< श्रेष्ठगीत 5 >
1 १ हे मेरी बहन, हे मेरी दुल्हन, मैं अपनी बारी में आया हूँ, मैंने अपना गन्धरस और बलसान चुन लिया; मैंने मधु समेत छत्ता खा लिया, मैंने दूध और दाखमधु पी लिया। सहेलियाँ हे मित्रों, तुम भी खाओ, हे प्यारों, पियो, मनमाना पियो! वधू
Je suis entré dans mon jardin, ô ma sœur, ma fiancée; j’ai récolté ma myrrhe et mon baume, j’ai mangé de mes rayons de miel, j’ai bu mon vin et mon lait. Mangez, mes compagnons, buvez et enivrez-vous, amis.
2 २ मैं सोती थी, परन्तु मेरा मन जागता था। सुन! मेरा प्रेमी खटखटाता है, और कहता है, “हे मेरी बहन, हे मेरी प्रिय, हे मेरी कबूतरी, हे मेरी निर्मल, मेरे लिये द्वार खोल; क्योंकि मेरा सिर ओस से भरा है, और मेरी लटें रात में गिरी हुई बूँदों से भीगी हैं।”
Je dors, mais mon cœur est éveillé: c’est la voix de mon bien-aimé! II frappe: "Ouvre-moi, ma sœur, ma compagne, ma colombe, mon amie accomplie; car ma tête est couverte de rosée, les boucles de mes cheveux sont humectées par les gouttelettes de la nuit."
3 ३ मैं अपना वस्त्र उतार चुकी थी मैं उसे फिर कैसे पहनूँ? मैं तो अपने पाँव धो चुकी थी अब उनको कैसे मैला करूँ?
"J’Ai enlevé ma tunique, comment pourrais-je la remettre? Je me suis lavé les pieds, comment pourrais-je les salir?"
4 ४ मेरे प्रेमी ने अपना हाथ किवाड़ के छेद से भीतर डाल दिया, तब मेरा हृदय उसके लिये उमड़ उठा।
Mon bien-aimé retire sa main de la lucarne, et mes entrailles s’émeuvent en sa faveur.
5 ५ मैं अपने प्रेमी के लिये द्वार खोलने को उठी, और मेरे हाथों से गन्धरस टपका, और मेरी अंगुलियों पर से टपकता हुआ गन्धरस बेंड़े की मूठों पर पड़ा।
Je me lève pour ouvrir à mon bien-aimé; mes mains dégouttent de myrrhe, mes doigts laissent couler la myrrhe sur les poignées du verrou.
6 ६ मैंने अपने प्रेमी के लिये द्वार तो खोला परन्तु मेरा प्रेमी मुड़कर चला गया था। जब वह बोल रहा था, तब मेरा प्राण घबरा गया था मैंने उसको ढूँढ़ा, परन्तु न पाया; मैंने उसको पुकारा, परन्तु उसने कुछ उत्तर न दिया।
J’Ouvre à mon bien-aimé, mais mon bien-aimé est parti, a disparu mon âme s’était pâmée pendant qu’il parlait; je le cherche et je ne le trouve point, je l’appelle et il ne me répond pas.
7 ७ पहरेदार जो नगर में घूमते थे, मुझे मिले, उन्होंने मुझे मारा और घायल किया; शहरपनाह के पहरुओं ने मेरी चद्दर मुझसे छीन ली।
Les gardes qui font des rondes dans la ville me rencontrent, ils me frappent, me maltraitent; les gardiens des remparts m’enlèvent ma mantille.
8 ८ हे यरूशलेम की पुत्रियों, मैं तुम को शपथ धराकर कहती हूँ, यदि मेरा प्रेमी तुम को मिल जाए, तो उससे कह देना कि मैं प्रेम में रोगी हूँ। सहेलियाँ
Je vous en conjure, ô filles de Jérusalem: Si vous rencontrez mon bien-aimé, que lui direz-vous? Que je suis malade d’amour!
9 ९ हे स्त्रियों में परम सुन्दरी तेरा प्रेमी और प्रेमियों से किस बात में उत्तम है? तू क्यों हमको ऐसी शपथ धराती है? वधू
En quoi ton amant est-il supérieur aux autres amants, ô la plus belle des femmes? En quoi ton amant est-il supérieur aux autres amants, pour que tu nous conjures de la sorte?
10 १० मेरा प्रेमी गोरा और लाल सा है, वह दस हजारों में उत्तम है।
Mon amant est blanc et vermeil, distingué entre dix mille.
11 ११ उसका सिर उत्तम कुन्दन है; उसकी लटकती हुई लटें कौवों की समान काली हैं।
Sa tête est comme l’or pur, les boucles de ses cheveux qui pendent sont noires comme le corbeau.
12 १२ उसकी आँखें उन कबूतरों के समान हैं जो दूध में नहाकर नदी के किनारे अपने झुण्ड में एक कतार से बैठे हुए हों।
Ses yeux sont comme des colombes sur le bord des cours d’eau: ils semblent baignés dans le lait, ils sont bien posés dans leur cadre.
13 १३ उसके गाल फूलों की फुलवारी और बलसान की उभरी हुई क्यारियाँ हैं। उसके होंठ सोसन फूल हैं जिनसे पिघला हुआ गन्धरस टपकता है।
Ses joues sont comme une plate-bande de baume, comme des tertres de plantes aromatiques; ses lèvres sont des roses, elles distillent la myrrhe liquide.
14 १४ उसके हाथ फीरोजा जड़े हुए सोने की छड़ें हैं। उसका शरीर नीलम के फूलों से जड़े हुए हाथी दाँत का काम है।
Ses mains sont des cylindres d’or, incrustés d’onyx, son corps une œuvre d’art en ivoire, ornée de saphirs.
15 १५ उसके पाँव कुन्दन पर बैठाये हुए संगमरमर के खम्भे हैं। वह देखने में लबानोन और सुन्दरता में देवदार के वृक्षों के समान मनोहर है।
Ses jambes sont des colonnes de marbre fixées sur des socles d’or; son aspect est celui du Liban, superbe comme les cèdres.
16 १६ उसकी वाणी अति मधुर है, हाँ वह परम सुन्दर है। हे यरूशलेम की पुत्रियों, यही मेरा प्रेमी और यही मेरा मित्र है।
Son palais n’est que douceur, tout en lui respire le charme. Tel est mon amant, tel est mon ami, ô filles de Jérusalem!