< रोमियों 16 >

1 मैं तुम से फीबे के लिए, जो हमारी बहन और किंख्रिया की कलीसिया की सेविका है, विनती करता हूँ।
I commend to you our sister Phoebe, who is a servant of the congregation in Cenchrea,
2 कि तुम जैसा कि पवित्र लोगों को चाहिए, उसे प्रभु में ग्रहण करो; और जिस किसी बात में उसको तुम से प्रयोजन हो, उसकी सहायता करो; क्योंकि वह भी बहुतों की वरन् मेरी भी उपकारिणी हुई है।
so that you may receive her in the Lord in a manner worthy of the saints, and assist her in whatever matter she may need from you; for indeed she herself has been a helper of many, including my own self.
3 प्रिस्का और अक्विला को जो यीशु में मेरे सहकर्मी हैं, नमस्कार।
Greet Prisca and Aquila, my fellow workers in Christ Jesus,
4 उन्होंने मेरे प्राण के लिये अपना ही सिर दे रखा था और केवल मैं ही नहीं, वरन् अन्यजातियों की सारी कलीसियाएँ भी उनका धन्यवाद करती हैं।
who risked their own necks for my life; to whom not only I give thanks, but also all the congregations of the Gentiles.
5 और उस कलीसिया को भी नमस्कार जो उनके घर में है। मेरे प्रिय इपैनितुस को जो मसीह के लिये आसिया का पहला फल है, नमस्कार।
And greet the congregation that is in their house. Greet my beloved Epaenetus, who is the first convert to Christ from Achaia.
6 मरियम को जिसने तुम्हारे लिये बहुत परिश्रम किया, नमस्कार।
Greet Mary, who worked very hard for you.
7 अन्द्रुनीकुस और यूनियास को जो मेरे कुटुम्बी हैं, और मेरे साथ कैद हुए थे, और प्रेरितों में नामी हैं, और मुझसे पहले मसीही हुए थे, नमस्कार।
Greet Andronicus and Junias, my countrymen and my fellow prisoners, who are outstanding among the apostles, and who were in Christ before me.
8 अम्पलियातुस को, जो प्रभु में मेरा प्रिय है, नमस्कार।
Greet Amplias, my beloved in the Lord.
9 उरबानुस को, जो मसीह में हमारा सहकर्मी है, और मेरे प्रिय इस्तखुस को नमस्कार।
Greet Urbanus, our fellow worker in Christ, and my beloved Stachys.
10 १० अपिल्लेस को जो मसीह में खरा निकला, नमस्कार। अरिस्तुबुलुस के घराने को नमस्कार।
Greet Apelles, approved in Christ. Greet those who are of the household of Aristobulus.
11 ११ मेरे कुटुम्बी हेरोदियोन को नमस्कार। नरकिस्सुस के घराने के जो लोग प्रभु में हैं, उनको नमस्कार।
Greet Herodian, my countryman. Greet those who are of the household of Narcissus, who are in the Lord.
12 १२ त्रूफैना और त्रूफोसा को जो प्रभु में परिश्रम करती हैं, नमस्कार। प्रिय पिरसिस को जिसने प्रभु में बहुत परिश्रम किया, नमस्कार।
Greet Tryphena and Tryphosa, who have worked hard in the Lord. Greet the beloved Persis, who has worked very hard in the Lord.
13 १३ रूफुस को जो प्रभु में चुना हुआ है, और उसकी माता को जो मेरी भी है, दोनों को नमस्कार।
Greet Rufus, chosen in the Lord, also his mother, and mine.
14 १४ असुंक्रितुस और फिलगोन और हिर्मेस, पत्रुबास, हर्मास और उनके साथ के भाइयों को नमस्कार।
Greet Asyncritus, Phlegon, Hermas, Patrobas, Hermes, and the brothers who are with them.
15 १५ फिलुलुगुस और यूलिया और नेर्युस और उसकी बहन, और उलुम्पास और उनके साथ के सब पवित्र लोगों को नमस्कार।
Greet Philologus and Julia, Nereus and his sister, also Olympus and all the saints who are with them.
16 १६ आपस में पवित्र चुम्बन से नमस्कार करो: तुम को मसीह की सारी कलीसियाओं की ओर से नमस्कार।
Greet one another with a holy kiss. The congregations of Christ greet you.
17 १७ अब हे भाइयों, मैं तुम से विनती करता हूँ, कि जो लोग उस शिक्षा के विपरीत जो तुम ने पाई है, फूट डालने, और ठोकर खिलाने का कारण होते हैं, उनसे सावधान रहो; और उनसे दूर रहो।
Now I exhort you, brothers, to watch out for those who cause divisions and offenses, contrary to the doctrine you have learned, and avoid them.
18 १८ क्योंकि ऐसे लोग हमारे प्रभु मसीह की नहीं, परन्तु अपने पेट की सेवा करते है; और चिकनी चुपड़ी बातों से सीधे सादे मन के लोगों को बहका देते हैं।
Because such people do not serve our Lord Jesus Christ, but their own belly, and by smooth talk and flattery they deceive the hearts of the unsuspecting.
19 १९ तुम्हारे आज्ञा मानने की चर्चा सब लोगों में फैल गई है; इसलिए मैं तुम्हारे विषय में आनन्द करता हूँ; परन्तु मैं यह चाहता हूँ, कि तुम भलाई के लिये बुद्धिमान, परन्तु बुराई के लिये भोले बने रहो।
I rejoice over you because your obedience has become known to all, but I want you to be wise as to what is good, yet innocent as to what is evil.
20 २० शान्ति का परमेश्वर शैतान को तुम्हारे पाँवों के नीचे शीघ्र कुचल देगा। हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम पर होता रहे।
The God of peace will quickly crush Satan under your feet! The grace of our Lord Jesus Christ be with you.
21 २१ तीमुथियुस मेरे सहकर्मी का, और लूकियुस और यासोन और सोसिपत्रुस मेरे कुटुम्बियों का, तुम को नमस्कार।
Timothy, my fellow worker, greets you, as do Lucius, Jason and Sosipater, my countrymen.
22 २२ मुझ पत्री के लिखनेवाले तिरतियुस का प्रभु में तुम को नमस्कार।
I, Tertius, who penned this letter in the Lord, greet you.
23 २३ गयुस का जो मेरी और कलीसिया का पहुनाई करनेवाला है उसका तुम्हें नमस्कार: इरास्तुस जो नगर का भण्डारी है, और भाई क्वारतुस का, तुम को नमस्कार।
Gaius, host to me and the whole congregation, greets you. Erastus, the city treasurer, greets you, as does brother Quartus.
24 २४ हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम पर होता रहे। आमीन।
The grace of our Lord Jesus Christ be with us all! Amen.
25 २५ अब जो तुम को मेरे सुसमाचार अर्थात् यीशु मसीह के विषय के प्रचार के अनुसार स्थिर कर सकता है, उस भेद के प्रकाश के अनुसार जो सनातन से छिपा रहा। (aiōnios g166)
Now to Him who has power to establish you according to my Gospel and the proclamation of Jesus Christ, according to the revelation of the mystery kept secret through long ages, (aiōnios g166)
26 २६ परन्तु अब प्रगट होकर सनातन परमेश्वर की आज्ञा से भविष्यद्वक्ताओं की पुस्तकों के द्वारा सब जातियों को बताया गया है, कि वे विश्वास से आज्ञा माननेवाले हो जाएँ। (aiōnios g166)
but now revealed and made known through the prophetic Scriptures, according to the command of the eternal God, with a view to obedience of faith among all ethnic nations (aiōnios g166)
27 २७ उसी एकमात्र अद्वैत बुद्धिमान परमेश्वर की यीशु मसीह के द्वारा युगानुयुग महिमा होती रहे। आमीन। (aiōn g165)
—to the only wise God, through Jesus Christ—to Him be the glory forever! Amen. (aiōn g165)

< रोमियों 16 >