< भजन संहिता 23 >
1 १ दाऊद का भजन यहोवा मेरा चरवाहा है, मुझे कुछ घटी न होगी।
Psalmus David. [Dominus regit me, et nihil mihi deerit:
2 २ वह मुझे हरी-हरी चराइयों में बैठाता है; वह मुझे सुखदाई जल के झरने के पास ले चलता है;
in loco pascuæ, ibi me collocavit. Super aquam refectionis educavit me;
3 ३ वह मेरे जी में जी ले आता है। धार्मिकता के मार्गों में वह अपने नाम के निमित्त मेरी अगुआई करता है।
animam meam convertit. Deduxit me super semitas justitiæ propter nomen suum.
4 ४ चाहे मैं घोर अंधकार से भरी हुई तराई में होकर चलूँ, तो भी हानि से न डरूँगा, क्योंकि तू मेरे साथ रहता है; तेरे सोंटे और तेरी लाठी से मुझे शान्ति मिलती है।
Nam etsi ambulavero in medio umbræ mortis, non timebo mala, quoniam tu mecum es. Virga tua, et baculus tuus, ipsa me consolata sunt.
5 ५ तू मेरे सतानेवालों के सामने मेरे लिये मेज बिछाता है; तूने मेरे सिर पर तेल मला है, मेरा कटोरा उमड़ रहा है।
Parasti in conspectu meo mensam adversus eos qui tribulant me; impinguasti in oleo caput meum: et calix meus inebrians, quam præclarus est!
6 ६ निश्चय भलाई और करुणा जीवन भर मेरे साथ-साथ बनी रहेंगी; और मैं यहोवा के धाम में सर्वदा वास करूँगा।
Et misericordia tua subsequetur me omnibus diebus vitæ meæ; et ut inhabitem in domo Domini in longitudinem dierum.]