< भजन संहिता 95 >
1 १ आओ हम यहोवा के लिये ऊँचे स्वर से गाएँ, अपने उद्धार की चट्टान का जयजयकार करें!
Псалом Хвалебная песнь Давида. Приидите, воспоем Господу, воскликнем Богу, твердыне спасения нашего;
2 २ हम धन्यवाद करते हुए उसके सम्मुख आएँ, और भजन गाते हुए उसका जयजयकार करें।
предстанем лицу Его со славословием, в песнях воскликнем Ему,
3 ३ क्योंकि यहोवा महान परमेश्वर है, और सब देवताओं के ऊपर महान राजा है।
ибо Господь есть Бог великий и Царь великий над всеми богами.
4 ४ पृथ्वी के गहरे स्थान उसी के हाथ में हैं; और पहाड़ों की चोटियाँ भी उसी की हैं।
В Его руке глубины земли, и вершины гор - Его же;
5 ५ समुद्र उसका है, और उसी ने उसको बनाया, और स्थल भी उसी के हाथ का रचा है।
Его - море, и Он создал его, и сушу образовали руки Его.
6 ६ आओ हम झुककर दण्डवत् करें, और अपने कर्ता यहोवा के सामने घुटने टेकें!
Приидите, поклонимся и припадем, преклоним колени пред лицем Господа, Творца нашего;
7 ७ क्योंकि वही हमारा परमेश्वर है, और हम उसकी चराई की प्रजा, और उसके हाथ की भेड़ें हैं। भला होता, कि आज तुम उसकी बात सुनते!
ибо Он есть Бог наш, и мы - народ паствы Его и овцы руки Его. О, если бы вы ныне послушали гласа Его:
8 ८ अपना-अपना हृदय ऐसा कठोर मत करो, जैसा मरीबा में, व मस्सा के दिन जंगल में हुआ था,
“не ожесточите сердца вашего, как в Мериве, как в день искушения в пустыне,
9 ९ जब तुम्हारे पुरखाओं ने मुझे परखा, उन्होंने मुझ को जाँचा और मेरे काम को भी देखा।
где искушали Меня отцы ваши, испытывали Меня, и видели дело Мое.
10 १० चालीस वर्ष तक मैं उस पीढ़ी के लोगों से रूठा रहा, और मैंने कहा, “ये तो भरमानेवाले मन के हैं, और इन्होंने मेरे मार्गों को नहीं पहचाना।”
Сорок лет Я был раздражаем родом сим, и сказал: это народ, заблуждающийся сердцем; они не познали путей Моих,
11 ११ इस कारण मैंने क्रोध में आकर शपथ खाई कि ये मेरे विश्रामस्थान में कभी प्रवेश न करने पाएँगे।
и потому Я поклялся во гневе Моем, что они не войдут в покой Мой”.