< भजन संहिता 144 >

1 दाऊद का भजन धन्य है यहोवा, जो मेरी चट्टान है, वह युद्ध के लिए मेरे हाथों को और लड़ाई के लिए मेरी उँगलियों को अभ्यास कराता है।
De David. Béni soit l'Éternel, qui est mon rocher: Il exerce mes mains au combat. Et mes doigts à la bataille!
2 वह मेरे लिये करुणानिधान और गढ़, ऊँचा स्थान और छुड़ानेवाला है, वह मेरी ढाल और शरणस्थान है, जो जातियों को मेरे वश में कर देता है।
Il est mon bienfaiteur et ma forteresse, Ma haute retraite et mon libérateur, Mon bouclier et mon refuge. Celui qui range mon peuple sous ma loi!
3 हे यहोवा, मनुष्य क्या है कि तू उसकी सुधि लेता है, या आदमी क्या है कि तू उसकी कुछ चिन्ता करता है?
Éternel, qu'est-ce que l'homme, Pour que tu prennes soin de lui, Et le fils de l'homme, pour que tu en tiennes compte?
4 मनुष्य तो साँस के समान है; उसके दिन ढलती हुई छाया के समान हैं।
L'homme est semblable à un souffle; Ses jours sont comme l'ombre qui passe.
5 हे यहोवा, अपने स्वर्ग को नीचा करके उतर आ! पहाड़ों को छू तब उनसे धुआँ उठेगा!
Éternel, abaisse tes cieux et descends; Touche les montagnes, et qu'elles soient couvertes de fumée!
6 बिजली कड़काकर उनको तितर-बितर कर दे, अपने तीर चलाकर उनको घबरा दे!
Fais briller l'éclair, et disperse mes ennemis: Lance tes flèches, et mets-les en déroute!
7 अपना हाथ ऊपर से बढ़ाकर मुझे महासागर से उबार, अर्थात् परदेशियों के वश से छुड़ा।
Étends tes mains d'en haut; Délivre-moi, et retire-moi des grandes eaux, De la main des fils de l'étranger,
8 उनके मुँह से तो झूठी बातें निकलती हैं, और उनके दाहिने हाथ से धोखे के काम होते हैं।
Dont la bouche profère le mensonge, Dont la main droite est une main trompeuse.
9 हे परमेश्वर, मैं तेरी स्तुति का नया गीत गाऊँगा; मैं दस तारवाली सारंगी बजाकर तेरा भजन गाऊँगा।
Dieu, je chanterai à ta gloire un cantique nouveau. Je te célébrerai sur la lyre à dix cordes,
10 १० तू राजाओं का उद्धार करता है, और अपने दास दाऊद को तलवार की मार से बचाता है।
Toi qui donnes la délivrance aux rois, Qui sauves David, ton serviteur, de l'épée meurtrière.
11 ११ मुझ को उबार और परदेशियों के वश से छुड़ा ले, जिनके मुँह से झूठी बातें निकलती हैं, और जिनका दाहिना हाथ झूठ का दाहिना हाथ है।
Délivre-moi, et arrache-moi au joug des fils de l'étranger, Dont la bouche ne profère que le mensonge. Dont la main droite est une main trompeuse!
12 १२ हमारे बेटे जवानी के समय पौधों के समान बढ़े हुए हों, और हमारी बेटियाँ उन कोनेवाले खम्भों के समान हों, जो महल के लिये बनाए जाएँ;
Que nos fils, dans leur jeune âge. Croissent comme des plants vigoureux. Que nos filles soient comme des colonnes sculptées. Qui ornent les angles d'un palais!
13 १३ हमारे खत्ते भरे रहें, और उनमें भाँति-भाँति का अन्न रखा जाए, और हमारी भेड़-बकरियाँ हमारे मैदानों में हजारों हजार बच्चे जनें;
Que nos celliers soient pleins, Regorgeant de toutes sortes de biens. Que nos brebis se multiplient par milliers, par dix milliers. Dans nos campagnes!
14 १४ तब हमारे बैल खूब लदे हुए हों; हमें न विघ्न हो और न हमारा कहीं जाना हो, और न हमारे चौकों में रोना-पीटना हो,
Que nos génisses soient fécondes! Qu'il n'y ait ni brèches dans nos murs, ni attaque, Ni cris d'alarme dans nos places.
15 १५ तो इस दशा में जो राज्य हो वह क्या ही धन्य होगा! जिस राज्य का परमेश्वर यहोवा है, वह क्या ही धन्य है!
Heureux le peuple dont tel est le partage! Heureux le peuple dont l'Éternel est le Dieu!

< भजन संहिता 144 >