< नीतिवचन 2 >
1 १ हे मेरे पुत्र, यदि तू मेरे वचन ग्रहण करे, और मेरी आज्ञाओं को अपने हृदय में रख छोड़े,
Mon fils, si tu reçois mes paroles, et si tu conserves avec toi mes commandements,
2 २ और बुद्धि की बात ध्यान से सुने, और समझ की बात मन लगाकर सोचे;
Tellement que tu rendes ton oreille attentive à la sagesse, et que tu inclines ton cœur à l'intelligence;
3 ३ यदि तू प्रवीणता और समझ के लिये अति यत्न से पुकारे,
Si tu appelles à toi la prudence, et si tu adresses ta voix à l'intelligence;
4 ४ और उसको चाँदी के समान ढूँढ़े, और गुप्त धन के समान उसकी खोज में लगा रहे;
Si tu la cherches comme de l'argent, et si tu la recherches soigneusement comme un trésor;
5 ५ तो तू यहोवा के भय को समझेगा, और परमेश्वर का ज्ञान तुझे प्राप्त होगा।
Alors tu comprendras la crainte de l'Éternel, et tu trouveras la connaissance de Dieu.
6 ६ क्योंकि बुद्धि यहोवा ही देता है; ज्ञान और समझ की बातें उसी के मुँह से निकलती हैं।
Car l'Éternel donne la sagesse; de sa bouche procèdent la connaissance et l'intelligence.
7 ७ वह सीधे लोगों के लिये खरी बुद्धि रख छोड़ता है; जो खराई से चलते हैं, उनके लिये वह ढाल ठहरता है।
Il réserve le salut à ceux qui sont droits, et il est le bouclier de ceux qui marchent en intégrité,
8 ८ वह न्याय के पथों की देख-भाल करता, और अपने भक्तों के मार्ग की रक्षा करता है।
Pour suivre les sentiers de la justice. Il gardera la voie de ses bien-aimés.
9 ९ तब तू धर्म और न्याय और सिधाई को, अर्थात् सब भली-भली चाल को समझ सकेगा;
Alors tu connaîtras la justice, et le jugement, et l'équité, et tout bon chemin.
10 १० क्योंकि बुद्धि तो तेरे हृदय में प्रवेश करेगी, और ज्ञान तेरे प्राण को सुख देनेवाला होगा;
Car la sagesse viendra dans ton cœur, et la connaissance sera agréable à ton âme;
11 ११ विवेक तुझे सुरक्षित रखेगा; और समझ तेरी रक्षक होगी;
La prudence veillera sur toi, et l'intelligence te gardera;
12 १२ ताकि वे तुझे बुराई के मार्ग से, और उलट-फेर की बातों के कहनेवालों से बचाएंगे,
Pour te délivrer du mauvais chemin, et de l'homme qui parle avec perversité;
13 १३ जो सिधाई के मार्ग को छोड़ देते हैं, ताकि अंधेरे मार्ग में चलें;
De ceux qui abandonnent les chemins de la droiture, pour marcher dans les voies des ténèbres;
14 १४ जो बुराई करने से आनन्दित होते हैं, और दुष्ट जन की उलट-फेर की बातों में मगन रहते हैं;
Qui se réjouissent de mal faire et qui prennent plaisir dans les égarements du méchant;
15 १५ जिनके चाल चलन टेढ़े-मेढ़े और जिनके मार्ग में कुटिलता हैं।
Dont les chemins sont détournés, et qui suivent des voies tortueuses.
16 १६ बुद्धि और विवेक तुझे पराई स्त्री से बचाएँगे, जो चिकनी चुपड़ी बातें बोलती है,
Tu seras aussi délivré de la femme étrangère, et de la femme d'autrui, dont les paroles sont flatteuses;
17 १७ और अपनी जवानी के साथी को छोड़ देती, और जो अपने परमेश्वर की वाचा को भूल जाती है।
Qui a abandonné le compagnon de sa jeunesse, et qui a oublié l'alliance de son Dieu.
18 १८ उसका घर मृत्यु की ढलान पर है, और उसकी डगरें मरे हुओं के बीच पहुँचाती हैं;
Car sa maison penche vers la mort, son chemin mène chez les morts.
19 १९ जो उसके पास जाते हैं, उनमें से कोई भी लौटकर नहीं आता; और न वे जीवन का मार्ग पाते हैं।
Pas un de ceux qui vont vers elle n'en revient, ni ne retrouve les sentiers de la vie.
20 २० इसलिए तू भले मनुष्यों के मार्ग में चल, और धर्मियों के पथ को पकड़े रह।
Ainsi tu marcheras dans la voie des gens de bien, tu garderas les sentiers des justes.
21 २१ क्योंकि धर्मी लोग देश में बसे रहेंगे, और खरे लोग ही उसमें बने रहेंगे।
Car ceux qui sont droits habiteront la terre, et les hommes intègres y subsisteront.
22 २२ दुष्ट लोग देश में से नाश होंगे, और विश्वासघाती उसमें से उखाड़े जाएँगे।
Mais les méchants seront retranchés de la terre, et ceux qui agissent perfidement, en seront arrachés.