< भजन संहिता 107 >

1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करुणा सदा की है!
خداوند را حمد بگویید زیرا که اونیکو است و رحمت او باقی است تا ابدالاباد.۱
2 यहोवा के छुड़ाए हुए ऐसा ही कहें, जिन्हें उसने शत्रु के हाथ से दाम देकर छुड़ा लिया है,
فدیه شدگان خداوند این را بگویند که ایشان را از دست دشمن فدیه داده است.۲
3 और उन्हें देश-देश से, पूरब-पश्चिम, उत्तर और दक्षिण से इकट्ठा किया है।
وایشان را از بلدان جمع کرده، از مشرق و مغرب واز شمال و جنوب.۳
4 वे जंगल में मरूभूमि के मार्ग पर भटकते फिरे, और कोई बसा हुआ नगर न पाया;
در صحرا آواره شدند و دربادیه‌ای بی‌طریق و شهری برای سکونت نیافتند.۴
5 भूख और प्यास के मारे, वे विकल हो गए।
گرسنه و تشنه نیز شدند و جان ایشان در ایشان مستمند گردید.۵
6 तब उन्होंने संकट में यहोवा की दुहाई दी, और उसने उनको सकेती से छुड़ाया;
آنگاه در تنگی خود نزدخداوند فریاد برآوردند و ایشان را از تنگیهای ایشان رهایی بخشید.۶
7 और उनको ठीक मार्ग पर चलाया, ताकि वे बसने के लिये किसी नगर को जा पहुँचे।
و ایشان را به راه مستقیم رهبری نمود، تا به شهری مسکون درآمدند.۷
8 लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!
پس خداوند را به‌سبب رحمتش تشکرنمایند و به‌سبب کارهای عجیب وی با بنی آدم.۸
9 क्योंकि वह अभिलाषी जीव को सन्तुष्ट करता है, और भूखे को उत्तम पदार्थों से तृप्त करता है।
زیرا که جان آرزومند را سیر گردانید و جان گرسنه را از چیزهای نیکو پر ساخت.۹
10 १० जो अंधियारे और मृत्यु की छाया में बैठे, और दुःख में पड़े और बेड़ियों से जकड़े हुए थे,
آنانی که در تاریکی و سایه موت نشسته بودند، که درمذلت و آهن بسته شده بودند.۱۰
11 ११ इसलिए कि वे परमेश्वर के वचनों के विरुद्ध चले, और परमप्रधान की सम्मति को तुच्छ जाना।
زیرا به کلام خدامخالفت نمودند و به نصیحت حضرت اعلی اهانت کردند.۱۱
12 १२ तब उसने उनको कष्ट के द्वारा दबाया; वे ठोकर खाकर गिर पड़े, और उनको कोई सहायक न मिला।
و او دل ایشان را به مشقت ذلیل ساخت. بلغزیدند و مدد کننده‌ای نبود.۱۲
13 १३ तब उन्होंने संकट में यहोवा की दुहाई दी, और उसने सकेती से उनका उद्धार किया;
آنگاه در تنگی خود نزد خداوند فریاد برآوردند وایشان را از تنگیهای ایشان رهایی بخشید.۱۳
14 १४ उसने उनको अंधियारे और मृत्यु की छाया में से निकाल लिया; और उनके बन्धनों को तोड़ डाला।
ایشان را از تاریکی و سایه موت بیرون آورد وبندهای ایشان را بگسست.۱۴
15 १५ लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!
پس خداوند را به‌سبب رحمتش تشکرنمایند و به‌سبب کارهای عجیب او با بنی آدم.۱۵
16 १६ क्योंकि उसने पीतल के फाटकों को तोड़ा, और लोहे के बेंड़ों को टुकड़े-टुकड़े किया।
زیرا که دروازه های برنجین را شکسته، وبندهای آهنین را پاره کرده است.۱۶
17 १७ मूर्ख अपनी कुचाल, और अधर्म के कामों के कारण अति दुःखित होते हैं।
احمقان به‌سبب طریق شریرانه خود و به‌سبب گناهان خویش، خود را ذلیل ساختند.۱۷
18 १८ उनका जी सब भाँति के भोजन से मिचलाता है, और वे मृत्यु के फाटक तक पहुँचते हैं।
جان ایشان هرقسم خوراک را مکروه داشت و به دروازه های موت نزدیک شدند.۱۸
19 १९ तब वे संकट में यहोवा की दुहाई देते हैं, और वह सकेती से उनका उद्धार करता है;
آنگاه در تنگی خود نزدخداوند فریاد برآوردند و ایشان را از تنگیهای ایشان رهایی بخشید.۱۹
20 २० वह अपने वचन के द्वारा उनको चंगा करता और जिस गड्ढे में वे पड़े हैं, उससे निकालता है।
کلام خود را فرستاده، ایشان را شفا بخشید و ایشان را از هلاکتهای ایشان رهانید.۲۰
21 २१ लोग यहोवा की करुणा के कारण और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!
پس خداوند را به‌سبب رحمتش تشکرنمایند و به‌سبب کارهای عجیب او با بنی آدم.۲۱
22 २२ और वे धन्यवाद-बलि चढ़ाएँ, और जयजयकार करते हुए, उसके कामों का वर्णन करें।
و قربانی های تشکر را بگذرانند و اعمال وی رابه ترنم ذکر کنند.۲۲
23 २३ जो लोग जहाजों में समुद्र पर चलते हैं, और महासागर पर होकर व्यापार करते हैं;
آنانی که در کشتیها به دریارفتند، و در آبهای کثیر شغل کردند.۲۳
24 २४ वे यहोवा के कामों को, और उन आश्चर्यकर्मों को जो वह गहरे समुद्र में करता है, देखते हैं।
اینان کارهای خداوند را دیدند و اعمال عجیب او را درلجه‌ها.۲۴
25 २५ क्योंकि वह आज्ञा देता है, तब प्रचण्ड वायु उठकर तरंगों को उठाती है।
او گفت پس باد تند را وزانید و امواج آن را برافراشت.۲۵
26 २६ वे आकाश तक चढ़ जाते, फिर गहराई में उतर आते हैं; और क्लेश के मारे उनके जी में जी नहीं रहता;
به آسمانها بالا رفتند و به لجه‌ها فرود شدند و جان ایشان از سخنی گداخته گردید.۲۶
27 २७ वे चक्कर खाते, और मतवालों की भाँति लड़खड़ाते हैं, और उनकी सारी बुद्धि मारी जाती है।
سرگردان گشته، مثل مستان افتان وخیزان شدند و عقل ایشان تمام حیران گردید.۲۷
28 २८ तब वे संकट में यहोवा की दुहाई देते हैं, और वह उनको सकेती से निकालता है।
آنگاه در تنگی خود نزد خداوند فریادبرآوردند و ایشان را از تنگیهای ایشان رهایی بخشید.۲۸
29 २९ वह आँधी को थाम देता है और तरंगें बैठ जाती हैं।
طوفان را به آرامی ساکت ساخت که موجهایش ساکن گردید.۲۹
30 ३० तब वे उनके बैठने से आनन्दित होते हैं, और वह उनको मन चाहे बन्दरगाह में पहुँचा देता है।
پس مسرور شدندزیرا که آسایش یافتند و ایشان را به بندر مرادایشان رسانید.۳۰
31 ३१ लोग यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें।
پس خداوند را به‌سبب رحمتش تشکرنمایند و به‌سبب کارهای عجیب او با بنی آدم.۳۱
32 ३२ और सभा में उसको सराहें, और पुरनियों के बैठक में उसकी स्तुति करें।
و او را در مجمع قوم متعال بخوانند و درمجلس مشایخ او را تسبیح بگویند.۳۲
33 ३३ वह नदियों को जंगल बना डालता है, और जल के सोतों को सूखी भूमि कर देता है।
او نهرها رابه بادیه مبدل کرد و چشمه های آب را به زمین تشنه.۳۳
34 ३४ वह फलवन्त भूमि को बंजर बनाता है, यह वहाँ के रहनेवालों की दुष्टता के कारण होता है।
و زمین بارور را نیز به شوره زار، به‌سبب شرارت ساکنان آن.۳۴
35 ३५ वह जंगल को जल का ताल, और निर्जल देश को जल के सोते कर देता है।
بادیه را به دریاچه آب مبدل کرد و زمین خشک را به چشمه های آب.۳۵
36 ३६ और वहाँ वह भूखों को बसाता है, कि वे बसने के लिये नगर तैयार करें;
و گرسنگان را در آنجا ساکن ساخت تا شهری برای سکونت بنا نمودند.۳۶
37 ३७ और खेती करें, और दाख की बारियाँ लगाएँ, और भाँति-भाँति के फल उपजा लें।
و مزرعه‌ها کاشتند وتاکستانها غرس نمودند و حاصل غله به عمل آوردند.۳۷
38 ३८ और वह उनको ऐसी आशीष देता है कि वे बहुत बढ़ जाते हैं, और उनके पशुओं को भी वह घटने नहीं देता।
و ایشان را برکت داد تا به غایت کثیرشدند و بهایم ایشان را نگذارد کم شوند.۳۸
39 ३९ फिर विपत्ति और शोक के कारण, वे घटते और दब जाते हैं।
و بازکم گشتند و ذلیل شدند، از ظلم و شقاوت و حزن.۳۹
40 ४० और वह हाकिमों को अपमान से लादकर मार्ग रहित जंगल में भटकाता है;
ذلت را بر روسا می‌ریزد و ایشان را در بادیه‌ای که راه ندارد آواره می‌سازد.۴۰
41 ४१ वह दरिद्रों को दुःख से छुड़ाकर ऊँचे पर रखता है, और उनको भेड़ों के झुण्ड के समान परिवार देता है।
اما مسکین را ازمشقتش برمی افروزد و قبیله‌ها را مثل گله هابرایش پیدا می‌کند.۴۱
42 ४२ सीधे लोग देखकर आनन्दित होते हैं; और सब कुटिल लोग अपने मुँह बन्द करते हैं।
صالحان این را دیده، شادمان می‌شوند و تمامی شرارت دهان خود راخواهد بست.۴۲
43 ४३ जो कोई बुद्धिमान हो, वह इन बातों पर ध्यान करेगा; और यहोवा की करुणा के कामों पर ध्यान करेगा।
کیست خردمند تا بدین چیزهاتفکر نماید؟ که ایشان رحمت های خداوند راخواهند فهمید.۴۳

< भजन संहिता 107 >