< रूत 1 >

1 जिन दिनों में न्यायी लोग राज्य करते थे उन दिनों में देश में अकाल पड़ा, तब यहूदा के बैतलहम का एक पुरुष अपनी स्त्री और दोनों पुत्रों को संग लेकर मोआब के देश में परदेशी होकर रहने के लिए चला।
And it came to pass in the days when the judges judged, that there was a famine in the land. And a certain man of Beth-lehem-judah went to sojourn in the country of Moab, he, and his wife, and his two sons.
2 उस पुरुष का नाम एलीमेलेक, और उसकी पत्नी का नाम नाओमी, और उसके दो बेटों के नाम महलोन और किल्योन थे; ये एप्राती अर्थात् यहूदा के बैतलहम के रहनेवाले थे। वे मोआब के देश में आकर वहाँ रहे।
And the name of the man was Elimelech, and the name of his wife Naomi, and the name of his two sons Mahlon and Chilion, Ephrathites of Beth-lehem-judah. And they came into the country of Moab, and continued there.
3 और नाओमी का पति एलीमेलेक मर गया, और नाओमी और उसके दोनों पुत्र रह गए।
And Elimelech Naomi’s husband died; and she was left, and her two sons.
4 और उन्होंने एक-एक मोआबिन स्त्री ब्याह ली; एक स्त्री का नाम ओर्पा और दूसरी का नाम रूत था। फिर वे वहाँ कोई दस वर्ष रहे।
And they took them wives of the women of Moab; the name of the one was Orpah, and the name of the other Ruth: and they dwelled there about ten years.
5 जब महलोन और किल्योन दोनों मर गए, तब नाओमी अपने दोनों पुत्रों और पति से वंचित हो गई।
And Mahlon and Chilion died both of them; and the woman was left of her two children and of her husband.
6 तब वह मोआब के देश में यह सुनकर, कि यहोवा ने अपनी प्रजा के लोगों की सुधि ले के उन्हें भोजनवस्तु दी है, उस देश से अपनी दोनों बहुओं समेत लौट जाने को चली।
Then she arose with her daughters in law, that she might return from the country of Moab: for she had heard in the country of Moab how that the LORD had visited his people in giving them bread.
7 अतः वह अपनी दोनों बहुओं समेत उस स्थान से जहाँ रहती थी निकली, और उन्होंने यहूदा देश को लौट जाने का मार्ग लिया।
And she went forth out of the place where she was, and her two daughters in law with her; and they went on the way to return unto the land of Judah.
8 तब नाओमी ने अपनी दोनों बहुओं से कहा, “तुम अपने-अपने मायके लौट जाओ। और जैसे तुम ने उनसे जो मर गए हैं और मुझसे भी प्रीति की है, वैसे ही यहोवा तुम पर कृपा करे।
And Naomi said unto her two daughters in law, Go, return each of you to her mother’s house: the LORD deal kindly with you as ye have dealt with the dead, and with me.
9 यहोवा ऐसा करे कि तुम फिर अपने-अपने पति के घर में विश्राम पाओ।” तब नाओमी ने उनको चूमा, और वे चिल्ला चिल्लाकर रोने लगीं,
The LORD grant you that ye may find rest, each of you in the house of her husband. Then she kissed them; and they lifted up their voice, and wept.
10 १० और उससे कहा, “निश्चय हम तेरे संग तेरे लोगों के पास चलेंगी।”
And they said unto her, Nay, but we will return with thee unto thy people.
11 ११ पर नाओमी ने कहा, “हे मेरी बेटियों, लौट जाओ, तुम क्यों मेरे संग चलोगी? क्या मेरी कोख में और पुत्र हैं जो तुम्हारे पति हों?
And Naomi said, Turn again, my daughters: why will ye go with me? have I yet sons in my womb, that they may be your husbands?
12 १२ हे मेरी बेटियों, लौटकर चली जाओ, क्योंकि मैं पति करने को बूढ़ी हो चुकी हूँ। और चाहे मैं कहती भी, कि मुझे आशा है, और आज की रात मेरा पति होता भी, और मेरे पुत्र भी होते,
Turn again, my daughters, go your way; for I am too old to have an husband. If I should say, I have hope, if I should even have an husband to-night, and should also bear sons;
13 १३ तो भी क्या तुम उनके सयाने होने तक आशा लगाए ठहरी रहतीं? और उनके निमित्त पति करने से रुकी रहतीं? हे मेरी बेटियों, ऐसा न हो, क्योंकि मेरा दुःख तुम्हारे दुःख से बहुत बढ़कर है; देखो, यहोवा का हाथ मेरे विरुद्ध उठा है।”
would ye therefore tarry till they were grown? would ye therefore stay from having husbands? nay, my daughters; for it grieveth me much for your sakes, for the hand of the LORD is gone forth against me.
14 १४ तब वे चिल्ला चिल्लाकर फिर से रोने लगीं; और ओर्पा ने तो अपनी सास को चूमा, परन्तु रूत उससे अलग न हुई।
And they lifted up their voice, and wept again: and Orpah kissed her mother in law; but Ruth clave unto her.
15 १५ तब नाओमी ने कहा, “देख, तेरी जिठानी तो अपने लोगों और अपने देवता के पास लौट गई है; इसलिए तू अपनी जिठानी के पीछे लौट जा।”
And she said, Behold, thy sister in law is gone back unto her people, and unto her god: return thou after thy sister in law.
16 १६ पर रूत बोली, “तू मुझसे यह विनती न कर, कि मुझे त्याग या छोड़कर लौट जा; क्योंकि जिधर तू जाएगी उधर मैं भी जाऊँगी; जहाँ तू टिके वहाँ मैं भी टिकूँगी; तेरे लोग मेरे लोग होंगे, और तेरा परमेश्वर मेरा परमेश्वर होगा;
And Ruth said, Entreat me not to leave thee, and to return from following after thee: for whither thou goest, I will go; and where thou lodgest, I will lodge: thy people shall be my people, and thy God my God:
17 १७ जहाँ तू मरेगी वहाँ मैं भी मरूँगी, और वहीं मुझे मिट्टी दी जाएगी। यदि मृत्यु छोड़ और किसी कारण मैं तुझ से अलग होऊँ, तो यहोवा मुझसे वैसा ही वरन् उससे भी अधिक करे।”
where thou diest, will I die, and there will I be buried: the LORD do so to me, and more also, if aught but death part thee and me.
18 १८ जब नाओमी ने यह देखा कि वह मेरे संग चलने को तैयार है, तब उसने उससे और बात न कही।
And when she saw that she was stedfastly minded to go with her, she left speaking unto her.
19 १९ अतः वे दोनों चल पड़ी और बैतलहम को पहुँचीं। उनके बैतलहम में पहुँचने पर सारे नगर में उनके कारण हलचल मच गई; और स्त्रियाँ कहने लगीं, “क्या यह नाओमी है?”
So they two went until they came to Beth-lehem. And it came to pass, when they were come to Beth-lehem, that all the city was moved about them, and [the women] said, Is this Naomi?
20 २० उसने उनसे कहा, “मुझे नाओमी न कहो, मुझे मारा कहो, क्योंकि सर्वशक्तिमान ने मुझ को बड़ा दुःख दिया है।
And she said unto them, Call me not Naomi, call me Mara: for the Almighty hath dealt very bitterly with me.
21 २१ मैं भरी पूरी चली गई थी, परन्तु यहोवा ने मुझे खाली हाथ लौटाया है। इसलिए जबकि यहोवा ही ने मेरे विरुद्ध साक्षी दी, और सर्वशक्तिमान ने मुझे दुःख दिया है, फिर तुम मुझे क्यों नाओमी कहती हो?”
I went out full, and the LORD hath brought me home again empty: why call ye me Naomi, seeing the LORD hath testified against me, and the Almighty hath afflicted me?
22 २२ इस प्रकार नाओमी अपनी मोआबिन बहू रूत के साथ लौटी, जो मोआब देश से आई थी। और वे जौ कटने के आरम्भ में बैतलहम पहुँचीं।
So Naomi returned, and Ruth the Moabitess, her daughter in law, with her, which returned out of the country of Moab: and they came to Beth-lehem in the beginning of barley harvest.

< रूत 1 >