< प्रकाशित वाक्य 15 >

1 फिर मैंने स्वर्ग में एक और बड़ा और अद्भुत चिन्ह देखा, अर्थात् सात स्वर्गदूत जिनके पास सातों अन्तिम विपत्तियाँ थीं, क्योंकि उनके हो जाने पर परमेश्वर के प्रकोप का अन्त है।
Et vidi aliud signum in cælo magnum et mirabile, angelos septem, habentes plagas septem novissimas: quoniam in illis consummata est ira Dei.
2 और मैंने आग से मिले हुए काँच के जैसा एक समुद्र देखा, और जो लोग उस पशु पर और उसकी मूर्ति पर, और उसके नाम के अंक पर जयवन्त हुए थे, उन्हें उस काँच के समुद्र के निकट परमेश्वर की वीणाओं को लिए हुए खड़े देखा।
Et vidi tamquam mare vitreum mistum igne, et eos, qui vicerunt bestiam, et imaginem ejus, et numerum nominis ejus, stantes super mare vitreum, habentes citharas Dei:
3 और वे परमेश्वर के दास मूसा का गीत, और मेम्ने का गीत गा गाकर कहते थे, “हे सर्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, तेरे कार्य महान, और अद्भुत हैं, हे युग-युग के राजा, तेरी चाल ठीक और सच्ची है।”
et cantantes canticum Moysi servi Dei, et canticum Agni, dicentes: Magna et mirabilia sunt opera tua, Domine Deus omnipotens: justæ et veræ sunt viæ tuæ, Rex sæculorum.
4 “हे प्रभु, कौन तुझ से न डरेगा? और तेरे नाम की महिमा न करेगा? क्योंकि केवल तू ही पवित्र है, और सारी जातियाँ आकर तेरे सामने दण्डवत् करेंगी, क्योंकि तेरे न्याय के काम प्रगट हो गए हैं।”
Quis non timebit te, Domine, et magnificabit nomen tuum? quia solus pius es: quoniam omnes gentes venient, et adorabunt in conspectu tuo, quoniam judicia tua manifesta sunt.
5 इसके बाद मैंने देखा, कि स्वर्ग में साक्षी के तम्बू का मन्दिर खोला गया,
Et post hæc vidi: et ecce apertum est templum tabernaculi testimonii in cælo,
6 और वे सातों स्वर्गदूत जिनके पास सातों विपत्तियाँ थीं, मलमल के शुद्ध और चमकदार वस्त्र पहने और छाती पर सोने की पट्टियाँ बाँधे हुए मन्दिर से निकले।
et exierunt septem angeli habentes septem plagas de templo, vestiti lino mundo et candido, et præcincti circa pectora zonis aureis.
7 तब उन चारों प्राणियों में से एक ने उन सात स्वर्गदूतों को परमेश्वर के, जो युगानुयुग जीविता है, प्रकोप से भरे हुए सात सोने के कटोरे दिए। (aiōn g165)
Et unum de quatuor animalibus dedit septem angelis septem phialas aureas, plenas iracundiæ Dei viventis in sæcula sæculorum. (aiōn g165)
8 और परमेश्वर की महिमा, और उसकी सामर्थ्य के कारण मन्दिर धुएँ से भर गया और जब तक उन सातों स्वर्गदूतों की सातों विपत्तियाँ समाप्त न हुई, तब तक कोई मन्दिर में न जा सका।
Et impletum est templum fumo a majestate Dei, et de virtute ejus: et nemo poterat introire in templum, donec consummarentur septem plagæ septem angelorum.

< प्रकाशित वाक्य 15 >