< भजन संहिता 125 >

1 दाऊद की यात्रा का गीत जो यहोवा पर भरोसा रखते हैं, वे सिय्योन पर्वत के समान हैं, जो टलता नहीं, वरन् सदा बना रहता है।
Those who trust in Jehovah are as mount Zion, which cannot be moved, but abides forever.
2 जिस प्रकार यरूशलेम के चारों ओर पहाड़ हैं, उसी प्रकार यहोवा अपनी प्रजा के चारों ओर अब से लेकर सर्वदा तक बना रहेगा।
As the mountains are round about Jerusalem, so Jehovah is round about his people from this time forth and for evermore.
3 दुष्टों का राजदण्ड धर्मियों के भाग पर बना न रहेगा, ऐसा न हो कि धर्मी अपने हाथ कुटिल काम की ओर बढ़ाएँ।
For the scepter of wickedness shall not rest upon the lot of the righteous, that the righteous not put forth their hands to iniquity.
4 हे यहोवा, भलों का और सीधे मनवालों का भला कर!
Do good, O Jehovah, to those who are good, and to those who are upright in their hearts.
5 परन्तु जो मुड़कर टेढ़े मार्गों में चलते हैं, उनको यहोवा अनर्थकारियों के संग निकाल देगा! इस्राएल को शान्ति मिले!
But as for such as turn aside to their crooked ways, Jehovah will lead them forth with the workers of iniquity. Peace be upon Israel.

< भजन संहिता 125 >