< भजन संहिता 66 >
1 १ प्रधान बजानेवाले के लिये गीत, भजन हे सारी पृथ्वी के लोगों, परमेश्वर के लिये जयजयकार करो;
Make a joyful noise to God, all the earth.
2 २ उसके नाम की महिमा का भजन गाओ; उसकी स्तुति करते हुए, उसकी महिमा करो।
Sing forth the glory of his name. Make his praise glorious.
3 ३ परमेश्वर से कहो, “तेरे काम कितने भयानक हैं! तेरी महासामर्थ्य के कारण तेरे शत्रु तेरी चापलूसी करेंगे।
Say to God, How awesome are thy works! Through the greatness of thy power thine enemies shall submit themselves to thee.
4 ४ सारी पृथ्वी के लोग तुझे दण्डवत् करेंगे, और तेरा भजन गाएँगे; वे तेरे नाम का भजन गाएँगे।” (सेला)
All the earth shall worship thee, and shall sing to thee. They shall sing to thy name. (Selah)
5 ५ आओ परमेश्वर के कामों को देखो; वह अपने कार्यों के कारण मनुष्यों को भययोग्य देख पड़ता है।
Come, and see the works of God, awesome in actions toward the sons of men.
6 ६ उसने समुद्र को सूखी भूमि कर डाला; वे महानद में से पाँव-पाँव पार उतरे। वहाँ हम उसके कारण आनन्दित हुए,
He turned the sea into dry land. They went through the river on foot. There we rejoiced in him.
7 ७ जो अपने पराक्रम से सर्वदा प्रभुता करता है, और अपनी आँखों से जाति-जाति को ताकता है। विद्रोही अपने सिर न उठाए। (सेला)
He rules by his might forever. His eyes observe the nations. Let not the rebellious exalt themselves. (Selah)
8 ८ हे देश-देश के लोगों, हमारे परमेश्वर को धन्य कहो, और उसकी स्तुति में राग उठाओ,
O bless our God, ye peoples, and make the voice of his praise to be heard,
9 ९ जो हमको जीवित रखता है; और हमारे पाँव को टलने नहीं देता।
who holds our soul in life, and does not allow our feet to be moved.
10 १० क्योंकि हे परमेश्वर तूने हमको जाँचा; तूने हमें चाँदी के समान ताया था।
For thou, O God, have proved us. Thou have tried us as silver is tried.
11 ११ तूने हमको जाल में फँसाया; और हमारी कमर पर भारी बोझ बाँधा था;
Thou brought us into the net. Thou laid a great burden upon our loins.
12 १२ तूने घुड़चढ़ों को हमारे सिरों के ऊपर से चलाया, हम आग और जल से होकर गए; परन्तु तूने हमको उबार के सुख से भर दिया है।
Thou caused men to ride over our heads. We went through fire and through water. But thou brought us out into a wealthy place.
13 १३ मैं होमबलि लेकर तेरे भवन में आऊँगा मैं उन मन्नतों को तेरे लिये पूरी करूँगा,
I will come into thy house with burnt offerings. I will pay thee my vows,
14 १४ जो मैंने मुँह खोलकर मानीं, और संकट के समय कही थीं।
which my lips uttered, and my mouth spoke, when I was in distress.
15 १५ मैं तुझे मोटे पशुओं की होमबलि, मेढ़ों की चर्बी की धूप समेत चढ़ाऊँगा; मैं बकरों समेत बैल चढ़ाऊँगा। (सेला)
I will offer to thee burnt offerings of fatlings, with the incense of rams. I will offer bullocks with goats. (Selah)
16 १६ हे परमेश्वर के सब डरवैयों, आकर सुनो, मैं बताऊँगा कि उसने मेरे लिये क्या-क्या किया है।
Come, and hear, all ye who fear God, and I will declare what he has done for my soul.
17 १७ मैंने उसको पुकारा, और उसी का गुणानुवाद मुझसे हुआ।
I cried to him with my mouth, and he was extolled with my tongue.
18 १८ यदि मैं मन में अनर्थ की बात सोचता, तो प्रभु मेरी न सुनता।
If I regard iniquity in my heart, the Lord will not hear.
19 १९ परन्तु परमेश्वर ने तो सुना है; उसने मेरी प्रार्थना की ओर ध्यान दिया है।
But truly God has heard. He has attended to the voice of my prayer.
20 २० धन्य है परमेश्वर, जिसने न तो मेरी प्रार्थना अनसुनी की, और न मुझसे अपनी करुणा दूर कर दी है!
Blessed be God, who has not turned away my prayer, nor his loving kindness from me.