< भजन संहिता 140 >
1 १ प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन हे यहोवा, मुझ को बुरे मनुष्य से बचा ले; उपद्रवी पुरुष से मेरी रक्षा कर,
Dem Musikmeister, ein Psalm von David. Rette mich, HERR, von den bösen Menschen!
2 २ क्योंकि उन्होंने मन में बुरी कल्पनाएँ की हैं; वे लगातार लड़ाइयाँ मचाते हैं।
die auf Böses im Herzen sinnen und allezeit Streit erregen!
3 ३ उनका बोलना साँप के काटने के समान है, उनके मुँह में नाग का सा विष रहता है। (सेला)
Sie spitzen ihre Zungen der Schlange gleich, Otterngift ist hinter ihren Lippen. (SELA)
4 ४ हे यहोवा, मुझे दुष्ट के हाथों से बचा ले; उपद्रवी पुरुष से मेरी रक्षा कर, क्योंकि उन्होंने मेरे पैरों को उखाड़ने की युक्ति की है।
Behüte mich, HERR, vor den Händen der Frevler! Vor den Freunden der Gewalttat schütze mich, die darauf sinnen, zu Fall mich zu bringen!
5 ५ घमण्डियों ने मेरे लिये फंदा और पासे लगाए, और पथ के किनारे जाल बिछाया है; उन्होंने मेरे लिये फंदे लगा रखे हैं। (सेला)
Die Frechen legen mir heimlich Schlingen und Fallstricke, spannen Netze aus zur Seite des Wegs und stellen mir Fallen. (SELA)
6 ६ हे यहोवा, मैंने तुझ से कहा है कि तू मेरा परमेश्वर है; हे यहोवा, मेरे गिड़गिड़ाने की ओर कान लगा!
Ich sage zum HERRN: »Du bist mein Gott, vernimm, o HERR, mein lautes Flehen!«
7 ७ हे यहोवा प्रभु, हे मेरे सामर्थी उद्धारकर्ता, तूने युद्ध के दिन मेरे सिर की रक्षा की है।
O HERR, mein Gott, meine starke Hilfe, du hast mein Haupt beschirmt am Tage des Kampfes:
8 ८ हे यहोवा, दुष्ट की इच्छा को पूरी न होने दे, उसकी बुरी युक्ति को सफल न कर, नहीं तो वह घमण्ड करेगा। (सेला)
gewähre nicht, HERR, die Gelüste der Frevler, laß ihr böses Trachten nicht gelingen! (SELA)
9 ९ मेरे घेरनेवालों के सिर पर उन्हीं का विचारा हुआ उत्पात पड़े!
Erheben sie das Haupt rings um mich her, so falle das Unheil ihrer Lippen auf sie selbst!
10 १० उन पर अंगारे डाले जाएँ! वे आग में गिरा दिए जाएँ! और ऐसे गड्ढों में गिरें, कि वे फिर उठ न सके!
Er lasse glühende Kohlen auf sie regnen, ins Feuer stürze er sie, in Wasserfluten, daß sie nicht aufstehn können!
11 ११ बकवादी पृथ्वी पर स्थिर नहीं होने का; उपद्रवी पुरुष को गिराने के लिये बुराई उसका पीछा करेगी।
Der Verleumder wird keinen Halt im Lande gewinnen; der Mann der Gewalttat jage das Unglück Stoß auf Stoß!
12 १२ हे यहोवा, मुझे निश्चय है कि तू दीन जन का और दरिद्रों का न्याय चुकाएगा।
Ich weiß, der HERR wird führen des Elenden Sache, den Rechtsstreit der Armen.
13 १३ निःसन्देह धर्मी तेरे नाम का धन्यवाद करने पाएँगे; सीधे लोग तेरे सम्मुख वास करेंगे।
Ja, die Gerechten werden deinen Namen preisen, die Redlichen bleiben wohnen vor deinem Angesicht.