< प्रकाशित वाक्य 12 >
1 १ फिर स्वर्ग पर एक बड़ा चिन्ह दिखाई दिया, अर्थात् एक स्त्री जो सूर्य ओढ़े हुए थी, और चाँद उसके पाँवों तले था, और उसके सिर पर बारह तारों का मुकुट था;
১ততঃ পরং স্ৱর্গে মহাচিত্রং দৃষ্টং যোষিদেকাসীৎ সা পরিহিতসূর্য্যা চন্দ্রশ্চ তস্যাশ্চরণযোরধো দ্ৱাদশতারাণাং কিরীটঞ্চ শিরস্যাসীৎ|
2 २ वह गर्भवती हुई, और चिल्लाती थी; क्योंकि प्रसव की पीड़ा उसे लगी थी; क्योंकि वह बच्चा जनने की पीड़ा में थी।
২সা গর্ভৱতী সতী প্রসৱৱেদনযা ৱ্যথিতার্ত্তরাৱম্ অকরোৎ|
3 ३ एक और चिन्ह स्वर्ग में दिखाई दिया, एक बड़ा लाल अजगर था जिसके सात सिर और दस सींग थे, और उसके सिरों पर सात राजमुकुट थे।
৩ততঃ স্ৱর্গে ঽপরম্ একং চিত্রং দৃষ্টং মহানাগ এক উপাতিষ্ঠৎ স লোহিতৱর্ণস্তস্য সপ্ত শিরাংসি সপ্ত শৃঙ্গাণি শিরঃসু চ সপ্ত কিরীটান্যাসন্|
4 ४ और उसकी पूँछ ने आकाश के तारों की एक तिहाई को खींचकर पृथ्वी पर डाल दिया, और वह अजगर उस स्त्री के सामने जो जच्चा थी, खड़ा हुआ, कि जब वह बच्चा जने तो उसके बच्चे को निगल जाए।
৪স স্ৱলাঙ্গূলেন গগনস্থনক্ষত্রাণাং তৃতীযাংশম্ অৱমৃজ্য পৃথিৱ্যাং ন্যপাতযৎ| স এৱ নাগো নৱজাতং সন্তানং গ্রসিতুম্ উদ্যতস্তস্যাঃ প্রসৱিষ্যমাণাযা যোষিতো ঽন্তিকে ঽতিষ্ঠৎ|
5 ५ और वह बेटा जनी जो लोहे का राजदण्ड लिए हुए, सब जातियों पर राज्य करने पर था, और उसका बच्चा परमेश्वर के पास, और उसके सिंहासन के पास उठाकर पहुँचा दिया गया।
৫সা তু পুংসন্তানং প্রসূতা স এৱ লৌহমযরাজদণ্ডেন সর্ৱ্ৱজাতীশ্চারযিষ্যতি, কিঞ্চ তস্যাঃ সন্তান ঈশ্ৱরস্য সমীপং তদীযসিংহাসনস্য চ সন্নিধিম্ উদ্ধৃতঃ|
6 ६ और वह स्त्री उस जंगल को भाग गई, जहाँ परमेश्वर की ओर से उसके लिये एक जगह तैयार की गई थी कि वहाँ वह एक हजार दो सौ साठ दिन तक पाली जाए।
৬সা চ যোষিৎ প্রান্তরং পলাযিতা যতস্তত্রেশ্ৱরেণ নির্ম্মিত আশ্রমে ষষ্ঠ্যধিকশতদ্ৱযাধিকসহস্রদিনানি তস্যাঃ পালনেন ভৱিতৱ্যং|
7 ७ फिर स्वर्ग पर लड़ाई हुई, मीकाईल और उसके स्वर्गदूत अजगर से लड़ने को निकले; और अजगर और उसके दूत उससे लड़े,
৭ততঃ পরং স্ৱর্গে সংগ্রাম উপাপিষ্ঠৎ মীখাযেলস্তস্য দূতাশ্চ তেন নাগেন সহাযুধ্যন্ তথা স নাগস্তস্য দূতাশ্চ সংগ্রামম্ অকুর্ৱ্ৱন্, কিন্তু প্রভৱিতুং নাশক্নুৱন্
8 ८ परन्तु प्रबल न हुए, और स्वर्ग में उनके लिये फिर जगह न रही।
৮যতঃ স্ৱর্গে তেষাং স্থানং পুন র্নাৱিদ্যত|
9 ९ और वह बड़ा अजगर अर्थात् वही पुराना साँप, जो शैतान कहलाता है, और सारे संसार का भरमानेवाला है, पृथ्वी पर गिरा दिया गया; और उसके दूत उसके साथ गिरा दिए गए।
৯অপরং স মহানাগো ঽর্থতো দিযাৱলঃ (অপৱাদকঃ) শযতানশ্চ (ৱিপক্ষঃ) ইতি নাম্না ৱিখ্যাতো যঃ পুরাতনঃ সর্পঃ কৃৎস্নং নরলোকং ভ্রামযতি স পৃথিৱ্যাং নিপাতিতস্তেন সার্দ্ধং তস্য দূতা অপি তত্র নিপাতিতাঃ|
10 १० फिर मैंने स्वर्ग पर से यह बड़ा शब्द आते हुए सुना, “अब हमारे परमेश्वर का उद्धार, सामर्थ्य, राज्य, और उसके मसीह का अधिकार प्रगट हुआ है; क्योंकि हमारे भाइयों पर दोष लगानेवाला, जो रात-दिन हमारे परमेश्वर के सामने उन पर दोष लगाया करता था, गिरा दिया गया।
১০ততঃ পরং স্ৱর্গে উচ্চৈ র্ভাষমাণো রৱো ঽযং মযাশ্রাৱি, ত্রাণং শক্তিশ্চ রাজৎৱমধুনৈৱেশ্ৱরস্য নঃ| তথা তেনাভিষিক্তস্য ত্রাতুঃ পরাক্রমো ঽভৱৎং|| যতো নিপাতিতো ঽস্মাকং ভ্রাতৃণাং সো ঽভিযোজকঃ| যেনেশ্ৱরস্য নঃ সাক্ষাৎ তে ঽদূষ্যন্ত দিৱানিশং||
11 ११ और वे मेम्ने के लहू के कारण, और अपनी गवाही के वचन के कारण, उस पर जयवन्त हुए, क्योंकि उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहाँ तक कि मृत्यु भी सह ली।
১১মেষৱৎসস্য রক্তেন স্ৱসাক্ষ্যৱচনেন চ| তে তু নির্জিতৱন্তস্তং ন চ স্নেহম্ অকুর্ৱ্ৱত| প্রাণোষ্ৱপি স্ৱকীযেষু মরণস্যৈৱ সঙ্কটে|
12 १२ इस कारण, हे स्वर्गों, और उनमें रहनेवालों मगन हो; हे पृथ्वी, और समुद्र, तुम पर हाय! क्योंकि शैतान बड़े क्रोध के साथ तुम्हारे पास उतर आया है; क्योंकि जानता है कि उसका थोड़ा ही समय और बाकी है।”
১২তস্মাদ্ আনন্দতু স্ৱর্গো হৃষ্যন্তাং তন্নিৱামিনঃ| হা ভূমিসাগরৌ তাপো যুৱামেৱাক্রমিষ্যতি| যুৱযোরৱতীর্ণো যৎ শৈতানো ঽতীৱ কাপনঃ| অল্পো মে সমযো ঽস্ত্যেতচ্চাপি তেনাৱগম্যতে||
13 १३ जब अजगर ने देखा, कि मैं पृथ्वी पर गिरा दिया गया हूँ, तो उस स्त्री को जो बेटा जनी थी, सताया।
১৩অনন্তরং স নাগঃ পৃথিৱ্যাং স্ৱং নিক্ষিপ্তং ৱিলোক্য তাং পুত্রপ্রসূতাং যোষিতম্ উপাদ্রৱৎ|
14 १४ पर उस स्त्री को बड़े उकाब के दो पंख दिए गए, कि साँप के सामने से उड़कर जंगल में उस जगह पहुँच जाए, जहाँ वह एक समय, और समयों, और आधे समय तक पाली जाए।
১৪ততঃ সা যোষিৎ যৎ স্ৱকীযং প্রান্তরস্থাশ্রমং প্রত্যুৎপতিতুং শক্নুযাৎ তদর্থং মহাকুররস্য পক্ষদ্ৱযং তস্ৱৈ দত্তং, সা তু তত্র নাগতো দূরে কালৈকং কালদ্ৱযং কালার্দ্ধঞ্চ যাৱৎ পাল্যতে|
15 १५ और साँप ने उस स्त्री के पीछे अपने मुँह से नदी के समान पानी बहाया कि उसे इस नदी से बहा दे।
১৫কিঞ্চ স নাগস্তাং যোষিতং স্রোতসা প্লাৱযিতুং স্ৱমুখাৎ নদীৱৎ তোযানি তস্যাঃ পশ্চাৎ প্রাক্ষিপৎ|
16 १६ परन्तु पृथ्वी ने उस स्त्री की सहायता की, और अपना मुँह खोलकर उस नदी को जो अजगर ने अपने मुँह से बहाई थी, पी लिया।
১৬কিন্তু মেদিনী যোষিতম্ উপকুর্ৱ্ৱতী নিজৱদনং ৱ্যাদায নাগমুখাদ্ উদ্গীর্ণাং নদীম্ অপিৱৎ|
17 १७ तब अजगर स्त्री पर क्रोधित हुआ, और उसकी शेष सन्तान से जो परमेश्वर की आज्ञाओं को मानते, और यीशु की गवाही देने पर स्थिर हैं, लड़ने को गया।
১৭ততো নাগো যোষিতে ক্রুদ্ধ্ৱা তদ্ৱংশস্যাৱশিষ্টলোকৈরর্থতো য ঈশ্ৱরস্যাজ্ঞাঃ পালযন্তি যীশোঃ সাক্ষ্যং ধারযন্তি চ তৈঃ সহ যোদ্ধুং নির্গতৱান্|