< भजन संहिता 46 >

1 प्रधान बजानेवाले के लिये कोरहवंशियों का, अलामोत की राग पर एक गीत परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलनेवाला सहायक।
لِإِمَامِ ٱلْمُغَنِّينَ. لِبَنِي قُورَحَ. عَلَى «ٱلْجَوَابِ». تَرْنِيمَةٌ ٱللهُ لَنَا مَلْجَأٌ وَقُوَّةٌ. عَوْنًا فِي ٱلضِّيْقَاتِ وُجِدَ شَدِيدًا.١
2 इस कारण हमको कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएँ;
لِذَلِكَ لَا نَخْشَى وَلَوْ تَزَحْزَحَتِ ٱلْأَرْضُ، وَلَوِ ٱنْقَلَبَتِ ٱلْجِبَالُ إِلَى قَلْبِ ٱلْبِحَارِ.٢
3 चाहे समुद्र गरजें और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से काँप उठे। (सेला)
تَعِجُّ وَتَجِيشُ مِيَاهُهَا. تَتَزَعْزَعُ ٱلْجِبَالُ بِطُمُوِّهَا. سِلَاهْ.٣
4 एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात् परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।
نَهْرٌ سَوَاقِيهِ تُفَرِّحُ مَدِينَةَ ٱللهِ، مَقْدِسَ مَسَاكِنِ ٱلْعَلِيِّ.٤
5 परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है।
ٱللهُ فِي وَسَطِهَا فَلَنْ تَتَزَعْزَعَ. يُعِينُهَا ٱللهُ عِنْدَ إِقْبَالِ ٱلصُّبْحِ.٥
6 जाति-जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य-राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई।
عَجَّتِ ٱلْأُمَمُ. تَزَعْزَعَتِ ٱلْمَمَالِكُ. أَعْطَى صَوْتَهُ، ذَابَتِ ٱلْأَرْضُ.٦
7 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊँचा गढ़ है। (सेला)
رَبُّ ٱلْجُنُودِ مَعَنَا. مَلْجَأُنَا إِلَهُ يَعْقُوبَ. سِلَاهْ.٧
8 आओ, यहोवा के महाकर्म देखो, कि उसने पृथ्वी पर कैसा-कैसा उजाड़ किया है।
هَلُمُّوا ٱنْظُرُوا أَعْمَالَ ٱللهِ، كَيْفَ جَعَلَ خِرَبًا فِي ٱلْأَرْضِ.٨
9 वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है!
مُسَكِّنُ ٱلْحُرُوبِ إِلَى أَقْصَى ٱلْأَرْضِ. يَكْسِرُ ٱلْقَوْسَ وَيَقْطَعُ ٱلرُّمْحَ. ٱلْمَرْكَبَاتُ يُحْرِقُهَا بِٱلنَّارِ.٩
10 १० “चुप हो जाओ, और जान लो कि मैं ही परमेश्वर हूँ। मैं जातियों में महान हूँ, मैं पृथ्वी भर में महान हूँ!”
كُفُّوا وَٱعْلَمُوا أَنِّي أَنَا ٱللهُ. أَتَعَالَى بَيْنَ ٱلْأُمَمِ، أَتَعَالَى فِي ٱلْأَرْضِ.١٠
11 ११ सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊँचा गढ़ है। (सेला)
رَبُّ ٱلْجُنُودِ مَعَنَا. مَلْجَأُنَا إِلَهُ يَعْقُوبَ. سِلَاهْ.١١

< भजन संहिता 46 >