< भजन संहिता 134 >
1 १ यात्रा का गीत हे यहोवा के सब सेवकों, सुनो, तुम जो रात-रात को यहोवा के भवन में खड़े रहते हो, यहोवा को धन्य कहो।
১আরোহণ-গীত। এস, হে সদাপ্রভুুর দাসেরা, তোমার সদাপ্রভুুর ধন্যবাদ কর, তোমরা যারা রাত্রে সদাপ্রভুুর ঘরে সেবা করো।
2 २ अपने हाथ पवित्रस्थान में उठाकर, यहोवा को धन्य कहो।
২তোমরা হাত তোল পবিত্র জায়গার দিকে এবং আশীর্বাদ কর সদাপ্রভুু।
3 ३ यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, वह सिय्योन से तुझे आशीष देवे।
৩সদাপ্রভুু সিয়োন থেকে তোমাকে আশীর্বাদ করুন, তিনি যিনি আকাশ এবং পৃথিবী সৃষ্টি করেছেন।