< भजन संहिता 59 >

1 प्रधान बजानेवाले के लिये अल-तशहेत राग में दाऊद का मिक्ताम; जब शाऊल के भेजे हुए लोगों ने घर का पहरा दिया कि उसको मार डाले हे मेरे परमेश्वर, मुझ को शत्रुओं से बचा, मुझे ऊँचे स्थान पर रखकर मेरे विरोधियों से बचा,
To the chief Musician, Al-taschith, Michtam of David; when Saul sent, and they watched the house to kill him. Deliver me from mine enemies, O my God: defend me from them that rise up against me.
2 मुझ को बुराई करनेवालों के हाथ से बचा, और हत्यारों से मेरा उद्धार कर।
Deliver me from the workers of iniquity, and save me from bloody men.
3 क्योंकि देख, वे मेरी घात में लगे हैं; हे यहोवा, मेरा कोई दोष या पाप नहीं है, तो भी बलवन्त लोग मेरे विरुद्ध इकट्ठे होते हैं।
For, lo, they lie in wait for my soul: the mighty are gathered against me; not [for] my transgression, nor [for] my sin, O LORD.
4 मैं निर्दोष हूँ तो भी वे मुझसे लड़ने को मेरी ओर दौड़ते है; जाग और मेरी मदद कर, और यह देख!
They run and prepare themselves without [my] fault: awake to help me, and behold.
5 हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्वर सब अन्यजातियों को दण्ड देने के लिये जाग; किसी विश्वासघाती अत्याचारी पर अनुग्रह न कर। (सेला)
Thou therefore, O LORD God of hosts, the God of Israel, awake to visit all the heathen: be not merciful to any wicked transgressors. (Selah)
6 वे लोग साँझ को लौटकर कुत्ते के समान गुर्राते हैं, और नगर के चारों ओर घूमते हैं।
They return at evening: they make a noise like a dog, and go round about the city.
7 देख वे डकारते हैं, उनके मुँह के भीतर तलवारें हैं, क्योंकि वे कहते हैं, “कौन हमें सुनता है?”
Behold, they belch out with their mouth: swords [are] in their lips: for who, [say they], doth hear?
8 परन्तु हे यहोवा, तू उन पर हँसेगा; तू सब अन्यजातियों को उपहास में उड़ाएगा।
But thou, O LORD, shalt laugh at them; thou shalt have all the heathen in derision.
9 हे परमेश्वर, मेरे बल, मैं तुझ पर ध्यान दूँगा, तू मेरा ऊँचा गढ़ है।
[Because of] his strength will I wait upon thee: for God [is] my defence.
10 १० परमेश्वर करुणा करता हुआ मुझसे मिलेगा; परमेश्वर मेरे शत्रुओं के विषय मेरी इच्छा पूरी कर देगा।
The God of my mercy shall prevent me: God shall let me see [my desire] upon mine enemies.
11 ११ उन्हें घात न कर, ऐसा न हो कि मेरी प्रजा भूल जाए; हे प्रभु, हे हमारी ढाल! अपनी शक्ति से उन्हें तितर-बितर कर, उन्हें दबा दे।
Slay them not, lest my people forget: scatter them by thy power; and bring them down, O Lord our shield.
12 १२ वह अपने मुँह के पाप, और होठों के वचन, और श्राप देने, और झूठ बोलने के कारण, अभिमान में फँसे हुए पकड़े जाएँ।
[For] the sin of their mouth [and] the words of their lips let them even be taken in their pride: and for cursing and lying [which] they speak.
13 १३ जलजलाहट में आकर उनका अन्त कर, उनका अन्त कर दे ताकि वे नष्ट हो जाएँ तब लोग जानेंगे कि परमेश्वर याकूब पर, वरन् पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करता है। (सेला)
Consume [them] in wrath, consume [them], that they [may] not [be: ] and let them know that God ruleth in Jacob unto the ends of the earth. (Selah)
14 १४ वे साँझ को लौटकर कुत्ते के समान गुर्राते, और नगर के चारों ओर घूमते है।
And at evening let them return; [and] let them make a noise like a dog, and go round about the city.
15 १५ वे टुकड़े के लिये मारे-मारे फिरते, और तृप्त न होने पर रात भर गुर्राते है।
Let them wander up and down for meat, and grudge if they be not satisfied.
16 १६ परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊँगा, और भोर को तेरी करुणा का जयजयकार करूँगा। क्योंकि तू मेरा ऊँचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है।
But I will sing of thy power; yea, I will sing aloud of thy mercy in the morning: for thou hast been my defence and refuge in the day of my trouble.
17 १७ हे मेरे बल, मैं तेरा भजन गाऊँगा, क्योंकि हे परमेश्वर, तू मेरा ऊँचा गढ़ और मेरा करुणामय परमेश्वर है।
Unto thee, O my strength, will I sing: for God [is] my defence, [and] the God of my mercy.

< भजन संहिता 59 >