< भजन संहिता 43 >
1 १ हे परमेश्वर, मेरा न्याय चुका और विधर्मी जाति से मेरा मुकद्दमा लड़; मुझ को छली और कुटिल पुरुष से बचा।
Kathutkung: Korah capanaw Oe Cathut, lawk na ceng pouh haw. Cathutlaipa e miphunnaw hmalah ka kong heh lawk na ceng pouh haw. Oe tamikathoutnaw hoi kadumyennaw koehoi na rungngang haw.
2 २ क्योंकि तू मेरा सामर्थी परमेश्वर है, तूने क्यों मुझे त्याग दिया है? मैं शत्रु के अत्याचार के मारे शोक का पहरावा पहने हुए क्यों फिरता रहूँ?
Bangkongtetpawiteh, nang teh kaie Cathut rapanim doeh. Bangkongmaw na hnoun. Bangkongmaw na ka tarannaw kecu ka lung ouk a mathoe.
3 ३ अपने प्रकाश और अपनी सच्चाई को भेज; वे मेरी अगुआई करें, वे ही मुझ को तेरे पवित्र पर्वत पर और तेरे निवास-स्थान में पहुँचाए!
Oe, na angnae hoi lawkkatang hah patoun haw. Hot niyah na hrawi naseh. Na mon kathoung hoi na onae lukkareiim dawk na phatkhai naseh.
4 ४ तब मैं परमेश्वर की वेदी के पास जाऊँगा, उस परमेश्वर के पास जो मेरे अति आनन्द का कुण्ड है; और हे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर, मैं वीणा बजा-बजाकर तेरा धन्यवाद करूँगा।
Hottelah Cathut e thuengnae khoungroe, ka konawmnae Cathut koe ka cei han. Oe Cathut, ka Cathut, ratoung hoi na pholen han.
5 ५ हे मेरे प्राण तू क्यों गिरा जाता है? तू अन्दर ही अन्दर क्यों व्याकुल है? परमेश्वर पर आशा रख, क्योंकि वह मेरे मुख की चमक और मेरा परमेश्वर है; मैं फिर उसका धन्यवाद करूँगा।
Oe ka hringnae Bangkongmaw na lung a mathoe. Bangkongmaw ka thung vah, runae na kâhmo. Cathut hah kâuep haw, ama teh ka pholen han. Na kabawmkung hoi na kadamsakkung Cathut doeh.