< जकर्याह 10 >
1 १ बरसात के अन्त में यहोवा से वर्षा माँगो, यहोवा से जो बिजली चमकाता है, और वह उनको वर्षा देगा और हर एक के खेत में हरियाली उपजाएगा।
Fleht an den Herrn um Regen in der Frühlingszeit, den Herrn, der Blitzesstrahlen schaffen kann! Ein reicher Regen bringt für Mensch und alles andere im Felde Kräuter.
2 २ क्योंकि गृहदेवता अनर्थ बात कहते और भावी कहनेवाले झूठा दर्शन देखते और झूठे स्वप्न सुनाते, और व्यर्थ शान्ति देते हैं। इस कारण लोग भेड़-बकरियों के समान भटक गए; और चरवाहे न होने के कारण दुर्दशा में पड़े हैं।
Die Teraphim vertrösten nur mit leeren Worten. Wahrsager haben trügende Gesichte, erzählen falsche Träume und spenden windigen Trost. Deswegen schweifen sie den Schafen gleich umher und gehen ohne Hirten in die Irre.
3 ३ “मेरा क्रोध चरवाहों पर भड़का है, और मैं उन बकरों को दण्ड दूँगा; क्योंकि सेनाओं का यहोवा अपने झुण्ड अर्थात् यहूदा के घराने का हाल देखने को आएगा, और लड़ाई में उनको अपना हष्ट-पुष्ट घोड़ा सा बनाएगा।
"Den Hirten lodert meine Zornesglut entgegen; Ich such die Böcke heim." - Jetzt aber sucht der Herr der Heerscharen selbst seine Herde heim, das Judahaus, und er bedient sich seiner im Kampf als seines edlen Rosses.
4 ४ उसी में से कोने का पत्थर, उसी में से खूँटी, उसी में से युद्ध का धनुष, उसी में से सब प्रधान प्रगट होंगे।
Ihm entstammen die Obersten der Anführer, ihm auch die Unterführer, ihm die Bogenschützen für den Kampf. Aus ihm gehn lauter Angriffslustige hervor.
5 ५ वे ऐसे वीरों के समान होंगे जो लड़ाई में अपने बैरियों को सड़कों की कीच के समान रौंदते हों; वे लड़ेंगे, क्योंकि यहोवा उनके संग रहेगा, इस कारण वे वीरता से लड़ेंगे और सवारों की आशा टूटेगी।
Sie werden Helden dann im Krieg bis in den Kot der Gasse niederstampfen, und sie bestehen Kämpfe, weil der Herr mit ihnen ist; zuschanden machen sie die Rossereiter.
6 ६ “मैं यहूदा के घराने को पराक्रमी करूँगा, और यूसुफ के घराने का उद्धार करूँगा। मुझे उन पर दया आई है, इस कारण मैं उन्हें लौटा लाकर उन्हीं के देश में बसाऊँगा, और वे ऐसे होंगे, मानो मैंने उनको मन से नहीं उतारा; मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूँ, इसलिए उनकी सुन लूँगा।
"Ich mache stark das Judahaus und helfe auf dem Josephshaus und nehme wiederum sie auf. Ich liebe sie. Sie werden sein, als hätte ich sie nie verstoßen. Ich selbst, der Herr, bin ja ihr Gott, und ich erfülle ihre Wünsche."
7 ७ एप्रैमी लोग वीर के समान होंगे, और उनका मन ऐसा आनन्दित होगा जैसे दाखमधु से होता है। यह देखकर उनके बच्चे आनन्द करेंगे और उनका मन यहोवा के कारण मगन होगा।
Wie Helden sind dann die von Ephraim; ihr Herz wird frohen Mutes, wie von Wein. Und ihre Söhne schauen dies mit Herzensfreude und im Herrn frohlockend.
8 ८ “मैं सीटी बजाकर उनको इकट्ठा करूँगा, क्योंकि मैं उनका छुड़ानेवाला हूँ, और वे ऐसे बढ़ेंगे जैसे पहले बढ़े थे।
"Ich pfeife sie herbei und sammle sie; ich habe sie erlöst. Sie sollen zahlreich werden, wie sie einst waren.
9 ९ यद्यपि मैं उन्हें जाति-जाति के लोगों के बीच बिखेर दूँगा तो भी वे दूर-दूर देशों में मुझे स्मरण करेंगे, और अपने बालकों समेत जीवित लौट आएँगे।
Ich habe unter Völker sie zerstreut; in fernen Landen aber denken sie an mich. Sie kehren mit den Kindern lebend heim.
10 १० मैं उन्हें मिस्र देश से लौटा लाऊँगा, और अश्शूर से इकट्ठा करूँगा, और गिलाद और लबानोन के देशों में ले आकर इतना बढ़ाऊँगा कि वहाँ वे समा न सकेंगे।
Ich bringe sie aus dem Ägypterland zurück und sammle aus Assyrien sie. Ich fahre sie ins Land von Gilead und an den Libanon. Das aber reicht für sie nicht hin."
11 ११ वह उस कष्टदायक समुद्र में से होकर उसकी लहरें दबाता हुआ जाएगा और नील नदी का सब गहरा जल सूख जाएगा। अश्शूर का घमण्ड तोड़ा जाएगा और मिस्र का राजदण्ड जाता रहेगा।
Dann schreitet er durch ein gefährlich Meer und schlägt im Meer die Wellen nieder. Vertrocknen werden alle Nilestiefen; das stolze Assur wird gestürzt; Ägyptens Zepter schwindet.
12 १२ मैं उन्हें यहोवा द्वारा पराक्रमी करूँगा, और वे उसके नाम से चले फिरेंगे,” यहोवा की यही वाणी है।
"Ich lasse sie an Zahl anwachsen. Sie triumphieren in dem Herrn und seinem Namen." Ein Spruch des Herrn.