< भजन संहिता 16 >
1 १ दाऊद का मिक्ताम हे परमेश्वर मेरी रक्षा कर, क्योंकि मैं तेरा ही शरणागत हूँ।
Mictam de David. Garde-moi, ô Dieu! car je me confie en toi.
2 २ मैंने यहोवा से कहा, “तू ही मेरा प्रभु है; तेरे सिवा मेरी भलाई कहीं नहीं।”
Tu as dit à l’Éternel: Tu es le Seigneur, ma bonté [ne s’élève] pas jusqu’à toi.
3 ३ पृथ्वी पर जो पवित्र लोग हैं, वे ही आदर के योग्य हैं, और उन्हीं से मैं प्रसन्न हूँ।
[Tu as dit] aux saints qui sont sur la terre, et aux excellents: En eux sont toutes mes délices.
4 ४ जो पराए देवता के पीछे भागते हैं उनका दुःख बढ़ जाएगा; मैं उन्हें लहूवाले अर्घ नहीं चढ़ाऊँगा और उनका नाम अपने होठों से नहीं लूँगा।
Les misères de ceux qui courent après un autre seront multipliées: je ne répandrai pas leurs libations de sang, et je ne prendrai pas leurs noms sur mes lèvres.
5 ५ यहोवा तू मेरा चुना हुआ भाग और मेरा कटोरा है; मेरे भाग को तू स्थिर रखता है।
L’Éternel est la portion de mon héritage et de ma coupe; tu maintiens mon lot.
6 ६ मेरे लिये माप की डोरी मनभावने स्थान में पड़ी, और मेरा भाग मनभावना है।
Les cordeaux sont tombés pour moi en des lieux agréables; oui, un bel héritage m’est échu.
7 ७ मैं यहोवा को धन्य कहता हूँ, क्योंकि उसने मुझे सम्मति दी है; वरन् मेरा मन भी रात में मुझे शिक्षा देता है।
Je bénirai l’Éternel qui me donne conseil; durant les nuits même mes reins m’enseignent.
8 ८ मैंने यहोवा को निरन्तर अपने सम्मुख रखा है: इसलिए कि वह मेरे दाहिने हाथ रहता है मैं कभी न डगमगाऊँगा।
Je me suis toujours proposé l’Éternel devant moi; parce qu’il est à ma droite je ne serai pas ébranlé.
9 ९ इस कारण मेरा हृदय आनन्दित और मेरी आत्मा मगन हुई; मेरा शरीर भी चैन से रहेगा।
C’est pourquoi mon cœur se réjouit, et mon âme s’égaie; même ma chair reposera en assurance.
10 १० क्योंकि तू मेरे प्राण को अधोलोक में न छोड़ेगा, न अपने पवित्र भक्त को कब्र में सड़ने देगा। (Sheol )
Car tu n’abandonneras pas mon âme au shéol, tu ne permettras pas que ton saint voie la corruption. (Sheol )
11 ११ तू मुझे जीवन का रास्ता दिखाएगा; तेरे निकट आनन्द की भरपूरी है, तेरे दाहिने हाथ में सुख सर्वदा बना रहता है।
Tu me feras connaître le chemin de la vie; ta face est un rassasiement de joie, il y a des plaisirs à ta droite pour toujours.