< भजन संहिता 74 >

1 आसाप का मश्कील हे परमेश्वर, तूने हमें क्यों सदा के लिये छोड़ दिया है? तेरी कोपाग्नि का धुआँ तेरी चराई की भेड़ों के विरुद्ध क्यों उठ रहा है?
En Maskil af Asaf. Hvorfor har du, Gud, stødt os bort for evigt, hvi ryger din Vrede mod Hjorden, du røgter?
2 अपनी मण्डली को जिसे तूने प्राचीनकाल में मोल लिया था, और अपने निज भाग का गोत्र होने के लिये छुड़ा लिया था, और इस सिय्योन पर्वत को भी, जिस पर तूने वास किया था, स्मरण कर!
Kom din Menighed i Hu, som du fordum vandt dig, — du udløste den til din Ejendoms Stamme — Zions Bjerg, hvor du har din Bolig.
3 अपने डग अनन्त खण्डहरों की ओर बढ़ा; अर्थात् उन सब बुराइयों की ओर जो शत्रु ने पवित्रस्थान में की हैं।
Løft dine Fjed til de evige Tomter: Fjenden lagde alt i Helligdommen øde.
4 तेरे द्रोही तेरे पवित्रस्थान के बीच गर्जते रहे हैं; उन्होंने अपनी ही ध्वजाओं को चिन्ह ठहराया है।
Dine Fjender brøled i dit Samlingshus, satte deres Tegn som Tegn deri.
5 वे उन मनुष्यों के समान थे जो घने वन के पेड़ों पर कुल्हाड़े चलाते हैं;
Det saa ud, som naar man løfter Økser i Skovens Tykning.
6 और अब वे उस भवन की नक्काशी को, कुल्हाड़ियों और हथौड़ों से बिल्कुल तोड़े डालते हैं।
Og alt det udskaarne Træværk der! De hugged det sønder med Økse og Hammer.
7 उन्होंने तेरे पवित्रस्थान को आग में झोंक दिया है, और तेरे नाम के निवास को गिराकर अशुद्ध कर डाला है।
Paa din Helligdom satte de Ild, de skændede og nedrev dit Navns Bolig.
8 उन्होंने मन में कहा है, “हम इनको एकदम दबा दें।” उन्होंने इस देश में परमेश्वर के सब सभास्थानों को फूँक दिया है।
De tænkte: »Til Hobe udrydder vi dem!« De brændte alle Guds Samlingshuse i Landet.
9 हमको अब परमेश्वर के कोई अद्भुत चिन्ह दिखाई नहीं देते; अब कोई नबी नहीं रहा, न हमारे बीच कोई जानता है कि कब तक यह दशा रहेगी।
Vore Tegn, dem ser vi ikke, Profeter findes ej mer; hvor længe, ved ingen af os.
10 १० हे परमेश्वर द्रोही कब तक नामधराई करता रहेगा? क्या शत्रु, तेरे नाम की निन्दा सदा करता रहेगा?
Hvor længe, o Gud, skal vor Modstander smæde, Fjenden blive ved at haane dit Navn?
11 ११ तू अपना दाहिना हाथ क्यों रोके रहता है? उसे अपने पंजर से निकालकर उनका अन्त कर दे।
Hvorfor holder du din Haand tilbage og skjuler din højre i Kappens Fold?
12 १२ परमेश्वर तो प्राचीनकाल से मेरा राजा है, वह पृथ्वी पर उद्धार के काम करता आया है।
Vor Konge fra fordums Tid er dog Gud, som udførte Frelsens Værk i Landet.
13 १३ तूने तो अपनी शक्ति से समुद्र को दो भागकर दिया; तूने तो समुद्री अजगरों के सिरों को फोड़ दिया।
Du kløvede Havet med Vælde, knuste paa Vandet Dragernes Hoved;
14 १४ तूने तो लिव्यातान के सिरों को टुकड़े-टुकड़े करके जंगली जन्तुओं को खिला दिए।
du søndrede Hovederne paa Livjatan og gav dem som Æde til Ørkenens Dyr;
15 १५ तूने तो सोता खोलकर जल की धारा बहाई, तूने तो बारहमासी नदियों को सूखा डाला।
Kilde og Bæk lod du vælde frem, du udtørred stedseflydende Strømme;
16 १६ दिन तेरा है रात भी तेरी है; सूर्य और चन्द्रमा को तूने स्थिर किया है।
din er Dagen, og din er Natten, du grundlagde Lys og Sol,
17 १७ तूने तो पृथ्वी की सब सीमाओं को ठहराया; धूपकाल और सर्दी दोनों तूने ठहराए हैं।
du fastsatte alle Grænser paa Jord, du frembragte Sommer og Vinter.
18 १८ हे यहोवा, स्मरण कर कि शत्रु ने नामधराई की है, और मूर्ख लोगों ने तेरे नाम की निन्दा की है।
Kom i Hu, o HERRE, at Fjenden har haanet, et Folk af Daarer har spottet dit Navn!
19 १९ अपनी पिण्डुकी के प्राण को वन पशु के वश में न कर; अपने दीन जनों को सदा के लिये न भूल
Giv ikke Vilddyret din Turteldues Sjæl, glem ikke for evigt dine armes Liv;
20 २० अपनी वाचा की सुधि ले; क्योंकि देश के अंधेरे स्थान अत्याचार के घरों से भरपूर हैं।
se hen til Pagten, thi fyldte er Landets mørke Steder med Voldsfærds Boliger.
21 २१ पिसे हुए जन को अपमानित होकर लौटना न पड़े; दीन और दरिद्र लोग तेरे नाम की स्तुति करने पाएँ।
Lad ej den fortrykte gaa bort med Skam, lad de arme og fattige prise dit Navn!
22 २२ हे परमेश्वर, उठ, अपना मुकद्दमा आप ही लड़; तेरी जो नामधराई मूर्ख द्वारा दिन भर होती रहती है, उसे स्मरण कर।
Gud, gør dig rede, før din Sag, kom i Hu, hvor du stadig smædes af Daarer,
23 २३ अपने द्रोहियों का बड़ा बोल न भूल, तेरे विरोधियों का कोलाहल तो निरन्तर उठता रहता है।
lad ej dine Avindsmænds Røst uænset! Ustandseligt lyder dine Fjenders Larm!

< भजन संहिता 74 >