< भजन संहिता 115 >
1 १ हे यहोवा, हमारी नहीं, हमारी नहीं, वरन् अपने ही नाम की महिमा, अपनी करुणा और सच्चाई के निमित्त कर।
No a nosotros, Yahvé, no a nosotros, pero a tu nombre dale gloria, por tu amorosa bondad, y por tu verdad.
2 २ जाति-जाति के लोग क्यों कहने पाएँ, “उनका परमेश्वर कहाँ रहा?”
¿Por qué han de decir las naciones, “¿Dónde está su Dios, ahora?”
3 ३ हमारा परमेश्वर तो स्वर्ग में हैं; उसने जो चाहा वही किया है।
Pero nuestro Dios está en los cielos. Hace lo que le da la gana.
4 ४ उन लोगों की मूरतें सोने चाँदी ही की तो हैं, वे मनुष्यों के हाथ की बनाई हुई हैं।
Sus ídolos son de plata y oro, el trabajo de las manos de los hombres.
5 ५ उनके मुँह तो रहता है परन्तु वे बोल नहीं सकती; उनके आँखें तो रहती हैं परन्तु वे देख नहीं सकती।
Tienen boca, pero no hablan. Tienen ojos, pero no ven.
6 ६ उनके कान तो रहते हैं, परन्तु वे सुन नहीं सकती; उनके नाक तो रहती हैं, परन्तु वे सूँघ नहीं सकती।
Tienen oídos, pero no oyen. Tienen nariz, pero no huelen.
7 ७ उनके हाथ तो रहते हैं, परन्तु वे स्पर्श नहीं कर सकती; उनके पाँव तो रहते हैं, परन्तु वे चल नहीं सकती; और उनके कण्ठ से कुछ भी शब्द नहीं निकाल सकती।
Tienen manos, pero no sienten. Tienen pies, pero no caminan, tampoco hablan por la garganta.
8 ८ जैसी वे हैं वैसे ही उनके बनानेवाले हैं; और उन पर सब भरोसा रखनेवाले भी वैसे ही हो जाएँगे।
Los que los hagan serán como ellos; sí, todos los que confían en ellos.
9 ९ हे इस्राएल, यहोवा पर भरोसा रख! तेरा सहायक और ढाल वही है।
¡Israel, confía en Yahvé! Él es su ayuda y su escudo.
10 १० हे हारून के घराने, यहोवा पर भरोसा रख! तेरा सहायक और ढाल वही है।
¡Casa de Aarón, confía en Yahvé! Él es su ayuda y su escudo.
11 ११ हे यहोवा के डरवैयों, यहोवा पर भरोसा रखो! तुम्हारा सहायक और ढाल वही है।
¡Tú que temes a Yahvé, confía en Yahvé! Él es su ayuda y su escudo.
12 १२ यहोवा ने हमको स्मरण किया है; वह आशीष देगा; वह इस्राएल के घराने को आशीष देगा; वह हारून के घराने को आशीष देगा।
Yahvé se acuerda de nosotros. Nos bendecirá. Él bendecirá a la casa de Israel. Él bendecirá la casa de Aarón.
13 १३ क्या छोटे क्या बड़े जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा।
Él bendecirá a los que temen a Yahvé, tanto pequeñas como grandes.
14 १४ यहोवा तुम को और तुम्हारे वंश को भी अधिक बढ़ाता जाए।
Que Yahvé te aumente más y más, usted y sus hijos.
15 १५ यहोवा जो आकाश और पृथ्वी का कर्ता है, उसकी ओर से तुम आशीष पाए हो।
Bendito seas por Yahvé, que hizo el cielo y la tierra.
16 १६ स्वर्ग तो यहोवा का है, परन्तु पृथ्वी उसने मनुष्यों को दी है।
Los cielos son los cielos de Yahvé, pero ha dado la tierra a los hijos de los hombres.
17 १७ मृतक जितने चुपचाप पड़े हैं, वे तो यहोवा की स्तुति नहीं कर सकते,
Los muertos no alaban a Yah, ni a los que se hunden en el silencio,
18 १८ परन्तु हम लोग यहोवा को अब से लेकर सर्वदा तक धन्य कहते रहेंगे। यहोवा की स्तुति करो!
pero bendeciremos a Yah, desde este momento y para siempre. ¡Alabado sea Yah!