< भजन संहिता 19 >
1 १ प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन आकाश परमेश्वर की महिमा वर्णन करता है; और आकाशमण्डल उसकी हस्तकला को प्रगट करता है।
Ein Psalm Davids, vorzusingen. Die Himmel erzählen die Ehre Gottes, und die Feste verkündigt seiner Hände Werk.
2 २ दिन से दिन बातें करता है, और रात को रात ज्ञान सिखाती है।
Ein Tag sagt's dem andern, und eine Nacht tut's kund der andern.
3 ३ न तो कोई बोली है और न कोई भाषा; जहाँ उनका शब्द सुनाई नहीं देता है।
Es ist keine Sprache noch Rede, da man nicht ihre Stimme höre.
4 ४ फिर भी उनका स्वर सारी पृथ्वी पर गूँज गया है, और उनका वचन जगत की छोर तक पहुँच गया है। उनमें उसने सूर्य के लिये एक मण्डप खड़ा किया है,
Ihre Schnur geht aus in alle Lande und ihre Rede an der Welt Ende. Er hat der Sonne eine Hütte an ihnen gemacht;
5 ५ जो दुल्हे के समान अपने कक्ष से निकलता है। वह शूरवीर के समान अपनी दौड़ दौड़ने में हर्षित होता है।
und dieselbe geht heraus wie ein Bräutigam aus seiner Kammer und freut sich wie ein Held zu laufen den Weg.
6 ६ वह आकाश की एक छोर से निकलता है, और वह उसकी दूसरी छोर तक चक्कर मारता है; और उसकी गर्मी से कोई नहीं बच पाता।
Sie geht auf an einem Ende des Himmels und läuft um bis wieder an sein Ende, und bleibt nichts vor ihrer Hitze verborgen.
7 ७ यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, बुद्धिहीन लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं;
Das Gesetz des HERRN ist vollkommen und erquickt die Seele; das Zeugnis des HERRN ist gewiß und macht die Unverständigen weise.
8 ८ यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आँखों में ज्योति ले आती है;
Die Befehle des HERRN sind richtig und erfreuen das Herz; die Gebote des HERRN sind lauter und erleuchten die Augen.
9 ९ यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं।
Die Furcht des HERRN ist rein und bleibt ewiglich; die Rechte des HERRN sind wahrhaftig, allesamt gerecht.
10 १० वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और छत्ते से टपकनेवाले मधु से भी बढ़कर मधुर हैं।
Sie sind köstlicher denn Gold und viel feines Gold; sie sind süßer denn Honig und Honigseim.
11 ११ उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है।
Auch wird dein Knecht durch sie erinnert; und wer sie hält, der hat großen Lohn.
12 १२ अपनी गलतियों को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्त पापों से तू मुझे पवित्र कर।
Wer kann merken, wie oft er fehlet? Verzeihe mir die verborgenen Fehle!
13 १३ तू अपने दास को ढिठाई के पापों से भी बचाए रख; वह मुझ पर प्रभुता करने न पाएँ! तब मैं सिद्ध हो जाऊँगा, और बड़े अपराधों से बचा रहूँगा।
Bewahre auch deinen Knecht vor den Stolzen, daß sie nicht über mich herrschen, so werde ich ohne Tadel sein und unschuldig bleiben großer Missetat.
14 १४ हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करनेवाले, मेरे मुँह के वचन और मेरे हृदय का ध्यान तेरे सम्मुख ग्रहणयोग्य हों।
Laß dir wohl gefallen die Rede meines Mundes und das Gespräch meines Herzens vor dir, HERR, mein Hort und mein Erlöser.