< भजन संहिता 145 >
1 १ दाऊद का भजन हे मेरे परमेश्वर, हे राजा, मैं तुझे सराहूँगा, और तेरे नाम को सदा सर्वदा धन्य कहता रहूँगा।
A Psalm of praise. Of David. I will exalt You, my God and King; I will bless Your name forever and ever.
2 २ प्रतिदिन मैं तुझको धन्य कहा करूँगा, और तेरे नाम की स्तुति सदा सर्वदा करता रहूँगा।
Every day I will bless You, and I will praise Your name forever and ever.
3 ३ यहोवा महान और अति स्तुति के योग्य है, और उसकी बड़ाई अगम है।
Great is the LORD and greatly to be praised; His greatness is unsearchable.
4 ४ तेरे कामों की प्रशंसा और तेरे पराक्रम के कामों का वर्णन, पीढ़ी-पीढ़ी होता चला जाएगा।
One generation will commend Your works to the next, and will proclaim Your mighty acts—
5 ५ मैं तेरे ऐश्वर्य की महिमा के प्रताप पर और तेरे भाँति-भाँति के आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करूँगा।
the glorious splendor of Your majesty. And I will meditate on Your wondrous works.
6 ६ लोग तेरे भयानक कामों की शक्ति की चर्चा करेंगे, और मैं तेरे बड़े-बड़े कामों का वर्णन करूँगा।
They will proclaim the power of Your awesome deeds, and I will declare Your greatness.
7 ७ लोग तेरी बड़ी भलाई का स्मरण करके उसकी चर्चा करेंगे, और तेरे धर्म का जयजयकार करेंगे।
They will extol the fame of Your abundant goodness and sing joyfully of Your righteousness.
8 ८ यहोवा अनुग्रहकारी और दयालु, विलम्ब से क्रोध करनेवाला और अति करुणामय है।
The LORD is gracious and compassionate, slow to anger and abounding in loving devotion.
9 ९ यहोवा सभी के लिये भला है, और उसकी दया उसकी सारी सृष्टि पर है।
The LORD is good to all; His compassion rests on all He has made.
10 १० हे यहोवा, तेरी सारी सृष्टि तेरा धन्यवाद करेगी, और तेरे भक्त लोग तुझे धन्य कहा करेंगे!
All You have made will give You thanks, O LORD, and Your saints will bless You.
11 ११ वे तेरे राज्य की महिमा की चर्चा करेंगे, और तेरे पराक्रम के विषय में बातें करेंगे;
They will tell of the glory of Your kingdom and speak of Your might,
12 १२ कि वे मनुष्यों पर तेरे पराक्रम के काम और तेरे राज्य के प्रताप की महिमा प्रगट करें।
to make known to men Your mighty acts and the glorious splendor of Your kingdom.
13 १३ तेरा राज्य युग-युग का और तेरी प्रभुता सब पीढ़ियों तक बनी रहेगी।
Your kingdom is an everlasting kingdom, and Your dominion endures through all generations. The LORD is faithful in all His words and kind in all His actions.
14 १४ यहोवा सब गिरते हुओं को सम्भालता है, और सब झुके हुओं को सीधा खड़ा करता है।
The LORD upholds all who fall and lifts up all who are bowed down.
15 १५ सभी की आँखें तेरी ओर लगी रहती हैं, और तू उनको आहार समय पर देता है।
The eyes of all look to You, and You give them their food in season.
16 १६ तू अपनी मुट्ठी खोलकर, सब प्राणियों को आहार से तृप्त करता है।
You open Your hand and satisfy the desire of every living thing.
17 १७ यहोवा अपनी सब गति में धर्मी और अपने सब कामों में करुणामय है।
The LORD is righteous in all His ways and kind in all His deeds.
18 १८ जितने यहोवा को पुकारते हैं, अर्थात् जितने उसको सच्चाई से पुकारते है; उन सभी के वह निकट रहता है।
The LORD is near to all who call on Him, to all who call out to Him in truth.
19 १९ वह अपने डरवैयों की इच्छा पूरी करता है, और उनकी दुहाई सुनकर उनका उद्धार करता है।
He fulfills the desires of those who fear Him; He hears their cry and saves them.
20 २० यहोवा अपने सब प्रेमियों की तो रक्षा करता, परन्तु सब दुष्टों को सत्यानाश करता है।
The LORD preserves all who love Him, but all the wicked He will destroy.
21 २१ मैं यहोवा की स्तुति करूँगा, और सारे प्राणी उसके पवित्र नाम को सदा सर्वदा धन्य कहते रहें।
My mouth will declare the praise of the LORD; let every creature bless His holy name forever and ever.