< भजन संहिता 119 >
1 १ आलेफ क्या ही धन्य हैं वे जो चाल के खरे हैं, और यहोवा की व्यवस्था पर चलते हैं!
[Die Anfangsbuchstaben der Abteilungen dieses Psalmes folgen im Hebr. der alphabetischen Ordnung, und zwar beginnen alle 8 Verse jeder Abteilung mit demselben Buchstaben] N Glückselig, die im Wege untadelig sind, die da wandeln im Gesetze Jehovas!
2 २ क्या ही धन्य हैं वे जो उसकी चितौनियों को मानते हैं, और पूर्ण मन से उसके पास आते हैं!
Glückselig, die seine Zeugnisse bewahren, die von ganzem Herzen ihn suchen,
3 ३ फिर वे कुटिलता का काम नहीं करते, वे उसके मार्गों में चलते हैं।
Die auch kein Unrecht tun, in seinen Wegen wandeln!
4 ४ तूने अपने उपदेश इसलिए दिए हैं, कि हम उसे यत्न से माने।
Du hast deine Vorschriften geboten, um sie fleißig zu beobachten.
5 ५ भला होता कि तेरी विधियों को मानने के लिये मेरी चाल चलन दृढ़ हो जाए!
O daß meine Wege gerichtet wären, [d. h. daß ihnen die rechte Richtung gegeben wäre; vergl. Hiob 11,13] um deine Satzungen zu beobachten!
6 ६ तब मैं तेरी सब आज्ञाओं की ओर चित्त लगाए रहूँगा, और मैं लज्जित न होऊँगा।
Dann werde ich nicht beschämt werden, wenn ich achthabe auf alle deine Gebote.
7 ७ जब मैं तेरे धर्ममय नियमों को सीखूँगा, तब तेरा धन्यवाद सीधे मन से करूँगा।
Preisen werde ich dich in Aufrichtigkeit [O. Geradheit] des Herzens, wenn ich gelernt habe die Rechte [d. h. die Urteile, Entscheidungen; so auch v 43. 52. 62 usw.] deiner Gerechtigkeit.
8 ८ मैं तेरी विधियों को मानूँगा: मुझे पूरी रीति से न तज! बेथ
Deine Satzungen werde ich beobachten; verlaß mich nicht ganz und gar!
9 ९ जवान अपनी चाल को किस उपाय से शुद्ध रखे? तेरे वचन का पालन करने से।
Wodurch wird ein Jüngling seinen Pfad in Reinheit wandeln? [Eig. reinigen od. rein erhalten] Indem er sich bewahrt [Eig. auf der Hut ist] nach deinem Worte.
10 १० मैं पूरे मन से तेरी खोज में लगा हूँ; मुझे तेरी आज्ञाओं की बाट से भटकने न दे!
Mit meinem ganzen Herzen habe ich dich gesucht: laß mich nicht abirren von deinen Geboten!
11 ११ मैंने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है, कि तेरे विरुद्ध पाप न करूँ।
In meinem Herzen habe ich dein Wort verwahrt, auf daß ich nicht wider dich sündige.
12 १२ हे यहोवा, तू धन्य है; मुझे अपनी विधियाँ सिखा!
Gepriesen seiest du, Jehova! lehre mich deine Satzungen!
13 १३ तेरे सब कहे हुए नियमों का वर्णन, मैंने अपने मुँह से किया है।
Mit meinen Lippen habe ich erzählt alle Rechte deines Mundes.
14 १४ मैं तेरी चितौनियों के मार्ग से, मानो सब प्रकार के धन से हर्षित हुआ हूँ।
An dem Wege deiner Zeugnisse habe ich mich erfreut wie über allen Reichtum.
15 १५ मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूँगा, और तेरे मार्गों की ओर दृष्टि रखूँगा।
Über deine Vorschriften will ich sinnen und achthaben auf deine Pfade.
16 १६ मैं तेरी विधियों से सुख पाऊँगा; और तेरे वचन को न भूलूँगा। गिमेल
An deinen Satzungen habe ich meine Wonne; deines Wortes werde ich nicht vergessen.
17 १७ अपने दास का उपकार कर कि मैं जीवित रहूँ, और तेरे वचन पर चलता रहूँ।
Tue wohl an deinem Knechte, so werde ich leben; und ich will dein Wort bewahren.
18 १८ मेरी आँखें खोल दे, कि मैं तेरी व्यवस्था की अद्भुत बातें देख सकूँ।
Öffne meine Augen, damit ich Wunder schaue in [Eig. aus] deinem Gesetz!
19 १९ मैं तो पृथ्वी पर परदेशी हूँ; अपनी आज्ञाओं को मुझसे छिपाए न रख!
Ein Fremdling bin ich im Lande, [O. auf Erden] verbirg nicht vor mir deine Gebote!
20 २० मेरा मन तेरे नियमों की अभिलाषा के कारण हर समय खेदित रहता है।
Zermalmt ist meine Seele vor Verlangen nach deinen Rechten zu aller Zeit.
21 २१ तूने अभिमानियों को, जो श्रापित हैं, घुड़का है, वे तेरी आज्ञाओं से भटके हुए हैं।
Gescholten hast du die Übermütigen, die Verfluchten, welche abirren von deinen Geboten.
22 २२ मेरी नामधराई और अपमान दूर कर, क्योंकि मैं तेरी चितौनियों को पकड़े हूँ।
Wälze von mir Hohn und Verachtung! denn deine Zeugnisse habe ich bewahrt. [O. bewahre ich]
23 २३ हाकिम भी बैठे हुए आपस में मेरे विरुद्ध बातें करते थे, परन्तु तेरा दास तेरी विधियों पर ध्यान करता रहा।
Sitzen auch Fürsten und bereden sich wider mich, dein Knecht sinnt über deine Satzungen.
24 २४ तेरी चितौनियाँ मेरा सुखमूल और मेरे मंत्री हैं। दाल्थ
Deine Zeugnisse sind auch meine Wonne, meine Ratgeber.
25 २५ मैं धूल में पड़ा हूँ; तू अपने वचन के अनुसार मुझ को जिला!
Am Staube klebt meine Seele; belebe mich nach deinem Worte!
26 २६ मैंने अपनी चाल चलन का तुझ से वर्णन किया है और तूने मेरी बात मान ली है; तू मुझ को अपनी विधियाँ सिखा!
Meine Wege habe ich erzählt, und du hast mich erhört; lehre mich deine Satzungen!
27 २७ अपने उपदेशों का मार्ग मुझे समझा, तब मैं तेरे आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करूँगा।
Laß mich verstehen den Weg deiner Vorschriften, und sinnen will ich über deine Wundertaten.
28 २८ मेरा जीव उदासी के मारे गल चला है; तू अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल!
Vor Traurigkeit zerfließt in Tränen meine Seele; richte mich auf [O. halte mich aufrecht] nach deinem Worte!
29 २९ मुझ को झूठ के मार्ग से दूर कर; और कृपा करके अपनी व्यवस्था मुझे दे।
Wende von mir ab den Weg der Lüge [O. Falschheit; so auch v 104 u. 128] und gewähre mir dein Gesetz!
30 ३० मैंने सच्चाई का मार्ग चुन लिया है, तेरे नियमों की ओर मैं चित्त लगाए रहता हूँ।
Den Weg der Treue habe ich erwählt, habe vor mich gestellt deine Rechte.
31 ३१ मैं तेरी चितौनियों में लौलीन हूँ, हे यहोवा, मुझे लज्जित न होने दे!
Ich hange an deinen Zeugnissen; Jehova, laß mich nicht beschämt werden!
32 ३२ जब तू मेरा हियाव बढ़ाएगा, तब मैं तेरी आज्ञाओं के मार्ग में दौड़ूँगा। हे
Den Weg deiner Gebote werde ich laufen, wenn du Raum gemacht haben wirst meinem Herzen.
33 ३३ हे यहोवा, मुझे अपनी विधियों का मार्ग सिखा दे; तब मैं उसे अन्त तक पकड़े रहूँगा।
Lehre mich, Jehova, den Weg deiner Satzungen, und ich will ihn bewahren bis ans Ende.
34 ३४ मुझे समझ दे, तब मैं तेरी व्यवस्था को पकड़े रहूँगा और पूर्ण मन से उस पर चलूँगा।
Gib mir Einsicht, und ich will dein Gesetz bewahren und es halten von ganzem Herzen.
35 ३५ अपनी आज्ञाओं के पथ में मुझ को चला, क्योंकि मैं उसी से प्रसन्न हूँ।
Laß mich wandeln auf dem Pfade deiner Gebote! denn an ihm habe ich meine Lust.
36 ३६ मेरे मन को लोभ की ओर नहीं, अपनी चितौनियों ही की ओर फेर दे।
Neige mein Herz zu deinen Zeugnissen und nicht zum Gewinn!
37 ३७ मेरी आँखों को व्यर्थ वस्तुओं की ओर से फेर दे; तू अपने मार्ग में मुझे जिला।
Wende meine Augen ab, daß sie Eitles nicht sehen! belebe mich in deinen Wegen!
38 ३८ तेरा वादा जो तेरे भय माननेवालों के लिये है, उसको अपने दास के निमित्त भी पूरा कर।
Bestätige [O. Halte aufrecht] deinem Knechte deine Zusage, welche deiner Furcht entspricht!
39 ३९ जिस नामधराई से मैं डरता हूँ, उसे दूर कर; क्योंकि तेरे नियम उत्तम हैं।
Wende ab meinen Hohn, den ich fürchte! denn deine Rechte sind gut.
40 ४० देख, मैं तेरे उपदेशों का अभिलाषी हूँ; अपने धर्म के कारण मुझ को जिला। वाव
Siehe, ich verlange nach deinen Vorschriften; belebe mich in deiner Gerechtigkeit!
41 ४१ हे यहोवा, तेरी करुणा और तेरा किया हुआ उद्धार, तेरे वादे के अनुसार, मुझ को भी मिले;
Und laß über mich kommen deine Gütigkeiten, Jehova, deine Rettung nach deiner Zusage!
42 ४२ तब मैं अपनी नामधराई करनेवालों को कुछ उत्तर दे सकूँगा, क्योंकि मेरा भरोसा, तेरे वचन पर है।
So werde ich Antwort geben dem mich Höhnenden; denn ich vertraue auf dein Wort.
43 ४३ मुझे अपने सत्य वचन कहने से न रोक क्योंकि मेरी आशा तेरे नियमों पर है।
Und entziehe meinem Munde nicht gänzlich das Wort der Wahrheit! denn ich harre auf deine Rechte.
44 ४४ तब मैं तेरी व्यवस्था पर लगातार, सदा सर्वदा चलता रहूँगा;
Und halten will ich dein Gesetz beständig, immer und ewiglich.
45 ४५ और मैं चौड़े स्थान में चला फिरा करूँगा, क्योंकि मैंने तेरे उपदेशों की सुधि रखी है।
Und ich werde wandeln in weitem Raume; denn nach deinen Vorschriften habe ich getrachtet.
46 ४६ और मैं तेरी चितौनियों की चर्चा राजाओं के सामने भी करूँगा, और लज्जित न होऊँगा;
Und vor Königen will ich reden von deinen Zeugnissen und mich nicht schämen.
47 ४७ क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं के कारण सुखी हूँ, और मैं उनसे प्रीति रखता हूँ।
Und ich werde meine Wonne haben an deinen Geboten, die ich liebe,
48 ४८ मैं तेरी आज्ञाओं की ओर जिनमें मैं प्रीति रखता हूँ, हाथ फैलाऊँगा और तेरी विधियों पर ध्यान करूँगा। ज़ैन
Und werde meine Hände aufheben zu deinen Geboten, die ich liebe; und über deine Satzungen will ich sinnen.
49 ४९ जो वादा तूने अपने दास को दिया है, उसे स्मरण कर, क्योंकि तूने मुझे आशा दी है।
Gedenke des Wortes an deinen Knecht, auf welches du mich hast harren lassen!
50 ५० मेरे दुःख में मुझे शान्ति उसी से हुई है, क्योंकि तेरे वचन के द्वारा मैंने जीवन पाया है।
Dies ist mein Trost in meinem Elende, daß deine Zusage mich belebt hat. [O. Das ist, denn deine Zusage hat mich belebt]
51 ५१ अहंकारियों ने मुझे अत्यन्त ठट्ठे में उड़ाया है, तो भी मैं तेरी व्यवस्था से नहीं हटा।
Die Übermütigen haben mich über die Maßen verspottet; von deinem Gesetz bin ich nicht abgewichen.
52 ५२ हे यहोवा, मैंने तेरे प्राचीन नियमों को स्मरण करके शान्ति पाई है।
Ich gedachte, Jehova, deiner Rechte von alters her, und ich tröstete mich.
53 ५३ जो दुष्ट तेरी व्यवस्था को छोड़े हुए हैं, उनके कारण मैं क्रोध से जलता हूँ।
Zornglut hat mich ergriffen wegen der Gesetzlosen, die dein Gesetz verlassen.
54 ५४ जहाँ मैं परदेशी होकर रहता हूँ, वहाँ तेरी विधियाँ, मेरे गीत गाने का विषय बनी हैं।
Deine Satzungen sind meine Gesänge gewesen im Hause meiner Fremdlingschaft.
55 ५५ हे यहोवा, मैंने रात को तेरा नाम स्मरण किया, और तेरी व्यवस्था पर चला हूँ।
Des Nachts habe ich deines Namens gedacht, Jehova, und ich habe dein Gesetz gehalten.
56 ५६ यह मुझसे इस कारण हुआ, कि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए था। हेथ
Dies ist mir geschehen, weil [O. mir geworden, daß] ich deine Vorschriften bewahrt habe.
57 ५७ यहोवा मेरा भाग है; मैंने तेरे वचनों के अनुसार चलने का निश्चय किया है।
Mein Teil, Jehova, habe ich gesagt, ist, deine Worte zu bewahren. [O. Mein Teil ist Jehova, habe ich gesagt, um deine Worte zu bewahren]
58 ५८ मैंने पूरे मन से तुझे मनाया है; इसलिए अपने वादे के अनुसार मुझ पर दया कर।
Von ganzem Herzen habe ich dich angefleht; sei mir gnädig nach deiner Zusage!
59 ५९ मैंने अपनी चाल चलन को सोचा, और तेरी चितौनियों का मार्ग लिया।
Ich habe meine Wege überdacht, und meine Füße gekehrt zu deinen Zeugnissen.
60 ६० मैंने तेरी आज्ञाओं के मानने में विलम्ब नहीं, फुर्ती की है।
Ich habe geeilt und nicht gesäumt, deine Gebote zu halten.
61 ६१ मैं दुष्टों की रस्सियों से बन्ध गया हूँ, तो भी मैं तेरी व्यवस्था को नहीं भूला।
Die Bande der Gesetzlosen haben mich umgeben; dein Gesetz habe ich nicht vergessen.
62 ६२ तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं आधी रात को तेरा धन्यवाद करने को उठूँगा।
Um Mitternacht stehe ich auf, um dich zu preisen wegen der Rechte deiner Gerechtigkeit.
63 ६३ जितने तेरा भय मानते और तेरे उपदेशों पर चलते हैं, उनका मैं संगी हूँ।
Ich bin der Gefährte aller, die dich fürchten, und derer, die deine Vorschriften beobachten.
64 ६४ हे यहोवा, तेरी करुणा पृथ्वी में भरी हुई है; तू मुझे अपनी विधियाँ सिखा! टेथ
Von deiner Güte, Jehova, ist die Erde erfüllt; lehre mich deine Satzungen!
65 ६५ हे यहोवा, तूने अपने वचन के अनुसार अपने दास के संग भलाई की है।
Du hast Gutes getan an deinem Knechte, Jehova, nach deinem Worte.
66 ६६ मुझे भली विवेक-शक्ति और समझ दे, क्योंकि मैंने तेरी आज्ञाओं का विश्वास किया है।
Gute Einsicht und Erkenntnis lehre mich! denn ich habe deinen Geboten geglaubt.
67 ६७ उससे पहले कि मैं दुःखित हुआ, मैं भटकता था; परन्तु अब मैं तेरे वचन को मानता हूँ।
Bevor ich gedemütigt ward, irrte ich; jetzt aber bewahre ich dein Wort.
68 ६८ तू भला है, और भला करता भी है; मुझे अपनी विधियाँ सिखा।
Du bist gut und guttätig; lehre mich deine Satzungen!
69 ६९ अभिमानियों ने तो मेरे विरुद्ध झूठ बात गढ़ी है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों को पूरे मन से पकड़े रहूँगा।
Lügen haben die Übermütigen wider mich erdichtet; ich bewahre [O. werde bewahren] deine Vorschriften von ganzem Herzen.
70 ७० उनका मन मोटा हो गया है, परन्तु मैं तेरी व्यवस्था के कारण सुखी हूँ।
Ihr Herz ist dick geworden wie Fett; ich habe meine Wonne an deinem Gesetz.
71 ७१ मुझे जो दुःख हुआ वह मेरे लिये भला ही हुआ है, जिससे मैं तेरी विधियों को सीख सकूँ।
Es ist gut für mich, daß ich gedemütigt ward, damit ich deine Satzungen lernte.
72 ७२ तेरी दी हुई व्यवस्था मेरे लिये हजारों रुपयों और मुहरों से भी उत्तम है। योध
Besser ist mir das Gesetz deines Mundes als Tausende von Gold und Silber.
73 ७३ तेरे हाथों से मैं बनाया और रचा गया हूँ; मुझे समझ दे कि मैं तेरी आज्ञाओं को सीखूँ।
Deine Hände haben mich gemacht und bereitet; gib mir Einsicht, und ich will deine Gebote lernen.
74 ७४ तेरे डरवैये मुझे देखकर आनन्दित होंगे, क्योंकि मैंने तेरे वचन पर आशा लगाई है।
Die dich fürchten, werden mich sehen und sich freuen; denn ich habe auf dein Wort geharrt.
75 ७५ हे यहोवा, मैं जान गया कि तेरे नियम धर्ममय हैं, और तूने अपने सच्चाई के अनुसार मुझे दुःख दिया है।
Ich weiß, Jehova, daß deine Gerichte Gerechtigkeit sind und daß du mich gedemütigt hast in Treue.
76 ७६ मुझे अपनी करुणा से शान्ति दे, क्योंकि तूने अपने दास को ऐसा ही वादा दिया है।
Laß doch deine Güte mir zum Troste sein, nach deiner Zusage an deinen Knecht!
77 ७७ तेरी दया मुझ पर हो, तब मैं जीवित रहूँगा; क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूँ।
Laß deine Erbarmungen über mich kommen, so werde ich leben; denn dein Gesetz ist meine Wonne.
78 ७८ अहंकारी लज्जित किए जाए, क्योंकि उन्होंने मुझे झूठ के द्वारा गिरा दिया है; परन्तु मैं तेरे उपदेशों पर ध्यान करूँगा।
Laß beschämt werden die Übermütigen! denn sie haben mich gebeugt [d. h. in meinem Rechte] ohne Grund; ich, ich sinne über deine Vorschriften.
79 ७९ जो तेरा भय मानते हैं, वह मेरी ओर फिरें, तब वे तेरी चितौनियों को समझ लेंगे।
Laß sich zu mir kehren, die dich fürchten und die deine Zeugnisse kennen!
80 ८० मेरा मन तेरी विधियों के मानने में सिद्ध हो, ऐसा न हो कि मुझे लज्जित होना पड़े। क़ाफ
Laß mein Herz untadelig sein in deinen Satzungen, damit ich nicht beschämt werde!
81 ८१ मेरा प्राण तेरे उद्धार के लिये बैचेन है; परन्तु मुझे तेरे वचन पर आशा रहती है।
Meine Seele schmachtet nach deiner Rettung, ich harre auf dein Wort.
82 ८२ मेरी आँखें तेरे वादे के पूरे होने की बाट जोहते-जोहते धुंधली पड़ गईं है; और मैं कहता हूँ कि तू मुझे कब शान्ति देगा?
Meine Augen schmachten nach deiner Zusage, indem ich spreche: Wann wirst du mich trösten?
83 ८३ क्योंकि मैं धुएँ में की कुप्पी के समान हो गया हूँ, तो भी तेरी विधियों को नहीं भूला।
Denn wie ein Schlauch im Rauche bin ich geworden; deine Satzungen habe ich nicht vergessen.
84 ८४ तेरे दास के कितने दिन रह गए हैं? तू मेरे पीछे पड़े हुओं को दण्ड कब देगा?
Wie viele werden der Tage deines Knechtes sein? Wann wirst du Gericht üben an meinen Verfolgern?
85 ८५ अहंकारी जो तेरी व्यवस्था के अनुसार नहीं चलते, उन्होंने मेरे लिये गड्ढे खोदे हैं।
Die Übermütigen haben mir Gruben gegraben, sie, die nicht nach deinem Gesetz sind.
86 ८६ तेरी सब आज्ञाएँ विश्वासयोग्य हैं; वे लोग झूठ बोलते हुए मेरे पीछे पड़े हैं; तू मेरी सहायता कर!
Alle deine Gebote sind Treue. Sie haben mich verfolgt ohne Grund: hilf mir!
87 ८७ वे मुझ को पृथ्वी पर से मिटा डालने ही पर थे, परन्तु मैंने तेरे उपदेशों को नहीं छोड़ा।
Wenig fehlte, so hätten sie mich vernichtet auf der Erde; [O. im Lande] ich aber, ich habe deine Vorschriften nicht verlassen.
88 ८८ अपनी करुणा के अनुसार मुझ को जिला, तब मैं तेरी दी हुई चितौनी को मानूँगा। लामेध
Belebe mich nach deiner Güte, und ich will bewahren das Zeugnis deines Mundes.
89 ८९ हे यहोवा, तेरा वचन, आकाश में सदा तक स्थिर रहता है।
In Ewigkeit, Jehova, steht dein Wort fest in den Himmeln;
90 ९० तेरी सच्चाई पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है; तूने पृथ्वी को स्थिर किया, इसलिए वह बनी है।
Von Geschlecht zu Geschlecht währt deine Treue; du hast die Erde festgestellt, und sie steht.
91 ९१ वे आज के दिन तक तेरे नियमों के अनुसार ठहरे हैं; क्योंकि सारी सृष्टि तेरे अधीन है।
Nach deinen Verordnungen stehen sie heute da, denn alle Dinge [Eig. das Ganze, d. h. das ganze Weltall] dienen dir.
92 ९२ यदि मैं तेरी व्यवस्था से सुखी न होता, तो मैं दुःख के समय नाश हो जाता।
Wäre nicht dein Gesetz meine Wonne gewesen, dann würde ich umgekommen sein in meinem Elende.
93 ९३ मैं तेरे उपदेशों को कभी न भूलूँगा; क्योंकि उन्हीं के द्वारा तूने मुझे जिलाया है।
Nimmermehr werde ich deine Vorschriften vergessen, denn durch sie hast du mich belebt.
94 ९४ मैं तेरा ही हूँ, तू मेरा उद्धार कर; क्योंकि मैं तेरे उपदेशों की सुधि रखता हूँ।
Ich bin dein, rette mich! denn ich habe nach deinen Vorschriften getrachtet.
95 ९५ दुष्ट मेरा नाश करने के लिये मेरी घात में लगे हैं; परन्तु मैं तेरी चितौनियों पर ध्यान करता हूँ।
Die Gesetzlosen haben mir aufgelauert, um mich umzubringen; ich achte auf deine Zeugnisse.
96 ९६ मैंने देखा है कि प्रत्येक पूर्णता की सीमा होती है, परन्तु तेरी आज्ञा का विस्तार बड़ा और सीमा से परे है। मीम
Von aller Vollkommenheit habe ich ein Ende gesehen; sehr ausgedehnt ist dein Gebot.
97 ९७ आहा! मैं तेरी व्यवस्था में कैसी प्रीति रखता हूँ! दिन भर मेरा ध्यान उसी पर लगा रहता है।
Wie liebe ich dein Gesetz! Es ist mein Sinnen den ganzen Tag.
98 ९८ तू अपनी आज्ञाओं के द्वारा मुझे अपने शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान करता है, क्योंकि वे सदा मेरे मन में रहती हैं।
Weiser als meine Feinde machen mich deine Gebote, denn immer sind sie bei mir. [W. denn ewiglich sind sie mein]
99 ९९ मैं अपने सब शिक्षकों से भी अधिक समझ रखता हूँ, क्योंकि मेरा ध्यान तेरी चितौनियों पर लगा है।
Verständiger bin ich als alle meine Lehrer, denn deine Zeugnisse sind mein Sinnen.
100 १०० मैं पुरनियों से भी समझदार हूँ, क्योंकि मैं तेरे उपदेशों को पकड़े हुए हूँ।
Mehr Einsicht habe ich als die Alten, denn deine Vorschriften habe ich bewahrt.
101 १०१ मैंने अपने पाँवों को हर एक बुरे रास्ते से रोक रखा है, जिससे मैं तेरे वचन के अनुसार चलूँ।
Von jedem bösen Pfade habe ich meine Füße zurückgehalten, damit ich dein Wort bewahre.
102 १०२ मैं तेरे नियमों से नहीं हटा, क्योंकि तू ही ने मुझे शिक्षा दी है।
Nicht bin ich von deinen Rechten gewichen, denn du, du hast mich unterwiesen.
103 १०३ तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुँह में मधु से भी मीठे हैं!
Wie süß sind meinem Gaumen deine Worte, mehr als Honig meinem Munde!
104 १०४ तेरे उपदेशों के कारण मैं समझदार हो जाता हूँ, इसलिए मैं सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूँ। नून
Aus deinen Vorschriften empfange ich Einsicht; darum hasse ich jeden Lügenpfad.
105 १०५ तेरा वचन मेरे पाँव के लिये दीपक, और मेरे मार्ग के लिये उजियाला है।
Dein Wort ist Leuchte meinem Fuße und Licht für meinen Pfad.
106 १०६ मैंने शपथ खाई, और ठान लिया है कि मैं तेरे धर्ममय नियमों के अनुसार चलूँगा।
Ich habe geschworen und halte es aufrecht, zu beobachten die Rechte deiner Gerechtigkeit.
107 १०७ मैं अत्यन्त दुःख में पड़ा हूँ; हे यहोवा, अपने वादे के अनुसार मुझे जिला।
Ich bin über die Maßen gebeugt; Jehova, belebe mich nach deinem Worte!
108 १०८ हे यहोवा, मेरे वचनों को स्वेच्छाबलि जानकर ग्रहण कर, और अपने नियमों को मुझे सिखा।
Laß dir doch wohlgefallen, Jehova, die freiwilligen Opfer meines Mundes, lehre mich deine Rechte!
109 १०९ मेरा प्राण निरन्तर मेरी हथेली पर रहता है, तो भी मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।
Mein Leben ist stets in meiner Hand, [d. h. stets in Gefahr] aber dein Gesetz habe ich nicht vergessen.
110 ११० दुष्टों ने मेरे लिये फंदा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका।
Die Gesetzlosen haben mir eine Schlinge gelegt, aber von deinen Vorschriften bin ich nicht abgeirrt.
111 १११ मैंने तेरी चितौनियों को सदा के लिये अपना निज भागकर लिया है, क्योंकि वे मेरे हृदय के हर्ष का कारण है।
Deine Zeugnisse habe ich mir als Erbteil genommen auf ewig, denn meines Herzens Freude sind sie.
112 ११२ मैंने अपने मन को इस बात पर लगाया है, कि अन्त तक तेरी विधियों पर सदा चलता रहूँ। सामेख
Ich habe mein Herz geneigt, deine Satzungen zu tun ewiglich bis ans Ende.
113 ११३ मैं दुचित्तों से तो बैर रखता हूँ, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूँ।
Die Doppelherzigen hasse ich, und ich liebe dein Gesetz.
114 ११४ तू मेरी आड़ और ढाल है; मेरी आशा तेरे वचन पर है।
Mein Bergungsort und mein Schild bist du; auf dein Wort harre ich.
115 ११५ हे कुकर्मियों, मुझसे दूर हो जाओ, कि मैं अपने परमेश्वर की आज्ञाओं को पकड़े रहूँ!
Weichet von mir, ihr Übeltäter: ich will die Gebote meines Gottes bewahren.
116 ११६ हे यहोवा, अपने वचन के अनुसार मुझे सम्भाल, कि मैं जीवित रहूँ, और मेरी आशा को न तोड़!
Unterstütze mich nach deiner Zusage, so werde ich leben; und laß mich nicht beschämt werden in meiner Hoffnung!
117 ११७ मुझे थामे रख, तब मैं बचा रहूँगा, और निरन्तर तेरी विधियों की ओर चित्त लगाए रहूँगा!
Stütze mich, so werde ich gerettet werden; und ich will stets schauen auf deine Satzungen.
118 ११८ जितने तेरी विधियों के मार्ग से भटक जाते हैं, उन सब को तू तुच्छ जानता है, क्योंकि उनकी चतुराई झूठ है।
Verworfen hast du alle, die von deinen Satzungen abirren; denn Lüge ist ihr Trug.
119 ११९ तूने पृथ्वी के सब दुष्टों को धातु के मैल के समान दूर किया है; इस कारण मैं तेरी चितौनियों से प्रीति रखता हूँ।
Wie Schlacken hast du hinweggeräumt alle Gesetzlosen der Erde; darum liebe ich deine Zeugnisse.
120 १२० तेरे भय से मेरा शरीर काँप उठता है, और मैं तेरे नियमों से डरता हूँ। ऐन
Vor deinem Schrecken schaudert mein Fleisch, und ich fürchte mich vor deinen Gerichten. [O. Urteilen, Rechten]
121 १२१ मैंने तो न्याय और धर्म का काम किया है; तू मुझे अत्याचार करनेवालों के हाथ में न छोड़।
Ich habe Recht und Gerechtigkeit geübt; überlaß mich nicht meinen Bedrückern!
122 १२२ अपने दास की भलाई के लिये जामिन हो, ताकि अहंकारी मुझ पर अत्याचार न करने पाएँ।
Sei Bürge für deinen Knecht zum Guten; laß die Übermütigen mich nicht bedrücken!
123 १२३ मेरी आँखें तुझ से उद्धार पाने, और तेरे धर्ममय वचन के पूरे होने की बाट जोहते-जोहते धुँधली पड़ गई हैं।
Meine Augen schmachten nach deiner Rettung und nach der Zusage deiner Gerechtigkeit.
124 १२४ अपने दास के संग अपनी करुणा के अनुसार बर्ताव कर, और अपनी विधियाँ मुझे सिखा।
Handle mit deinem Knechte nach deiner Güte, und lehre mich deine Satzungen!
125 १२५ मैं तेरा दास हूँ, तू मुझे समझ दे कि मैं तेरी चितौनियों को समझूँ।
Dein Knecht bin ich, gib mir Einsicht, so werde ich deine Zeugnisse erkennen.
126 १२६ वह समय आया है, कि यहोवा काम करे, क्योंकि लोगों ने तेरी व्यवस्था को तोड़ दिया है।
Es ist Zeit für Jehova zu handeln: sie haben dein Gesetz gebrochen.
127 १२७ इस कारण मैं तेरी आज्ञाओं को सोने से वरन् कुन्दन से भी अधिक प्रिय मानता हूँ।
Darum liebe ich deine Gebote mehr als Gold und gediegenes Gold;
128 १२८ इसी कारण मैं तेरे सब उपदेशों को सब विषयों में ठीक जानता हूँ; और सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूँ। पे
Darum halte ich alle deine Vorschriften für recht; jeden Lügenpfad hasse ich.
129 १२९ तेरी चितौनियाँ अद्भुत हैं, इस कारण मैं उन्हें अपने जी से पकड़े हुए हूँ।
Wunderbar sind deine Zeugnisse, darum bewahrt sie meine Seele.
130 १३० तेरी बातों के खुलने से प्रकाश होता है; उससे निर्बुद्धि लोग समझ प्राप्त करते हैं।
Die Eröffnung [And. übers.: Der Eingang] deines Wortes erleuchtet, gibt Einsicht den Einfältigen.
131 १३१ मैं मुँह खोलकर हाँफने लगा, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं का प्यासा था।
Ich habe meinen Mund weit aufgetan und gelechzt, denn ich habe verlangt nach deinen Geboten.
132 १३२ जैसी तेरी रीति अपने नाम के प्रीति रखनेवालों से है, वैसे ही मेरी ओर भी फिरकर मुझ पर दया कर।
Wende dich zu mir und sei mir gnädig, wie du gegen die zu tun pflegst, die deinen Namen lieben!
133 १३३ मेरे पैरों को अपने वचन के मार्ग पर स्थिर कर, और किसी अनर्थ बात को मुझ पर प्रभुता न करने दे।
Befestige meine Schritte in deinem Worte, [O. durch dein Wort] und laß kein Unrecht mich beherrschen! [And.: über mich herrschen]
134 १३४ मुझे मनुष्यों के अत्याचार से छुड़ा ले, तब मैं तेरे उपदेशों को मानूँगा।
Erlöse mich von der Bedrückung des Menschen, und ich will deine Vorschriften beobachten.
135 १३५ अपने दास पर अपने मुख का प्रकाश चमका दे, और अपनी विधियाँ मुझे सिखा।
Laß dein Angesicht leuchten über deinen Knecht, und lehre mich deine Satzungen!
136 १३६ मेरी आँखों से आँसुओं की धारा बहती रहती है, क्योंकि लोग तेरी व्यवस्था को नहीं मानते। सांदे
Wasserbäche fließen herab aus meinen Augen, weil sie dein Gesetz nicht halten.
137 १३७ हे यहोवा तू धर्मी है, और तेरे नियम सीधे हैं।
Gerecht bist du, Jehova, und gerade sind deine Gerichte. [O. Urteile, Rechte]
138 १३८ तूने अपनी चितौनियों को धर्म और पूरी सत्यता से कहा है।
Du hast in Gerechtigkeit deine Zeugnisse geboten und in Treue gar sehr.
139 १३९ मैं तेरी धुन में भस्म हो रहा हूँ, क्योंकि मेरे सतानेवाले तेरे वचनों को भूल गए हैं।
Verzehrt hat mich mein Eifer, denn meine Bedränger haben deine Worte vergessen.
140 १४० तेरा वचन पूरी रीति से ताया हुआ है, इसलिए तेरा दास उसमें प्रीति रखता है।
Wohlgeläutert ist dein Wort, und dein Knecht hat es lieb.
141 १४१ मैं छोटा और तुच्छ हूँ, तो भी मैं तेरे उपदेशों को नहीं भूलता।
Gering bin ich und verachtet; deine Vorschriften habe ich nicht vergessen.
142 १४२ तेरा धर्म सदा का धर्म है, और तेरी व्यवस्था सत्य है।
Deine Gerechtigkeit ist eine ewige Gerechtigkeit, und dein Gesetz ist Wahrheit.
143 १४३ मैं संकट और सकेती में फँसा हूँ, परन्तु मैं तेरी आज्ञाओं से सुखी हूँ।
Angst und Bedrängnis haben mich erreicht; deine Gebote sind meine Wonne.
144 १४४ तेरी चितौनियाँ सदा धर्ममय हैं; तू मुझ को समझ दे कि मैं जीवित रहूँ। क़ाफ़
Gerechtigkeit sind deine Zeugnisse ewiglich; gib mir Einsicht, so werde ich leben.
145 १४५ मैंने सारे मन से प्रार्थना की है, हे यहोवा मेरी सुन! मैं तेरी विधियों को पकड़े रहूँगा।
Von ganzem Herzen habe ich gerufen; erhöre mich, Jehova! ich will deine Satzungen beobachten.
146 १४६ मैंने तुझ से प्रार्थना की है, तू मेरा उद्धार कर, और मैं तेरी चितौनियों को माना करूँगा।
Zu dir habe ich gerufen, rette mich! und ich will deine Zeugnisse bewahren.
147 १४७ मैंने पौ फटने से पहले दुहाई दी; मेरी आशा तेरे वचनों पर थी।
Der Morgendämmerung bin ich zuvorgekommen und habe geschrieen; auf dein Wort habe ich geharrt.
148 १४८ मेरी आँखें रात के एक-एक पहर से पहले खुल गईं, कि मैं तेरे वचन पर ध्यान करूँ।
Meine Augen sind den Nachtwachen zuvorgekommen, um zu sinnen über dein Wort.
149 १४९ अपनी करुणा के अनुसार मेरी सुन ले; हे यहोवा, अपनी नियमों के रीति अनुसार मुझे जीवित कर।
Höre meine Stimme nach deiner Güte; Jehova, belebe mich nach deinen Rechten!
150 १५० जो दुष्टता की धुन में हैं, वे निकट आ गए हैं; वे तेरी व्यवस्था से दूर हैं।
Es haben sich genaht, die bösen Plänen [O. Schandbarem] nachjagen; fern sind sie von deinem Gesetz.
151 १५१ हे यहोवा, तू निकट है, और तेरी सब आज्ञाएँ सत्य हैं।
Du bist nahe, Jehova; und alle deine Gebote sind Wahrheit.
152 १५२ बहुत काल से मैं तेरी चितौनियों को जानता हूँ, कि तूने उनकी नींव सदा के लिये डाली है। रेश
Von alters her habe ich aus deinen Zeugnissen gewußt, daß du sie gegründet hast auf ewig.
153 १५३ मेरे दुःख को देखकर मुझे छुड़ा ले, क्योंकि मैं तेरी व्यवस्था को भूल नहीं गया।
Sieh an mein Elend und befreie mich! denn dein Gesetz habe ich nicht vergessen.
154 १५४ मेरा मुकद्दमा लड़, और मुझे छुड़ा ले; अपने वादे के अनुसार मुझ को जिला।
Führe meinen Rechtsstreit und erlöse mich! belebe mich nach deiner Zusage!
155 १५५ दुष्टों को उद्धार मिलना कठिन है, क्योंकि वे तेरी विधियों की सुधि नहीं रखते।
Fern von den Gesetzlosen ist Rettung, denn nach deinen Satzungen trachten sie nicht.
156 १५६ हे यहोवा, तेरी दया तो बड़ी है; इसलिए अपने नियमों के अनुसार मुझे जिला।
Deiner Erbarmungen sind viele, Jehova; belebe mich nach deinen Rechten!
157 १५७ मेरा पीछा करनेवाले और मेरे सतानेवाले बहुत हैं, परन्तु मैं तेरी चितौनियों से नहीं हटता।
Viele sind meiner Verfolger und meiner Bedränger; von deinen Zeugnissen bin ich nicht abgewichen.
158 १५८ मैं विश्वासघातियों को देखकर घृणा करता हूँ; क्योंकि वे तेरे वचन को नहीं मानते।
Die Treulosen habe ich gesehen, und es ekelte mich an, weil sie dein Wort nicht bewahrten.
159 १५९ देख, मैं तेरे उपदेशों से कैसी प्रीति रखता हूँ! हे यहोवा, अपनी करुणा के अनुसार मुझ को जिला।
Sieh, daß ich deine Vorschriften lieb habe; nach deiner Güte, Jehova, belebe mich!
160 १६० तेरा सारा वचन सत्य ही है; और तेरा एक-एक धर्ममय नियम सदाकाल तक अटल है। शीन
Die Summe deines Wortes ist Wahrheit, und alles Recht [O. jede Entscheidung, Verordnung] deiner Gerechtigkeit währt ewiglich.
161 १६१ हाकिम व्यर्थ मेरे पीछे पड़े हैं, परन्तु मेरा हृदय तेरे वचनों का भय मानता है।
Fürsten haben mich verfolgt ohne Ursache; aber vor deinem Worte hat mein Herz sich gefürchtet.
162 १६२ जैसे कोई बड़ी लूट पाकर हर्षित होता है, वैसे ही मैं तेरे वचन के कारण हर्षित हूँ।
Ich freue mich über dein Wort wie einer, der große Beute findet.
163 १६३ झूठ से तो मैं बैर और घृणा रखता हूँ, परन्तु तेरी व्यवस्था से प्रीति रखता हूँ।
Lüge [O. Falschheit] hasse und verabscheue ich; ich liebe dein Gesetz.
164 १६४ तेरे धर्ममय नियमों के कारण मैं प्रतिदिन सात बार तेरी स्तुति करता हूँ।
Siebenmal des Tages lobe ich dich um der Rechte deiner Gerechtigkeit willen.
165 १६५ तेरी व्यवस्था से प्रीति रखनेवालों को बड़ी शान्ति होती है; और उनको कुछ ठोकर नहीं लगती।
Große Wohlfahrt [O. Großen Frieden] haben die, die dein Gesetz lieben, und kein Fallen gibt es für sie.
166 १६६ हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की आशा रखता हूँ; और तेरी आज्ञाओं पर चलता आया हूँ।
Ich habe auf deine Rettung gewartet, [O. gehofft] Jehova; und deine Gebote habe ich getan.
167 १६७ मैं तेरी चितौनियों को जी से मानता हूँ, और उनसे बहुत प्रीति रखता आया हूँ।
Meine Seele hat deine Zeugnisse bewahrt, und ich liebe sie sehr.
168 १६८ मैं तेरे उपदेशों और चितौनियों को मानता आया हूँ, क्योंकि मेरी सारी चाल चलन तेरे सम्मुख प्रगट है। ताव
Deine Vorschriften und deine Zeugnisse habe ich bewahrt, denn alle meine Wege sind vor dir.
169 १६९ हे यहोवा, मेरी दुहाई तुझ तक पहुँचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे समझ दे!
Laß mein Schreien nahe vor dich kommen, Jehova; gib mir Einsicht nach deinem Worte!
170 १७० मेरा गिड़गिड़ाना तुझ तक पहुँचे; तू अपने वचन के अनुसार मुझे छुड़ा ले।
Laß vor dich kommen mein Flehen; errette mich nach deiner Zusage!
171 १७१ मेरे मुँह से स्तुति निकला करे, क्योंकि तू मुझे अपनी विधियाँ सिखाता है।
Meine Lippen sollen dein Lob hervorströmen lassen, wenn du mich gelehrt hast [O. weil du mich lehrst] deine Satzungen.
172 १७२ मैं तेरे वचन का गीत गाऊँगा, क्योंकि तेरी सब आज्ञाएँ धर्ममय हैं।
Meine Zunge soll laut reden von deinem Worte, [Eig. dein Wort anheben, anstimmen] denn alle deine Gebote sind Gerechtigkeit.
173 १७३ तेरा हाथ मेरी सहायता करने को तैयार रहता है, क्योंकि मैंने तेरे उपदेशों को अपनाया है।
Laß deine Hand mir zu Hülfe kommen! denn ich habe deine Vorschriften erwählt.
174 १७४ हे यहोवा, मैं तुझ से उद्धार पाने की अभिलाषा करता हूँ, मैं तेरी व्यवस्था से सुखी हूँ।
Ich sehne mich nach deiner Rettung, Jehova; und dein Gesetz ist meine Wonne.
175 १७५ मुझे जिला, और मैं तेरी स्तुति करूँगा, तेरे नियमों से मेरी सहायता हो।
Laß meine Seele leben, und sie wird dich loben; [O. daß sie dich lobe] und deine Rechte mögen mir helfen!
176 १७६ मैं खोई हुई भेड़ के समान भटका हूँ; तू अपने दास को ढूँढ़ ले, क्योंकि मैं तेरी आज्ञाओं को भूल नहीं गया।
Ich bin umhergeirrt wie ein verlorenes Schaf; suche deinen Knecht! denn ich habe deine Gebote nicht vergessen.