< भजन संहिता 35 >

1 दाऊद का भजन हे यहोवा, जो मेरे साथ मुकद्दमा लड़ते हैं, उनके साथ तू भी मुकद्दमा लड़; जो मुझसे युद्ध करते हैं, उनसे तू युद्ध कर।
Van David. Bestrijd, o Jahweh, die mij bestrijden, Kamp tegen hen, die mij bekampen!
2 ढाल और भाला लेकर मेरी सहायता करने को खड़ा हो।
Grijp schild en beukelaar, Sta op, mij te hulp;
3 बर्छी को खींच और मेरा पीछा करनेवालों के सामने आकर उनको रोक; और मुझसे कह, कि मैं तेरा उद्धार हूँ।
Trek speer en strijdbijl tegen mijn vervolgers, Zeg tot mijn ziel: "Uw redding ben Ik!"
4 जो मेरे प्राण के ग्राहक हैं वे लज्जित और निरादर हों! जो मेरी हानि की कल्पना करते हैं, वे पीछे हटाए जाएँ और उनका मुँह काला हो!
Laat smaad en schande hen treffen, die mijn leven belagen, Vol schaamte vluchten, die boze plannen tegen mij smeden.
5 वे वायु से उड़ जानेवाली भूसी के समान हों, और यहोवा का दूत उन्हें हाँकता जाए!
Ze mogen worden als kaf voor de wind, Wanneer de Engel van Jahweh ze opjaagt;
6 उनका मार्ग अंधियारा और फिसलाहा हो, और यहोवा का दूत उनको खदेड़ता जाए।
Hun weg zij donker en glad, Wanneer de Engel van Jahweh ze nazet.
7 क्योंकि अकारण उन्होंने मेरे लिये अपना जाल गड्ढे में बिछाया; अकारण ही उन्होंने मेरा प्राण लेने के लिये गड्ढा खोदा है।
Want zonder reden hebben ze mij hun netten gespannen, Zonder aanleiding een kuil mij gegraven.
8 अचानक उन पर विपत्ति आ पड़े! और जो जाल उन्होंने बिछाया है उसी में वे आप ही फँसे; और उसी विपत्ति में वे आप ही पड़ें!
Moge hem de ondergang treffen, Eer hij het weet; Laat het net, dat hij spande, hem vangen, Laat hem vallen in zijn eigen kuil!
9 परन्तु मैं यहोवा के कारण अपने मन में मगन होऊँगा, मैं उसके किए हुए उद्धार से हर्षित होऊँगा।
Dan zal mijn ziel in Jahweh juichen, Zich over mijn redding verheugen;
10 १० मेरी हड्डी-हड्डी कहेंगी, “हे यहोवा, तेरे तुल्य कौन है, जो दीन को बड़े-बड़े बलवन्तों से बचाता है, और लुटेरों से दीन दरिद्र लोगों की रक्षा करता है?”
En heel mijn gebeente zal zeggen: "Jahweh, wie is U gelijk? Gij beschermt den zwakke tegen den sterke, Den zwakke en arme tegen zijn berovers!"
11 ११ अधर्मी साक्षी खड़े होते हैं; वे मुझ पर झूठा आरोप लगाते हैं।
Ze staan tegen mij op Als valse getuigen; En wat ik mij niet ben bewust, Brengen ze tegen mij in.
12 १२ वे मुझसे भलाई के बदले बुराई करते हैं, यहाँ तक कि मेरा प्राण ऊब जाता है।
Goed met kwaad vergelden ze mij, En leggen het op mijn leven aan.
13 १३ जब वे रोगी थे तब तो मैं टाट पहने रहा, और उपवास कर करके दुःख उठाता रहा; मुझे मेरी प्रार्थना का उत्तर नहीं मिला।
En toch, toen zìj ziek lagen, Trok ik het boetekleed aan, Putte mij door vasten uit, En het gebed was niet weg uit mijn hart;
14 १४ मैं ऐसी भावना रखता था कि मानो वे मेरे संगी या भाई हैं; जैसा कोई माता के लिये विलाप करता हो, वैसा ही मैंने शोक का पहरावा पहने हुए सिर झुकाकर शोक किया।
Ik liep rond, als gold het mijn broer of mijn vriend, Onder droefheid gebukt, als in rouw voor mijn moeder.
15 १५ परन्तु जब मैं लँगड़ाने लगा तब वे लोग आनन्दित होकर इकट्ठे हुए, नीच लोग और जिन्हें मैं जानता भी न था वे मेरे विरुद्ध इकट्ठे हुए; वे मुझे लगातार फाड़ते रहे;
Maar nu ik zelf dreig te vallen, worden ze vrolijk, Lopen te hoop en scholen tegen mij samen; Als vreemden, die ik niet ken, Gaan ze tegen mij schelden,
16 १६ आदर के बिना वे मुझे ताना मारते हैं; वे मुझ पर दाँत पीसते हैं।
Honen mij met bittere spot, En knarsetanden tegen mij.
17 १७ हे प्रभु, तू कब तक देखता रहेगा? इस विपत्ति से, जिसमें उन्होंने मुझे डाला है मुझ को छुड़ा! जवान सिंहों से मेरे प्राण को बचा ले!
Hoe lang nog, o Heer, Zult Gij dit aanzien? Verlos mij toch van hun brullen, Het enige, dat mij nog rest, uit de macht van de leeuwen!
18 १८ मैं बड़ी सभा में तेरा धन्यवाद करूँगा; बहुत लोगों के बीच मैं तेरी स्तुति करूँगा।
Dan zal ik U loven in de grote gemeente, Voor een talloze schare U prijzen.
19 १९ मेरे झूठ बोलनेवाले शत्रु मेरे विरुद्ध आनन्द न करने पाएँ, जो अकारण मेरे बैरी हैं, वे आपस में आँखों से इशारा न करने पाएँ।
Laat toch mijn valse vijand niet om mij lachen, Geen knipoogjes geven, die mij onverdiend haten.
20 २० क्योंकि वे मेल की बातें नहीं बोलते, परन्तु देश में जो चुपचाप रहते हैं, उनके विरुद्ध छल की कल्पनाएँ करते हैं।
Want nooit spreken ze woorden van vrede, Doch verzinnen maar leugens tegen het vreedzame volk;
21 २१ और उन्होंने मेरे विरुद्ध मुँह पसार के कहा; “आहा, आहा, हमने अपनी आँखों से देखा है!”
Ze zetten een grote mond tegen mij op, En zeggen: Ha, ha! We hebben het met eigen ogen gezien!
22 २२ हे यहोवा, तूने तो देखा है; चुप न रह! हे प्रभु, मुझसे दूर न रह!
Jahweh! Gìj hebt het gezien; blijf niet zwijgen! Heer; houd U niet verre van mij!
23 २३ उठ, मेरे न्याय के लिये जाग, हे मेरे परमेश्वर, हे मेरे प्रभु, मेरा मुकद्दमा निपटाने के लिये आ!
Ontwaak en sta op, om mij recht te verschaffen, Om mij te verdedigen, mijn God en mijn Heer.
24 २४ हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू अपने धार्मिकता के अनुसार मेरा न्याय चुका; और उन्हें मेरे विरुद्ध आनन्द करने न दे!
Schaf mij recht naar uw gerechtigheid, Jahweh, mijn God; Laat ze niet over mij juichen.
25 २५ वे मन में न कहने पाएँ, “आहा! हमारी तो इच्छा पूरी हुई!” वे यह न कहें, “हम उसे निगल गए हैं।”
Laat ze niet denken: "Ha, nu zijn wij tevreden!" Niet zeggen: "We hebben hem onder de voet!"
26 २६ जो मेरी हानि से आनन्दित होते हैं उनके मुँह लज्जा के मारे एक साथ काले हों! जो मेरे विरुद्ध बड़ाई मारते हैं वह लज्जा और अनादर से ढँप जाएँ!
Neen, laat ze allen blozen van schaamte, Die zich vrolijk maken over mijn ongeluk; Met smaad en schande worden bedekt, Die een hoge toon tegen mij aanslaan.
27 २७ जो मेरे धर्म से प्रसन्न रहते हैं, वे जयजयकार और आनन्द करें, और निरन्तर करते रहें, यहोवा की बड़ाई हो, जो अपने दास के कुशल से प्रसन्न होता है!
Maar mogen juichen en jubelen Die van mijn goed recht zijn doordrongen; Zonder ophouden zeggen: "Jahweh is groot, Die enkel het heil van zijn dienaar beoogt!"
28 २८ तब मेरे मुँह से तेरे धर्म की चर्चा होगी, और दिन भर तेरी स्तुति निकलेगी।
Dan zal mijn tong uw gerechtigheid prijzen, En elke dag uw lof verbreiden.

< भजन संहिता 35 >