< भजन संहिता 128 >

1 यात्रा का गीत क्या ही धन्य है हर एक जो यहोवा का भय मानता है, और उसके मार्गों पर चलता है!
Cantique des montées. Heureux l'homme qui craint Yahweh, qui marche dans ses voies!
2 तू अपनी कमाई को निश्चय खाने पाएगा; तू धन्य होगा, और तेरा भला ही होगा।
Tu te nourris alors du travail de tes mains; tu es heureux et comblé de biens.
3 तेरे घर के भीतर तेरी स्त्री फलवन्त दाखलता सी होगी; तेरी मेज के चारों ओर तेरे बच्चे जैतून के पौधे के समान होंगे।
Ton épouse est comme une vigne féconde, dans l'intérieur de ta maison; tes fils, comme de jeunes plants d'olivier, autour de ta table.
4 सुन, जो पुरुष यहोवा का भय मानता हो, वह ऐसी ही आशीष पाएगा।
Voilà comment sera béni l'homme qui craint Yahweh.
5 यहोवा तुझे सिय्योन से आशीष देवे, और तू जीवन भर यरूशलेम का कुशल देखता रहे!
Que Yahweh te bénisse de Sion! Puisse-tu voir Jérusalem florissante tous les jours de ta vie!
6 वरन् तू अपने नाती-पोतों को भी देखने पाए! इस्राएल को शान्ति मिले!
Puisses-tu voir les enfants de tes enfants! Que la paix soit sur Israël!

< भजन संहिता 128 >