियों के समान भटक गए; और चरवाहे न होने के कारण दुर्दशा में पड़े हैं।
Denn die Hausgötter haben leere Versprechungen gemacht, und die Wahrsager haben trügerische Gesichte gesehen, und sie erzählen erlogene Träume und trösten vergeblich. Darum sind sie fortgelaufen wie Schafe, sie sind im Elend, weil kein Hirt da ist.
3 “मेरा क्रोध चरवाहों पर भड़का है, और मैं उन बकरों को दण्ड दूँगा; क्योंकि सेनाओं का यहोवा अपने झुण्ड अर्थात् यहूदा के घराने का हाल देखने को आएगा, और लड़ाई में उनको अपना हष्ट-पुष्ट घोड़ा सा बनाएगा।
Mein Zorn ist entbrannt über die Hirten, und die Böcke werde ich strafen; denn der HERR der Heerscharen hat seine Herde, das Haus Juda, gemustert und hat sie hergerichtet wie sein Prachtroß im Streit.
4 उसी में से कोने का पत्थर, उसी में से खूँटी, उसी में से युद्ध का धनुष, उसी में से सब प्रधान प्रगट होंगे।
Von ihm kommt der Eckstein, von ihm der Zeltpflock, von ihm der Kriegsbogen, von ihm alle Treiber insgesamt.
5 वे ऐसे वीरों के समान होंगे जो लड़ाई में अपने बैरियों को सड़कों की कीच के समान रौंदते हों; वे लड़ेंगे, क्योंकि यहोवा उनके संग रहेगा, इस कारण वे वीरता से लड़ेंगे और सवारों की आशा टूटेगी।
Und sie werden sein wie die Helden, welche den Straßenkot zertreten im Kriege, und sie werden kämpfen, weil der HERR mit ihnen ist, und werden die Reiter zuschanden machen.
6 “मैं यहूदा के घराने को पराक्रमी करूँगा, और यूसुफ के घराने का उद्धार करूँगा। मुझे उन पर दया आई है, इस कारण मैं उन्हें लौटा लाकर उन्हीं के देश में बसाऊँगा, और वे ऐसे होंगे, मानो मैंने उनको मन से नहीं उतारा; मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूँ, इसलिए उनकी सुन लूँगा।
Und ich will das Haus Juda stärken und das Haus Joseph erretten und will sie heimkehren lassen, weil ich Erbarmen mit ihnen habe; und sie sollen sein, als hätte ich sie niemals verworfen; denn ich, der HERR, bin ihr Gott und will sie erhören.
7 एप्रैमी लोग वीर के समान होंगे, और उनका मन ऐसा आनन्दित होगा जैसे दाखमधु से होता है। यह देखकर उनके बच्चे आनन्द करेंगे और उनका मन यहोवा के कारण मगन होगा।
Und Ephraim soll sein wie ein Held, und ihr Herz soll frohlocken wie vom Wein. Ihre Kinder werden es sehen und fröhlich sein, ihr Herz wird sich freuen im HERRN.
8 “मैं सीटी बजाकर उनको इकट्ठा करूँगा, क्योंकि मैं उनका छुड़ानेवाला हूँ, और वे ऐसे बढ़ेंगे जैसे पहले बढ़े थे।
Ich will ihnen pfeifen und sie sammeln; denn ich habe sie erlöst; und sie sollen so zahlreich werden, wie sie einstmals waren.
9 यद्यपि मैं उन्हें जाति-जाति के लोगों के बीच बिखेर दूँगा तो भी वे दूर-दूर देशों में मुझे स्मरण करेंगे, और अपने बालकों समेत जीवित लौट आएँगे।
Ich werde sie zwar unter die Völker säen; aber in der Ferne werden sie meiner gedenken; und sie sollen leben mit ihren Kindern und wiederkehren.
10 १० मैं उन्हें मिस्र देश से लौटा लाऊँगा, और अश्शूर से इकट्ठा करूँगा, और गिलाद और लबानोन के देशों में ले आकर इतना बढ़ाऊँगा कि वहाँ वे समा न सकेंगे।
Ich will sie aus Ägyptenland zurückführen und aus Assur sammeln und sie ins Land Gilead und auf den Libanon bringen; aber es wird nicht Raum genug gefunden werden für sie.
11 ११ वह उस कष्टदायक समुद्र में से होकर उसकी लहरें दबाता हुआ जाएगा और नील नदी का सब गहरा जल सूख जाएगा। अश्शूर का घमण्ड तोड़ा जाएगा और मिस्र का राजदण्ड जाता रहेगा।
Und sie werden durch das Meer der Angst gehen; er aber wird die Wellen im Meere schlagen, daß alle Tiefen des Nil versiegen; und das stolze Assur wird gestürzt, und das Zepter Ägyptens muß weichen.
12 १२ मैं उन्हें यहोवा द्वारा पराक्रमी करूँगा, और वे उसके नाम से चले फिरेंगे,” यहोवा की यही वाणी है।
Und ich will sie stark machen in dem HERRN, und sie werden wandeln in seinem Namen, spricht der HERR.

< जकर्याह 10 >