< भजन संहिता 24 >
1 १ दाऊद का भजन पृथ्वी और जो कुछ उसमें है यहोवा ही का है; जगत और उसमें निवास करनेवाले भी।
Mazmur Daud. Milik Tuhanlah bumi seisinya, dunia dan semua yang mendiaminya.
2 २ क्योंकि उसी ने उसकी नींव समुद्रों के ऊपर दृढ़ करके रखी, और महानदों के ऊपर स्थिर किया है।
Ia meletakkan dasarnya di atas lautan, dan menegakkannya di atas air yang dalam.
3 ३ यहोवा के पर्वत पर कौन चढ़ सकता है? और उसके पवित्रस्थान में कौन खड़ा हो सकता है?
Siapakah yang boleh naik ke Bukit TUHAN, dan masuk ke dalam Rumah-Nya?
4 ४ जिसके काम निर्दोष और हृदय शुद्ध है, जिसने अपने मन को व्यर्थ बात की ओर नहीं लगाया, और न कपट से शपथ खाई है।
Orang yang tidak bercela pikiran dan perbuatannya, yang tidak bersumpah palsu dan tidak menyembah berhala.
5 ५ वह यहोवा की ओर से आशीष पाएगा, और अपने उद्धार करनेवाले परमेश्वर की ओर से धर्मी ठहरेगा।
Dialah yang akan diberkati dan diselamatkan TUHAN, dan dinyatakan tidak bersalah oleh Allah.
6 ६ ऐसे ही लोग उसके खोजी है, वे तेरे दर्शन के खोजी याकूबवंशी हैं। (सेला)
Begitulah orang yang datang menghadap Allah, yang datang menyembah Allah Yakub.
7 ७ हे फाटकों, अपने सिर ऊँचे करो! हे सनातन के द्वारों, ऊँचे हो जाओ! क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा।
Bukalah lebar-lebar gerbang tua, supaya masuk Raja yang mulia.
8 ८ वह प्रतापी राजा कौन है? यहोवा जो सामर्थी और पराक्रमी है, परमेश्वर जो युद्ध में पराक्रमी है!
Siapakah Raja yang mulia? Dialah TUHAN yang perkasa; TUHAN yang penuh kuasa, yang jaya dalam peperangan.
9 ९ हे फाटकों, अपने सिर ऊँचे करो हे सनातन के द्वारों तुम भी खुल जाओ! क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा!
Bukalah lebar-lebar gerbang tua, supaya masuk Raja yang mulia.
10 १० वह प्रतापी राजा कौन है? सेनाओं का यहोवा, वही प्रतापी राजा है। (सेला)
Siapakah Raja yang mulia? TUHAN Yang Mahakuasa, Dialah Raja yang mulia!