< भजन संहिता 122 >
1 १ दाऊद की यात्रा का गीत जब लोगों ने मुझसे कहा, “आओ, हम यहोवा के भवन को चलें,” तब मैं आनन्दित हुआ।
song [the] step to/for David to rejoice in/on/with to say to/for me house: temple LORD to go: went
2 २ हे यरूशलेम, तेरे फाटकों के भीतर, हम खड़े हो गए हैं!
to stand: stand to be foot our in/on/with gate your Jerusalem
3 ३ हे यरूशलेम, तू ऐसे नगर के समान बना है, जिसके घर एक दूसरे से मिले हुए हैं।
Jerusalem [the] to build like/as city which/that to unite to/for her together
4 ४ वहाँ यहोवा के गोत्र-गोत्र के लोग यहोवा के नाम का धन्यवाद करने को जाते हैं; यह इस्राएल के लिये साक्षी है।
which/that there to ascend: rise tribe tribe LORD testimony to/for Israel to/for to give thanks to/for name LORD
5 ५ वहाँ तो न्याय के सिंहासन, दाऊद के घराने के लिये रखे हुए हैं।
for there [to] to dwell throne to/for justice: judgement throne to/for house: household David
6 ६ यरूशलेम की शान्ति का वरदान माँगो, तेरे प्रेमी कुशल से रहें!
to ask peace Jerusalem to prosper to love: lover you
7 ७ तेरी शहरपनाह के भीतर शान्ति, और तेरे महलों में कुशल होवे!
to be peace in/on/with rampart your ease in/on/with citadel: fortress your
8 ८ अपने भाइयों और संगियों के निमित्त, मैं कहूँगा कि तुझ में शान्ति होवे!
because brother: male-sibling my and neighbor my to speak: speak please peace in/on/with you
9 ९ अपने परमेश्वर यहोवा के भवन के निमित्त, मैं तेरी भलाई का यत्न करूँगा।
because house: temple LORD God our to seek good to/for you