< भजन संहिता 26 >

1 दाऊद का भजन हे यहोवा, मेरा न्याय कर, क्योंकि मैं खराई से चलता रहा हूँ, और मेरा भरोसा यहोवा पर अटल बना है।
مزمور داوود. ای خداوند، به داد من برس، زیرا در کمال صداقت رفتار می‌کنم و توکل راسخ به تو دارم.
2 हे यहोवा, मुझ को जाँच और परख; मेरे मन और हृदय को परख।
خداوندا، مرا بیازما. فکر و دل مرا تفتیش کن و پاک ساز؛
3 क्योंकि तेरी करुणा तो मेरी आँखों के सामने है, और मैं तेरे सत्य मार्ग पर चलता रहा हूँ।
زیرا محبت تو را در نظر دارم و وفاداری تو را شعار زندگی خود کرده‌ام.
4 मैं निकम्मी चाल चलनेवालों के संग नहीं बैठा, और न मैं कपटियों के साथ कहीं जाऊँगा;
با مردان نادرست همنشین نمی‌شوم و با اشخاص ریاکار رفت و آمد نمی‌کنم.
5 मैं कुकर्मियों की संगति से घृणा रखता हूँ, और दुष्टों के संग न बैठूँगा।
از بدکاران نفرت دارم و با شریران معاشرت نمی‌کنم.
6 मैं अपने हाथों को निर्दोषता के जल से धोऊँगा, तब हे यहोवा मैं तेरी वेदी की प्रदक्षिणा करूँगा,
دستهای خود را خواهم شست تا نشان دهم که بی‌گناهم، سپس مذبح تو را طواف خواهم کرد.
7 ताकि तेरा धन्यवाद ऊँचे शब्द से करूँ, और तेरे सब आश्चर्यकर्मों का वर्णन करूँ।
آنگاه با سراییدن سرود شکرگزاری کارهای شگفت‌انگیز تو را به همه خبر خواهم داد.
8 हे यहोवा, मैं तेरे धाम से तेरी महिमा के निवास-स्थान से प्रीति रखता हूँ।
خداوندا، خانهٔ تو را که حضور پرجلالت در آنجاست، دوست می‌دارم.
9 मेरे प्राण को पापियों के साथ, और मेरे जीवन को हत्यारों के साथ न मिला।
پس با من مانند بدکاران و قاتلان رفتار نکن که رشوه می‌دهند و خون مردم را می‌ریزند.
10 १० वे तो ओछापन करने में लगे रहते हैं, और उनका दाहिना हाथ घूस से भरा रहता है।
11 ११ परन्तु मैं तो खराई से चलता रहूँगा। तू मुझे छुड़ा ले, और मुझ पर दया कर।
اما من راستی را پیشه کرده‌ام؛ بر من رحم کن و مرا نجات ده.
12 १२ मेरे पाँव चौरस स्थान में स्थिर है; सभाओं में मैं यहोवा को धन्य कहा करूँगा।
خداوند را در حضور مردم سپاس خواهم گفت، زیرا مرا از خطر رهانیده است.

< भजन संहिता 26 >