< भजन संहिता 98 >

1 भजन यहोवा के लिये एक नया गीत गाओ, क्योंकि उसने आश्‍चर्यकर्म किए हैं! उसके दाहिने हाथ और पवित्र भुजा ने उसके लिये उद्धार किया है!
Psalmus ipsi David. [Cantate Domino canticum novum, quia mirabilia fecit. Salvavit sibi dextera ejus, et brachium sanctum ejus.
2 यहोवा ने अपना किया हुआ उद्धार प्रकाशित किया, उसने अन्यजातियों की दृष्टि में अपना धर्म प्रगट किया है।
Notum fecit Dominus salutare suum; in conspectu gentium revelavit justitiam suam.
3 उसने इस्राएल के घराने पर की अपनी करुणा और सच्चाई की सुधि ली, और पृथ्वी के सब दूर-दूर देशों ने हमारे परमेश्वर का किया हुआ उद्धार देखा है।
Recordatus est misericordiæ suæ, et veritatis suæ domui Israël. Viderunt omnes termini terræ salutare Dei nostri.
4 हे सारी पृथ्वी के लोगों, यहोवा का जयजयकार करो; उत्साहपूर्वक जयजयकार करो, और भजन गाओ!
Jubilate Deo, omnis terra; cantate, et exsultate, et psallite.
5 वीणा बजाकर यहोवा का भजन गाओ, वीणा बजाकर भजन का स्वर सुनाओ।
Psallite Domino in cithara; in cithara et voce psalmi;
6 तुरहियां और नरसिंगे फूँक फूँककर यहोवा राजा का जयजयकार करो।
in tubis ductilibus, et voce tubæ corneæ. Jubilate in conspectu regis Domini:
7 समुद्र और उसमें की सब वस्तुएँ गरज उठें; जगत और उसके निवासी महाशब्द करें!
moveatur mare, et plenitudo ejus; orbis terrarum, et qui habitant in eo.
8 नदियाँ तालियाँ बजाएँ; पहाड़ मिलकर जयजयकार करें।
Flumina plaudent manu; simul montes exsultabunt
9 यह यहोवा के सामने हो, क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने को आनेवाला है। वह धर्म से जगत का, और सच्चाई से देश-देश के लोगों का न्याय करेगा।
a conspectu Domini: quoniam venit judicare terram. Judicabit orbem terrarum in justitia, et populos in æquitate.]

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