< भजन संहिता 99 >
1 १ यहोवा राजा हुआ है; देश-देश के लोग काँप उठें! वह करूबों पर विराजमान है; पृथ्वी डोल उठे!
Psalmus ipsi David. [Dominus regnavit: irascantur populi; qui sedet super cherubim: moveatur terra.
2 २ यहोवा सिय्योन में महान है; और वह देश-देश के लोगों के ऊपर प्रधान है।
Dominus in Sion magnus, et excelsus super omnes populos.
3 ३ वे तेरे महान और भययोग्य नाम का धन्यवाद करें! वह तो पवित्र है।
Confiteantur nomini tuo magno, quoniam terribile et sanctum est,
4 ४ राजा की सामर्थ्य न्याय से मेल रखती है, तू ही ने सच्चाई को स्थापित किया; न्याय और धर्म को याकूब में तू ही ने चालू किया है।
et honor regis judicium diligit. Tu parasti directiones; judicium et justitiam in Jacob tu fecisti.
5 ५ हमारे परमेश्वर यहोवा को सराहो; और उसके चरणों की चौकी के सामने दण्डवत् करो! वह पवित्र है!
Exaltate Dominum Deum nostrum, et adorate scabellum pedum ejus, quoniam sanctum est.
6 ६ उसके याजकों में मूसा और हारून, और उसके प्रार्थना करनेवालों में से शमूएल यहोवा को पुकारते थे, और वह उनकी सुन लेता था।
Moyses et Aaron in sacerdotibus ejus, et Samuel inter eos qui invocant nomen ejus: invocabant Dominum, et ipse exaudiebat eos;
7 ७ वह बादल के खम्भे में होकर उनसे बातें करता था; और वे उसकी चितौनियों और उसकी दी हुई विधियों पर चलते थे।
in columna nubis loquebatur ad eos. Custodiebant testimonia ejus, et præceptum quod dedit illis.
8 ८ हे हमारे परमेश्वर यहोवा, तू उनकी सुन लेता था; तू उनके कामों का पलटा तो लेता था तो भी उनके लिये क्षमा करनेवाला परमेश्वर था।
Domine Deus noster, tu exaudiebas eos; Deus, tu propitius fuisti eis, et ulciscens in omnes adinventiones eorum.
9 ९ हमारे परमेश्वर यहोवा को सराहो, और उसके पवित्र पर्वत पर दण्डवत् करो; क्योंकि हमारा परमेश्वर यहोवा पवित्र है!
Exaltate Dominum Deum nostrum, et adorate in monte sancto ejus, quoniam sanctus Dominus Deus noster.]