< भजन संहिता 118 >

1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है!
O GIVE thanks unto the LORD; for he is good: for his mercy [endureth] for ever.
2 इस्राएल कहे, उसकी करुणा सदा की है।
Let Israel now say, that his mercy [endureth] for ever.
3 हारून का घराना कहे, उसकी करुणा सदा की है।
Let the house of Aaron now say, that his mercy [endureth] for ever.
4 यहोवा के डरवैये कहे, उसकी करुणा सदा की है।
Let them now that fear the LORD say, that his mercy [endureth] for ever.
5 मैंने सकेती में परमेश्वर को पुकारा, परमेश्वर ने मेरी सुनकर, मुझे चौड़े स्थान में पहुँचाया।
Out of my distress I called upon the LORD: the LORD answered me [and set me] in a large place.
6 यहोवा मेरी ओर है, मैं न डरूँगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है?
The LORD is on my side; I will not fear: what can man do unto me?
7 यहोवा मेरी ओर मेरे सहायक है; मैं अपने बैरियों पर दृष्टि कर सन्तुष्ट होऊँगा।
The LORD is on my side among them that help me: therefore shall I see [my desire] upon them that hate me.
8 यहोवा की शरण लेना, मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है।
It is better to trust in the LORD than to put confidence in man.
9 यहोवा की शरण लेना, प्रधानों पर भी भरोसा रखने से उत्तम है।
It is better to trust in the LORD, than to put confidence in princes.
10 १० सब जातियों ने मुझ को घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूँगा।
All nations compassed me about: in the name of the LORD I will cut them off.
11 ११ उन्होंने मुझ को घेर लिया है, निःसन्देह, उन्होंने मुझे घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूँगा।
They compassed me about; yea, they compassed me about: in the name of the LORD I will cut them off.
12 १२ उन्होंने मुझे मधुमक्खियों के समान घेर लिया है, परन्तु काँटों की आग के समान वे बुझ गए; यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूँगा!
They compassed me about like bees; they are quenched as the fire of thorns: in the name of the LORD I will cut them off.
13 १३ तूने मुझे बड़ा धक्का दिया तो था, कि मैं गिर पड़ूँ, परन्तु यहोवा ने मेरी सहायता की।
Thou didst thrust sore at me that I might fall: but the LORD helped me.
14 १४ परमेश्वर मेरा बल और भजन का विषय है; वह मेरा उद्धार ठहरा है।
The LORD is my strength and song; and he is become my salvation.
15 १५ धर्मियों के तम्बुओं में जयजयकार और उद्धार की ध्वनि हो रही है, यहोवा के दाहिने हाथ से पराक्रम का काम होता है,
The voice of rejoicing and salvation is in the tents of the righteous: the right hand of the LORD doeth valiantly.
16 १६ यहोवा का दाहिना हाथ महान हुआ है, यहोवा के दाहिने हाथ से पराक्रम का काम होता है!
The right hand of the LORD is exalted: the right hand of the LORD doeth valiantly.
17 १७ मैं न मरूँगा वरन् जीवित रहूँगा, और परमेश्वर के कामों का वर्णन करता रहूँगा।
I shall not die, but live, and declare the works of the LORD.
18 १८ परमेश्वर ने मेरी बड़ी ताड़ना तो की है परन्तु मुझे मृत्यु के वश में नहीं किया।
The LORD hath chastened me sore: but he hath not given me over unto death.
19 १९ मेरे लिये धर्म के द्वार खोलो, मैं उनमें प्रवेश करके यहोवा का धन्यवाद करूँगा।
Open to me the gates of righteousness: I will enter into them, I will give thanks unto the LORD.
20 २० यहोवा का द्वार यही है, इससे धर्मी प्रवेश करने पाएँगे।
This is the gate of the LORD; the righteous shall enter into it.
21 २१ हे यहोवा, मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, क्योंकि तूने मेरी सुन ली है, और मेरा उद्धार ठहर गया है।
I will give thanks unto thee, for thou hast answered me, and art become my salvation.
22 २२ राजमिस्त्रियों ने जिस पत्थर को निकम्मा ठहराया था वही कोने का सिरा हो गया है।
The stone which the builders rejected is become the head of the corner.
23 २३ यह तो यहोवा की ओर से हुआ है, यह हमारी दृष्टि में अद्भुत है।
This is the LORD’S doing; it is marvelous in our eyes.
24 २४ आज वह दिन है जो यहोवा ने बनाया है; हम इसमें मगन और आनन्दित हों।
This is the day which the LORD hath made; we will rejoice and be glad in it.
25 २५ हे यहोवा, विनती सुन, उद्धार कर! हे यहोवा, विनती सुन, सफलता दे!
Save now, we beseech thee, O LORD: O LORD, we beseech thee, send now prosperity.
26 २६ धन्य है वह जो यहोवा के नाम से आता है! हमने तुम को यहोवा के घर से आशीर्वाद दिया है।
Blessed be he that cometh in the name of the LORD: we have blessed you out of the house of the LORD.
27 २७ यहोवा परमेश्वर है, और उसने हमको प्रकाश दिया है। यज्ञपशु को वेदी के सींगों से रस्सियों से बाँधो!
The LORD is God, and he hath given us light: bind the sacrifice with cords, even unto the horns of the altar.
28 २८ हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है, मैं तेरा धन्यवाद करूँगा; तू मेरा परमेश्वर है, मैं तुझको सराहूँगा।
Thou art my God, and I will give thanks unto thee: thou art my God, I will exalt thee.
29 २९ यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा बनी रहेगी!
O give thanks unto the LORD; for he is good: for his mercy [endureth] for ever.

< भजन संहिता 118 >