< भजन संहिता 134 >

1 यात्रा का गीत हे यहोवा के सब सेवकों, सुनो, तुम जो रात-रात को यहोवा के भवन में खड़े रहते हो, यहोवा को धन्य कहो।
تَرْنِيمَةُ ٱلْمَصَاعِدِ هُوَذَا بَارِكُوا ٱلرَّبَّ يَا جَمِيعَ عَبِيدِ ٱلرَّبِّ، ٱلْوَاقِفِينَ فِي بَيْتِ ٱلرَّبِّ بِٱللَّيَالِي.١
2 अपने हाथ पवित्रस्थान में उठाकर, यहोवा को धन्य कहो।
ٱرْفَعُوا أَيْدِيَكُمْ نَحْوَ ٱلْقُدْسِ، وَبَارِكُوا ٱلرَّبَّ.٢
3 यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, वह सिय्योन से तुझे आशीष देवे।
يُبَارِكُكَ ٱلرَّبُّ مِنْ صِهْيَوْنَ، ٱلصَّانِعُ ٱلسَّمَاوَاتِ وَٱلْأَرْضَ.٣

< भजन संहिता 134 >