< भजन संहिता 101 >
1 १ दाऊद का भजन मैं करुणा और न्याय के विषय गाऊँगा; हे यहोवा, मैं तेरा ही भजन गाऊँगा।
A Psalm of David. I will sing of mercy and judgment: unto thee, O LORD, will I sing praises.
2 २ मैं बुद्धिमानी से खरे मार्ग में चलूँगा। तू मेरे पास कब आएगा? मैं अपने घर में मन की खराई के साथ अपनी चाल चलूँगा;
I will behave myself wisely in a perfect way: Oh when wilt thou come unto me? I will walk within my house with a perfect heart.
3 ३ मैं किसी ओछे काम पर चित्त न लगाऊँगा। मैं कुमार्ग पर चलनेवालों के काम से घिन रखता हूँ; ऐसे काम में मैं न लगूँगा।
I will set no base thing before mine eyes: I hate the work of them that turn aside; it shall not cleave unto me.
4 ४ टेढ़ा स्वभाव मुझसे दूर रहेगा; मैं बुराई को जानूँगा भी नहीं।
A froward heart shall depart from me: I will know no evil thing.
5 ५ जो छिपकर अपने पड़ोसी की चुगली खाए, उसका मैं सत्यानाश करूँगा; जिसकी आँखें चढ़ी हों और जिसका मन घमण्डी है, उसकी मैं न सहूँगा।
Whoso privily slandereth his neighbour, him will I destroy: him that hath an high look and a proud heart will I not suffer.
6 ६ मेरी आँखें देश के विश्वासयोग्य लोगों पर लगी रहेंगी कि वे मेरे संग रहें; जो खरे मार्ग पर चलता है वही मेरा सेवक होगा।
Mine eyes shall be upon the faithful of the land, that they may dwell with me: he that walketh in a perfect way, he shall minister unto me.
7 ७ जो छल करता है वह मेरे घर के भीतर न रहने पाएगा; जो झूठ बोलता है वह मेरे सामने बना न रहेगा।
He that worketh deceit shall not dwell within my house: he that speaketh falsehood shall not be established before mine eyes.
8 ८ प्रति भोर, मैं देश के सब दुष्टों का सत्यानाश किया करूँगा, ताकि यहोवा के नगर के सब अनर्थकारियों को नाश करूँ।
Morning by morning will I destroy all the wicked of the land; to cut off all the workers of iniquity from the city of the LORD.