< भजन संहिता 68 >
1 १ प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन, गीत परमेश्वर उठे, उसके शत्रु तितर-बितर हों; और उसके बैरी उसके सामने से भाग जाएँ!
[Dem Vorsänger. Von David. Ein Psalm, ein Lied. [Eig. Ein Lied-Psalm] ] Möge Gott aufstehen! mögen sich zerstreuen seine Feinde, und vor ihm fliehen seine Hasser! [Vergl. 4. Mose 10,35]
2 २ जैसे धुआँ उड़ जाता है, वैसे ही तू उनको उड़ा दे; जैसे मोम आग की आँच से पिघल जाता है, वैसे ही दुष्ट लोग परमेश्वर की उपस्थिति से नाश हों।
Wie Rauch vertrieben wird, so wirst du sie vertreiben; wie Wachs vor dem Feuer zerschmilzt, so werden die Gesetzlosen umkommen vor dem Angesicht Gottes.
3 ३ परन्तु धर्मी आनन्दित हों; वे परमेश्वर के सामने प्रफुल्लित हों; वे आनन्द में मगन हों!
Aber freuen werden sich die Gerechten, sie werden frohlocken vor dem Angesicht Gottes und jubeln in Freude.
4 ४ परमेश्वर का गीत गाओ, उसके नाम का भजन गाओ; जो निर्जल देशों में सवार होकर चलता है, उसके लिये सड़क बनाओ; उसका नाम यहोवा है, इसलिए तुम उसके सामने प्रफुल्लित हो!
Singet Gott, besinget seinen Namen! machet Bahn [W. schüttet auf, d. h. einen Weg] dem, der einherfährt durch die Wüsteneien, Jah ist sein Name, und frohlocket vor ihm!
5 ५ परमेश्वर अपने पवित्र धाम में, अनाथों का पिता और विधवाओं का न्यायी है।
Ein Vater der Waisen und ein Richter der Witwen ist Gott in seiner heiligen Wohnung.
6 ६ परमेश्वर अनाथों का घर बसाता है; और बन्दियों को छुड़ाकर सम्पन्न करता है; परन्तु विद्रोहियों को सूखी भूमि पर रहना पड़ता है।
Gott [O. ein Gott, der usw.] läßt Einsame [O. einzeln Zerstreute] in einem Hause [d. h. als Gründer eines Hausstandes] wohnen, führt Gefangene hinaus ins Glück; die Widerspenstigen aber wohnen in der Dürre.
7 ७ हे परमेश्वर, जब तू अपनी प्रजा के आगे-आगे चलता था, जब तू निर्जल भूमि में सेना समेत चला, (सेला)
Gott, als du auszogest vor deinem Volke, als du einherschrittest durch die Wüste, (Sela)
8 ८ तब पृथ्वी काँप उठी, और आकाश भी परमेश्वर के सामने टपकने लगा, उधर सीनै पर्वत परमेश्वर, हाँ इस्राएल के परमेश्वर के सामने काँप उठा।
Da bebte die Erde, -auch troffen die Himmel vor Gott-jener Sinai vor Gott, dem Gott Israels. [Vergl. Richt. 5,4. 5]
9 ९ हे परमेश्वर, तूने बहुतायत की वर्षा की; तेरा निज भाग तो बहुत सूखा था, परन्तु तूने उसको हरा भरा किया है;
Reichlichen Regen gossest du aus, o Gott; dein Erbteil-wenn es ermattet war, richtetest du es auf.
10 १० तेरा झुण्ड उसमें बसने लगा; हे परमेश्वर तूने अपनी भलाई से दीन जन के लिये तैयारी की है।
Deine Schar hat darin gewohnt; du bereitetest in deiner Güte für den Elenden, o Gott!
11 ११ प्रभु आज्ञा देता है, तब शुभ समाचार सुनानेवालियों की बड़ी सेना हो जाती है।
Der Herr erläßt das Wort; der Siegesbotinnen [Eig. Verkündigerinnen froher Botschaft] ist eine große Schar.
12 १२ अपनी-अपनी सेना समेत राजा भागे चले जाते हैं, और गृहस्थिन लूट को बाँट लेती है।
Die Könige der Heere fliehen, sie fliehen, und die Hausbewohnerin verteilt die Beute.
13 १३ क्या तुम भेड़शालाओं के बीच लेट जाओगे? और ऐसी कबूतरी के समान होंगे जिसके पंख चाँदी से और जिसके पर पीले सोने से मढ़े हुए हों?
Wenn ihr zwischen den Hürden lieget, werdet ihr sein wie die Flügel einer Taube, die überzogen sind mit Silber, und ihre Schwingen mit grüngelbem Golde.
14 १४ जब सर्वशक्तिमान ने उसमें राजाओं को तितर-बितर किया, तब मानो सल्मोन पर्वत पर हिम पड़ा।
Wenn der Allmächtige Könige darin [d. h. in dem Lande] zerstreut, wird es schneeweiß [d. h. viell. von den Gebeinen der Erschlagenen] auf dem Zalmon. [ein Berg bei Sichem; vergl. Richt. 9,48]
15 १५ बाशान का पहाड़ परमेश्वर का पहाड़ है; बाशान का पहाड़ बहुत शिखरवाला पहाड़ है।
Der Berg Basans ist ein Berg Gottes, ein gipfelreicher Berg ist der Berg Basans.
16 १६ परन्तु हे शिखरवाले पहाड़ों, तुम क्यों उस पर्वत को घूरते हो, जिसे परमेश्वर ने अपने वास के लिये चाहा है, और जहाँ यहोवा सदा वास किए रहेगा?
Warum blicket ihr neidisch, ihr gipfelreichen Berge, auf den Berg, den Gott begehrt hat zu seinem Wohnsitz? Auch wird Jehova daselbst wohnen immerdar.
17 १७ परमेश्वर के रथ बीस हजार, वरन् हजारों हजार हैं; प्रभु उनके बीच में है, जैसे वह सीनै पवित्रस्थान में है।
Der Wagen Gottes sind zwei Zehntausende, Tausende und aber Tausende; der Herr ist unter ihnen: -ein Sinai an Heiligkeit.
18 १८ तू ऊँचे पर चढ़ा, तू लोगों को बँधुवाई में ले गया; तूने मनुष्यों से, वरन् हठीले मनुष्यों से भी भेंटें लीं, जिससे यहोवा परमेश्वर उनमें वास करे।
Du bist aufgefahren in die Höhe, du hast die Gefangenschaft gefangen geführt; du hast Gaben empfangen im Menschen, und selbst für Widerspenstige, damit Jehova, [Hebr. Jah] Gott, eine Wohnung habe. [O. im Menschen, damit Jah, Gott, selbst unter Widerspenstigen wohne]
19 १९ धन्य है प्रभु, जो प्रतिदिन हमारा बोझ उठाता है; वही हमारा उद्धारकर्ता परमेश्वर है। (सेला)
Gepriesen sei der Herr! Tag für Tag trägt er unsere Last; [Eig. trägt er Last für uns] Gott [El] ist unsere Rettung. (Sela)
20 २० वही हमारे लिये बचानेवाला परमेश्वर ठहरा; यहोवा प्रभु मृत्यु से भी बचाता है।
Gott [El] ist uns ein Gott [El] der Rettungen, und bei Jehova, dem Herrn, stehen die Ausgänge vom Tode.
21 २१ निश्चय परमेश्वर अपने शत्रुओं के सिर पर, और जो अधर्म के मार्ग पर चलता रहता है, उसका बाल भरी खोपड़ी पर मार-मार के उसे चूर करेगा।
Gewiß, Gott wird zerschmettern das Haupt seiner Feinde, den Haarscheitel dessen, der da wandelt in seinen Vergehungen.
22 २२ प्रभु ने कहा है, “मैं उन्हें बाशान से निकाल लाऊँगा, मैं उनको गहरे सागर के तल से भी फेर ले आऊँगा,
Der Herr sprach: Ich werde zurückbringen aus Basan, zurückbringen aus den Tiefen des Meeres,
23 २३ कि तू अपने पाँव को लहू में डुबोए, और तेरे शत्रु तेरे कुत्तों का भाग ठहरें।”
Auf daß du deinen Fuß in Blut badest, und die Zunge deiner Hunde von den Feinden ihr Teil habe.
24 २४ हे परमेश्वर तेरी शोभा-यात्राएँ देखी गई, मेरे परमेश्वर और राजा की शोभा यात्रा पवित्रस्थान में जाते हुए देखी गई।
Gesehen haben sie deine Züge, o Gott, die Züge meines Gottes, [El] meines Königs im [O. ins] Heiligtum.
25 २५ गानेवाले आगे-आगे और तारवाले बाजों के बजानेवाले पीछे-पीछे गए, चारों ओर कुमारियाँ डफ बजाती थीं।
Voran gingen Sänger, danach Saitenspieler, inmitten tamburinschlagender Jungfrauen.
26 २६ सभाओं में परमेश्वर का, हे इस्राएल के सोते से निकले हुए लोगों, प्रभु का धन्यवाद करो।
"Preiset Gott, den Herrn, in den Versammlungen, die ihr aus der Quelle Israels seid!"
27 २७ पहला बिन्यामीन जो सबसे छोटा गोत्र है, फिर यहूदा के हाकिम और उनकी सभा और जबूलून और नप्ताली के हाकिम हैं।
Da sind Benjamin, der Jüngste, ihr Herrscher, die Fürsten Judas, ihr Haufe, die Fürsten Sebulons, die Fürsten Naphtalis.
28 २८ तेरे परमेश्वर ने तेरी सामर्थ्य को बनाया है, हे परमेश्वर, अपनी सामर्थ्य को हम पर प्रगट कर, जैसा तूने पहले प्रगट किया है।
Geboten hat dein Gott deine Stärke. Stärke, o Gott, das, was du für uns gewirkt hast!
29 २९ तेरे मन्दिर के कारण जो यरूशलेम में हैं, राजा तेरे लिये भेंट ले आएँगे।
Um deines Tempels zu Jerusalem willen werden Könige dir Geschenke bringen.
30 ३० नरकटों में रहनेवाले जंगली पशुओं को, सांडों के झुण्ड को और देश-देश के बछड़ों को झिड़क दे। वे चाँदी के टुकड़े लिये हुए प्रणाम करेंगे; जो लोगे युद्ध से प्रसन्न रहते हैं, उनको उसने तितर-बितर किया है।
Schilt das Tier des Schülfes, die Schar der Stiere [Dasselbe Wort wie Ps. 50,13] mit den Kälbern der Völker; jeder [W. er] wird sich dir unterwerfen mit Silberbarren. Zerstreue [So wahrsch. zu lesen; Text: Er hat zerstreut] die Völker, die Lust haben am Kriege!
31 ३१ मिस्र से अधिकारी आएँगे; कूशी अपने हाथों को परमेश्वर की ओर फुर्ती से फैलाएँगे।
Es werden kommen die Großen aus Ägypten; Äthiopien wird eilends seine Hände ausstrecken [O. Äthiopien, seine Hände werden eilends Gaben bringen] zu Gott.
32 ३२ हे पृथ्वी पर के राज्य-राज्य के लोगों परमेश्वर का गीत गाओ; प्रभु का भजन गाओ, (सेला)
Ihr Königreiche der Erde, singet Gott, besinget den Herrn, (Sela)
33 ३३ जो सबसे ऊँचे सनातन स्वर्ग में सवार होकर चलता है; देखो वह अपनी वाणी सुनाता है, वह गम्भीर वाणी शक्तिशाली है।
Den, der da einherfährt auf [O. in] den Himmeln, den Himmeln der Vorzeit! Siehe, er läßt seine Stimme erschallen, eine mächtige Stimme.
34 ३४ परमेश्वर की सामर्थ्य की स्तुति करो, उसका प्रताप इस्राएल पर छाया हुआ है, और उसकी सामर्थ्य आकाशमण्डल में है।
Gebet Gott Stärke! Seine Hoheit ist über Israel und seine Macht in den Wolken.
35 ३५ हे परमेश्वर, तू अपने पवित्रस्थानों में भययोग्य है, इस्राएल का परमेश्वर ही अपनी प्रजा को सामर्थ्य और शक्ति का देनेवाला है। परमेश्वर धन्य है।
Furchtbar bist du, Gott, [O. Furchtbar ist Gott] aus deinen Heiligtümern her; der Gott [El] Israels, er ist es, der Stärke und Kraft [Eig. Kraftfülle] gibt dem Volke. Gepriesen sei Gott!