< भजन संहिता 5 >
1 १ प्रधान बजानेवाले के लिये: बांसुरियों के साथ, दाऊद का भजन हे यहोवा, मेरे वचनों पर कान लगा; मेरे कराहने की ओर ध्यान लगा।
Dem Sangmeister, auf Flöten. Ein Psalm Davids.
2 २ हे मेरे राजा, हे मेरे परमेश्वर, मेरी दुहाई पर ध्यान दे, क्योंकि मैं तुझी से प्रार्थना करता हूँ।
Höre, Jahwe, meine Worte, / Merke auf mein Seufzen!
3 ३ हे यहोवा, भोर को मेरी वाणी तुझे सुनाई देगी, मैं भोर को प्रार्थना करके तेरी बाट जोहूँगा।
Horch auf mein Hilferufen, / Mein König und mein Gott, / Denn ich will zu dir beten!
4 ४ क्योंकि तू ऐसा परमेश्वर है, जो दुष्टता से प्रसन्न नहीं होता; बुरे लोग तेरे साथ नहीं रह सकते।
Am Morgen höre, Jahwe, meine Stimme! / Am Morgen richt ich (mein Gebet) zu dir / Und schaue (nach Erhörung) aus.
5 ५ घमण्डी तेरे सम्मुख खड़े होने न पाएँगे; तुझे सब अनर्थकारियों से घृणा है।
Denn nicht ein Gott, dem Böses wohlgefällt, bist du; / Der Frevler darf nicht bei dir weilen.
6 ६ तू उनको जो झूठ बोलते हैं नाश करेगा; यहोवा तो हत्यारे और छली मनुष्य से घृणा करता है।
Nicht dürfen Prahler vor dein Auge treten, / Du hassest alle Übeltäter.
7 ७ परन्तु मैं तो तेरी अपार करुणा के कारण तेरे भवन में आऊँगा, मैं तेरा भय मानकर तेरे पवित्र मन्दिर की ओर दण्डवत् करूँगा।
Du bringst die Lügenredner um; / Wer mit Mord und Tücke umgeht, den verabscheut Jahwe.
8 ८ हे यहोवा, मेरे शत्रुओं के कारण अपने धार्मिकता के मार्ग में मेरी अगुआई कर; मेरे आगे-आगे अपने सीधे मार्ग को दिखा।
Ich aber darf ob deiner reichen Gnade in dein Haus eingehn, / Ich darf vor deinem heilgen Tempel niederknien in deiner Frucht.
9 ९ क्योंकि उनके मुँह में कोई सच्चाई नहीं; उनके मन में निरी दुष्टता है। उनका गला खुली हुई कब्र है, वे अपनी जीभ से चिकनी चुपड़ी बातें करते हैं।
Jahwe, leite mich in deiner Gerechtigkeit um meiner Feinde willen; / Ebne deinen Weg vor mir!
10 १० हे परमेश्वर तू उनको दोषी ठहरा; वे अपनी ही युक्तियों से आप ही गिर जाएँ; उनको उनके अपराधों की अधिकाई के कारण निकाल बाहर कर, क्योंकि उन्होंने तुझ से बलवा किया है।
Denn in ihrem Munde ist keine Wahrheit, / Ihr Herz ist voller Frevel. / Ein offenes Grab ist ihre Kehle, / Mit ihrer Zunge schmeicheln sie.
11 ११ परन्तु जितने तुझ में शरण लेते हैं वे सब आनन्द करें, वे सर्वदा ऊँचे स्वर से गाते रहें; क्योंकि तू उनकी रक्षा करता है, और जो तेरे नाम के प्रेमी हैं तुझ में प्रफुल्लित हों।
Laß sie büßen, Elohim, / Daß sie in ihren Plänen scheitern! / Ob ihrer Sünden Menge stoße sie hinweg, / Denn sie sind widerspenstig gegen dich!
12 १२ क्योंकि तू धर्मी को आशीष देगा; हे यहोवा, तू उसको ढाल के समान अपनी कृपा से घेरे रहेगा।
Doch freuen laß sich alle, die bei dir Zuflucht suchen; / Auf ewig laß sie jauchzen, da du sie beschirmst! / Frohlocken werden in dir alle, / Die deinen Namen lieben. Denn du, o Jahwe, segnest den Gerechten. / Gleich einem Schild umgibst du ihn mit Huld.